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Month: March 2018

00 Weekly Murli

31-03-2018

31-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान और योगबल से पुराने पापों के खाते को चुक्तू कर नया पुण्य का खाता जमा करना है, योगबल से एवरहेल्दी वेल्दी बनना है” प्रश्नः- संगमयुग की विशेषतायें कौन सी हैं, जो सारे कल्प में नहीं हो सकती हैं? उत्तर:- संगमयुग पर ही 5 हजार वर्ष […]Read More

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30-03-2018

30-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे लाडले बच्चे – तुम्हारी है रूहानी याद की यात्रा, तुम्हें शरीर को कोई तकलीफ नहीं देनी है, चलते-फिरते, उठते-बैठते बुद्धि से बाप को याद करो” प्रश्नः- सदा खुशी किन बच्चों को रहती है? स्थाई खुशी न रहने का कारण क्या है? उत्तर:- जो पुरानी दुनिया, पुराने शरीर से […]Read More

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29-03-2018

29-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें बाप के आक्यूपेशन और गुणों सहित उसे याद करना है, याद से ही तुम विकर्माजीत बनेंगे, विकारों की मैल भस्म होगी” प्रश्नः- ज्ञान की धारणा किन बच्चों को बहुत सहज हो सकती है? उत्तर:- जिनमें कोई भी पुराने उल्टे सुल्टे संस्कार नहीं हैं, जिनकी बुद्धि […]Read More

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28-03-2018

28-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सबको सुख देने वाला भोला व्यापारी एक बाप है, वही तुम्हारी सब पुरानी चीजें लेकर नई देते हैं, उनकी ही पूजा होती है” प्रश्नः- तुम्हारी गॉडली मिशनरी का कर्तव्य क्या है? तुम्हें कौन सी सेवा करनी है? उत्तर:- तुम्हारा कर्तव्य है – सभी मनुष्यमात्र का कल्याण […]Read More

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27-03-2018

27-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – विजयी रत्न बनने के लिए जीते जी मरकर देही-अभिमानी बन बाप के गले का हार बनने का पुरुषार्थ करो” प्रश्नः- स्वदर्शन चक्र का राज़ स्पष्ट होते हुए भी बच्चों में धारणा नम्बरवार होती है – क्यों? उत्तर:- क्योंकि यह ड्रामा बहुत कायदे अनुसार बना हुआ है। […]Read More

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26-03-2018

26-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप तुम्हें नई दुनिया के लिए नया ज्ञान देते हैं, जिससे सूर्यवंशी घराना स्थापन होता है, उस घराने के तुम अभी मालिक बन रहे हो” प्रश्न: किस बात का निश्चय पक्का हो तो वर्से के अधिकारी सहज बन सकते हैं? उत्तर: पहले-पहले यह निश्चय हो जाए […]Read More

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24-03-2018

24-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम रूहानी यात्रा पर हो तुम्हें देह का भान और पुरानी दुनिया को भूल वापस घर चलना है, एक बाप की याद में रहना है” प्रश्न: साक्षी हो कौन सी बात हर एक को अपने आप से पूछनी है? उत्तर: जैसे बाप साक्षी हो हर एक […]Read More

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25-03-18

25-03-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 01-06-83 मधुबन “नये ज्ञान और ज्ञान दाता को अथॉरिटी से प्रत्यक्ष करो तब प्रत्यक्षता का नगाड़ा बजेगा” (मीटिंग में बापदादा की पधरामणी) सभी ताज और तख्तधारी विशेष आत्माओं की सभा है ना। सभी अपने को ताज व तख्तधारी समझते हो ना! सभी बेहद की सेवा के जिम्मेवारी के ताजधारी […]Read More

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22-03-2018

22-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप के बने हो तो फर्स्ट नम्बर लेने का पुरुषार्थ करो, मम्मा-बाबा को फालो करने से, पढ़ाई पर ध्यान देने से नम्बर फर्स्ट आ जायेंगे” प्रश्न: मनमत पर किये हुए कर्मों की रिजल्ट और श्रीमत पर किये हुए कर्मों की रिजल्ट में अन्तर क्या है? उत्तर: […]Read More

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23-03-2018

23-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – जब स्वच्छ पौधों पर 5 विकारों की मैल चढ़ती है तब भ्रष्टाचार बढ़ता है, अब तुम्हें श्रेष्ठाचारी बनना और बनाना है” प्रश्न: श्रेष्ठ बनने के लिए श्री श्री शिवबाबा की श्रेष्ठ मत कौन सी मिलती है? उत्तर: श्रेष्ठ बनने के लिए बाप की श्रीमत मिलती है […]Read More