30-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम ब्राह्मणों का यह नया झाड़ है, इसकी वृद्धि भी करनी है तो सम्भाल भी करनी है क्योंकि नये झाड़ को चिड़ियायें खा जाती हैं” प्रश्नः- ब्राह्मण झाड़ में निकले हुए पत्ते मुरझाते क्यों हैं? कारण और निवारण क्या है? उत्तर:- बाप जो ज्ञान के वन्डरफुल […]Read More
29-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान है मक्खन, भक्ति है छांछ, बाप तुम्हें ज्ञान रूपी मक्खन देकर विश्व का मालिक बना देते हैं, इसलिए कृष्ण के मुख में मक्खन दिखाते हैं” प्रश्नः- निश्चयबुद्धि की परख क्या है? निश्चय के आधार पर क्या प्राप्ति होती है? उत्तर:- 1. निश्चयबुद्धि बच्चे शमा पर […]Read More
28-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – मनुष्य को देवता बनाने की सर्विस का तुम्हें बहुत-बहुत शौक होना चाहिए लेकिन इस सर्विस के लिए स्वयं में हड्डी धारणा चाहिए” प्रश्नः- आत्मा मैली कैसे बनती है? आत्मा पर कौन सी मैल चढ़ती है? उत्तर:- मित्र-सम्बन्धियों की याद से आत्मा मैली बन जाती है। पहले […]Read More
27-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें बाप समान मुरलीधर जरूर बनना है, मुरलीधर बच्चे ही बाप के मददगार हैं, बाप उन पर ही राज़ी होता है” प्रश्नः- किन बच्चों की बुद्धि बहुत-बहुत निर्मान हो जाती है? उत्तर:- जो अविनाशी ज्ञान रत्नों का दान कर सच्चे फ्लैन्थ्रोफिस्ट बनते हैं, होशियार सेल्समैन बन […]Read More
26-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देह-अभिमान में आने से ही माया की चमाट लगती है, देही-अभिमानी रहो तो बाप की हर श्रीमत का पालन कर सकेंगे” प्रश्नः- बाप के पास दो प्रकार के पुरुषार्थी बच्चे हैं, वह कौन से? उत्तर:- एक बच्चे हैं जो बाप से वर्सा लेने का पूरा-पूरा पुरुषार्थ […]Read More
25-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 01-03-84 मधुबन एक का हिसाब आज सर्व सहजयोगी, सदा सहयोगी बच्चों को देख हर्षित हो रहे हैं। सर्व तरफ से आये हुए बाप के बच्चे एक बल एक भरोसा, एक मत, एकरस, एक ही के गुण गाने वाले, एक ही के साथ सर्व सम्बन्ध निभाने वाले, एक के साथ […]Read More
24-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देह सहित यह सब कुछ ख़त्म होने वाला है, इसलिए तुम्हें पुरानी दुनिया के समाचार सुनने की दरकार नहीं, तुम बाप और वर्से को याद करो” प्रश्नः- श्रीमत के लिए गायन कौन-सा है? श्रीमत पर चलने वालों की निशानी सुनाओ? उत्तर:- श्रीमत के लिए गायन है […]Read More
23-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सावधान हो पढ़ाई पर पूरा ध्यान दो, ऐसे नहीं कि हमारा तो डायरेक्ट शिवबाबा से कनेक्शन है, यह कहना भी देह-अभिमान है” प्रश्नः- भारत अविनाशी तीर्थ स्थान है – कैसे? उत्तर:- भारत बाप का बर्थ प्लेस होने के कारण अविनाशी खण्ड है, इस अविनाशी खण्ड में […]Read More
22-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देही-अभिमानी बनने में ही तुम्हारी सेफ्टी है, तुम श्रीमत पर रूहानी सर्विस में लग जाओ, तो देह-अभिमान रूपी दुश्मन वार नहीं करेगा” प्रश्नः- विकर्मों का बोझ सिर पर है, उसकी निशानी क्या होगी? उसे हल्का करने की विधि सुनाओ? उत्तर:- जब तक विकर्मों का बोझ है […]Read More
21-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – पावन बन गति-सद्गति के लायक बनो। पतित आत्मा गति-सद्गति के लायक नहीं। बेहद का बाप तुम्हें बेहद का लायक बनाते हैं।” प्रश्नः- पिताव्रता किसे कहेंगे? उसकी मुख्य निशानी सुनाओ? उत्तर:- पिताव्रता वह है जो बाप की श्रीमत पर पूरा चलते हैं, अशरीरी बनने का अभ्यास करते […]Read More