31-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अभी पुरानी दुनिया के गेट से निकलकर शान्तिधाम और सुखधाम में जा रहे हो, बाप ही मुक्ति – जीवनमुक्ति का रास्ता बताते हैं” प्रश्नः- वर्तमान समय सबसे अच्छा कर्म कौन सा है? उत्तर:- सबसे अच्छा कर्म है मन्सा, वाचा, कर्मणा अन्धों की लाठी बनना। तुम […]Read More
30-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा चेहरा सदा खुशनुम : चाहिए ‘ हमें भगवान पढ़ाते हैं ‘, यह खुशी चेहरे से झलकनी चाहिए” प्रश्नः- अभी तुम बच्चों का मुख्य पुरूषार्थ क्या है? उत्तर:- तुम सजाओं से छूटने का ही पुरूषार्थ करते रहते हो। उसके लिए मुख्य है याद की यात्रा, जिससे […]Read More
29-03-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 16-12-85 मधुबन राइट हैन्ड कैसे बनें ? आज बापदादा अपनी अनेक भुजाओं को देख रहे हैं। 1 भुजायें सदा प्रत्यक्ष कर्म करने का आधार हैं। हर आत्मा अपनी भुजाओं द्वारा ही कर्म करती है। 2. भुजायें सहयोग की निशानी भी कही जातीं। सहयोगी आत्मा को राइटहैण्ड कहा जाता है। 3. भुजाओं को […]Read More
28-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह ज्ञान तुम्हें शीतल बनाता है, इस ज्ञान से काम – क्रोध की आग खत्म हो जाती है, भक्ति से वह आग खत्म नहीं होती” प्रश्नः- याद में मुख्य मेहनत कौन सी है? उत्तर:- बाप की याद में बैठते समय देह भी याद न आये। आत्म-अभिमानी […]Read More
27-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप अभी तुम्हारी पालना कर रहे हैं, पढ़ा रहे हैं, घर बैठे राय दे रहे हैं, तो कदम – कदम पर राय लेते रहो तब ऊंच पद मिलेगा” प्रश्नः- सजाओं से छूटने के लिए कौन-सा पुरूषार्थ बहुत समय का चाहिए? उत्तर:- नष्टोमोहा बनने का। किसी में […]Read More
26-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – जैसे तुम आत्माओं को यह शरीर रूपी सिंहासन मिला है, ऐसे बाप भी इस दादा के सिंहासन पर विराजमान हैं, उन्हें अपना सिंहासन नहीं” प्रश्नः- जिन बच्चों को ईश्वरीय सन्तान की स्मृति रहती है उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- उनका सच्चा लव एक बाप से […]Read More
25-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें मनुष्य से देवता बनने की पढ़ाई पढ़नी और पढ़ानी है, सबको शान्तिधाम और सुखधाम का रास्ता बताना है” प्रश्नः- जो सतोप्रधान पुरूषार्थी हैं उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- वह औरों को भी आप समान बनायेंगे। वह बहुतों का कल्याण करते रहेंगे। ज्ञान धन से झोली […]Read More
24-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – रूहानी सर्विस कर अपना और दूसरों का कल्याण करो, बाप से सच्ची दिल रखो तो बाप की दिल पर चढ़ जायेंगे” प्रश्नः- देही-अभिमानी बनने की मेहनत कौन कर सकते हैं? देही-अभिमानी की निशानियाँ सुनाओ? उत्तर:- जिनका पढ़ाई से और बाप से अटूट प्यार है वह देही-अभिमानी […]Read More
23-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह अनादि अविनाशी बना बनाया ड्रामा है, इसमें जो सीन पास हुई, वह फिर कल्प के बाद ही रिपीट होगी, इसलिए सदा निश्चिंत रहो” प्रश्नः- यह दुनिया अपनी तमोप्रधान स्टेज पर पहुँच गई है, उसकी निशानियाँ क्या हैं? उत्तर:- दिन-प्रतिदिन उपद्रव होते रहते हैं, कितनी घमसान […]Read More
22-03-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 14-12-85 मधुबन “ वर्तमान की यह जीवन ही भविष्य का दर्पण ” (मधुबन निवासियों के साथ) आज विश्व रचयिता बाप अपने मास्टर रचयिता बच्चों को देख रहे हैं। मास्टर रचयिता अपने रचता-पन की स्मृति में कहाँ तक स्थित रहते हैं। आप सभी रचयिता की विशेष पहली रचना यह देह है। इस देह रूपी रचना के रचयिता कहाँ तक […]Read More