29-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें नशा रहना चाहिए कि जिस शिव की सभी पूजा करते हैं, वह अभी हमारा बाप बना है, हम उनके सम्मुख बैठे हैं” प्रश्नः- मनुष्य भगवान से क्षमा क्यों मांगते हैं? क्या उन्हें क्षमा मिलती है? उत्तर:- मनुष्य समझते हैं हमने जो पाप कर्म किये हैं […]Read More
30-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान की प्वाइंट्स को स्मृति में रखो तो खुशी रहेगी, तुम अभी स्वर्ग के गेट पर खड़े हो, बाबा मुक्ति-जीवनमुक्ति की राह दिखा रहे हैं” प्रश्नः- अपने रजिस्टर को ठीक रखने के लिए कौन-सा अटेन्शन जरूर रखना है? उत्तर:- अटेन्शन रहे कि मन्सा-वाचा-कर्मणा किसी को भी […]Read More
31-05-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 18-01-86 मधुबन मन्सा शक्ति तथा निर्भयता की शक्ति आज वृक्षपति अपने नये वृक्ष के फाउण्डेशन बच्चों को देख रहे हैं। वृक्षपति अपने वृक्ष के तना को देख रहे हैं। सभी वृक्षपति की पालना के पले हुए श्रेष्ठ फलस्वरूप बच्चों को देख रहे हैं। आदि देव अपने आदि रत्नों को […]Read More
28-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देही-अभिमानी बन बाप को याद करो तो याद का बल जमा होगा, याद के बल से तुम सारे विश्व का राज्य ले सकते हो” प्रश्नः- कौन-सी बात तुम बच्चों के ख्याल-ख्वाब में भी नहीं थी, जो प्रैक्टिकल हुई है? उत्तर:- तुम्हारे ख्याल ख्वाब में भी नहीं […]Read More
27-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – निश्चय ज्ञान योग से बैठता, साक्षात्कार से नहीं। साक्षात्कार की ड्रामा में नूँध है, बाकी उससे किसी का कल्याण नहीं होता” प्रश्नः- बाप कौन-सी ताकत नहीं दिखाते लेकिन बाप के पास जादूगरी अवश्य है? उत्तर:- मनुष्य समझते हैं भगवान तो ताकतमंद है, वह मरे हुए को […]Read More
26-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सदा इसी नशे में रहो कि हम संगमयुगी ब्राह्मण हैं, हम जानते हैं जिस बाबा को सब पुकार रहे हैं, वह हमारे सम्मुख है” प्रश्नः- जिन बच्चों का बुद्धियोग ठीक होगा, उन्हें कौन-सा साक्षात्कार होता रहेगा? उत्तर:- सतयुगी नई राजधानी में क्या-क्या होगा, कैसे हम स्कूल […]Read More
25-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद में रहने की मेहनत करो तो पावन बनते जायेंगे, अभी बाप तुम्हें पढ़ा रहे हैं फिर साथ में ले जायेंगे।” प्रश्नः- कौन-सा पैगाम तुम्हें सभी को देना है? उत्तर:- अब घर चलना है इसलिए पावन बनो। पतित-पावन बाप कहते हैं मुझे याद करो तो पावन […]Read More
24-05-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 15-01-86 मधुबन सस्ता सौदा और बचत का बजट रत्नागर बाप अपने बड़े ते बड़े सौदा करने वाले सौदागर बच्चों को देख मुस्करा रहे हैं। सौदा कितना बड़ा और करने वाले सौदागर दुनिया के अन्तर में कितने साधारण, भोले-भाले हैं। भगवान से सौदा करने वाली कौन आत्मायें भाग्यवान बनीं। यह […]Read More
20-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – धंधा आदि करते भी सदा अपनी गॉडली स्टूडेण्ट लाइफ और स्टडी याद रखो, स्वयं भगवान हमको पढ़ाते हैं इस नशे में रहो” प्रश्नः- जिन बच्चों को ज्ञान अमृत हज़म करना आता है, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- उन्हें सदा रूहानी नशा चढ़ा रहेगा और उस नशे […]Read More
19-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अभी शान्तिधाम, सुखधाम में जाने के लिए ईश्वरीय धाम में बैठे हो, यह सत का संग है, जहाँ तुम पुरूषोत्तम बन रहे हो” प्रश्नः- तुम बच्चे बाप से भी ऊंच हो, नींच नहीं – कैसे? उत्तर:- बाबा कहते – बच्चे, मैं विश्व का मालिक नहीं […]Read More