31-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – योग, अग्नि के समान है, जिसमें तुम्हारे पाप जल जाते हैं, आत्मा सतोप्रधान बन जाती है इसलिए एक बाप की याद में (योग में) रहो” प्रश्न: पुण्य आत्मा बनने वाले बच्चों को किस बात का बहुत-बहुत ध्यान रखना है? उत्तर: पैसा दान किसे देना है, इस […]Read More
30-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप तुम्हें ज्ञान योग की खुराक खिलाकर जबरदस्त खातिरी करते हैं, तो सदैव खुश-मौज में रहो और श्रीमत अनुसार सबकी खातिरी करते चलो” प्रश्न: इस संगमयुग पर आपके पास सबसे अमूल्य चीज़ कौन सी है, जिसकी सम्भाल करनी है? उत्तर: इस सर्वोत्तम ब्राह्मण कुल में आपकी […]Read More
29-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप की श्रीमत तुम्हें 21 पीढ़ी का सुख दे देती है, इतनी न्यारी मत बाप के सिवाए कोई दे नहीं सकता, तुम श्रीमत पर चलते रहो” प्रश्न: अपने आपको राजतिलक देने का सहज पुरूषार्थ क्या है? उत्तर: 1. अपने आपको राज-तिलक देने के लिए बाप की […]Read More
28-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अपने को संगमयुगी ब्राह्मण समझो तो सतयुगी झाड़ देखने में आयेंगे और अपार खुशी में रहेंगे” प्रश्न: जो ज्ञान के शौकीन बच्चे हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर: वे आपस में ज्ञान की ही बातें करेंगे। कभी परचिंतन नहीं करेंगे। एकान्त में जाकर विचार सागर […]Read More
27-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा एक-एक बोल बहुत मीठा फर्स्टक्लास होना चाहिए, जैसे बाप दु:ख हर्ता, सुख कर्ता है, ऐसे बाप समान सबको सुख दो” प्रश्न: लौकिक मित्र-सम्बन्धियों को ज्ञान देने की युक्ति क्या है? उत्तर: कोई भी मित्र-सम्बन्धी आदि हैं तो उनसे बहुत नम्रता से, प्रेमभाव से मुस्कराते हुए […]Read More
26-01-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 13-11-85 मधुबन संकल्प, संस्कार, सम्बन्ध बोल और कर्म में नवीनता लाओ आज नई दुनिया के नई रचना के रचयिता बाप अपने नई दुनिया के अधिकारी बच्चों को अर्थात् नई रचना को देख रहे हैं। नई रचना सदा ही प्यारी लगती है। दुनिया के हिसाब से पुराने युग में नया […]Read More
25-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें विकर्मों की सज़ा से मुक्त होने का पुरूषार्थ करना है, इस अन्तिम जन्म में सब हिसाब-किताब चुक्तू कर पावन बनना है” प्रश्न: धोखेबाज माया कौन-सी प्रतिज्ञा तुड़वाने की कोशिश करती है? उत्तर: तुमने प्रतिज्ञा की है – कोई भी देहधारी से हम दिल नहीं लगायेंगे। […]Read More
24-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अशरीरी बन जब बाप को याद करते हो तो तुम्हारे लिए यह दुनिया ही खत्म हो जाती है, देह और दुनिया भूली हुई है” प्रश्न: बाप द्वारा सभी बच्चों को ज्ञान का तीसरा नेत्र क्यों मिला है? उत्तर: […]Read More
23-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – निराकार बाप तुम्हें अपनी मत देकर आस्तिक बनाते हैं, आस्तिक बनने से ही तुम बाप का वर्सा ले सकते हो” प्रश्न: बेहद की राजाई प्राप्त करने के लिए किन दो बातों पर पूरा-पूरा अटेन्शन देना चाहिए? उत्तर: 1-पढ़ाई और 2-सर्विस। सर्विस के लिए लक्षण भी बहुत […]Read More
22-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप का पार्ट एक्यूरेट है, वह अपने समय पर आते हैं, ज़रा भी फ़र्क नहीं पड़ सकता, उनके आने का यादगार शिवरात्रि खूब धूमधाम से मनाओ” प्रश्न: किन बच्चों के विकर्म पूरे-पूरे विनाश नहीं हो पाते? उत्तर: जिनका योग ठीक नहीं है, बाप की याद नहीं […]Read More