13-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देही-अभिमानी बाप तुम्हें देही-अभिमानी भव का पाठ पढ़ाते हैं, तुम्हारा पुरूषार्थ है देह-अभिमान को छोड़ना” प्रश्नः- देह-अभिमानी बनने से कौन-सी पहली बीमारी उत्पन्न होती है? उत्तर:- नाम-रूप की। यह बीमारी ही विकारी बना देती है इसलिए बाप कहते हैं आत्म-अभिमानी रहने की प्रैक्टिस करो। इस शरीर […]Read More
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12-05-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 05-12-84 मधुबन सम्पूर्ण काम जीत अर्थात् हद की कामनाओं से परे आज बापदादा अपनी सर्वश्रेष्ठ भुजाओं को देख रहे हैं। सभी भुजायें स्नेह और शक्ति द्वारा विश्व को परिवर्तन करने के कार्य में लगी हुई हैं। एक की सब भुजायें हैं। इसलिए सबके अन्दर एक ही लगन है, कि […]Read More
11-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें कभी भी विघ्न रूप नहीं बनना है, अन्दर में कोई कमी हो तो उसे निकाल दो, यही समय है सच्चा हीरा बनने का” प्रश्नः- किस बात की डिफेक्ट आते ही आत्मा की वैल्यु कम होने लगती है? उत्तर:- पहला डिफेक्ट आता है अपवित्रता का। जब […]Read More
10-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें कर्मातीत बनकर जाना है, इसलिए अन्दर में कोई भी फ्लो नहीं रहना चाहिए, अपनी जांच कर कमियां निकालते जाओ” प्रश्नः- किस अवस्था को जमाने में मेहनत लगती है? उसका पुरूषार्थ क्या है? उत्तर:- इन आंखों से देखने वाली कोई भी चीज़ सामने न आये। देखते […]Read More
09-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – शिवबाबा वन्डरफुल बाप, टीचर और सतगुरू है, उसे अपना कोई बाप नहीं, वह कभी किसी से कुछ सीखता नहीं, उन्हें गुरू की दरकार नहीं, ऐसा वन्डर खाकर तुम्हें याद करना चाहिए” प्रश्नः- याद में कौन-सी नवीनता हो तो आत्मा सहज ही पावन बन सकती है? उत्तर:- […]Read More
05-05-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 26-11-84 मधुबन सच्चे सहयोगी ही सच्चे योगी आज बच्चों के मिलन स्नेह को देख रहे हैं। एक बल एक भरोसा, इसी छत्रछाया के नीचे मिलन के उमंग उत्साह से ज़रा भी हलचल, लगन को हिला न सकी। रूकावट, थकावट बदलकर स्नेह का सहज रास्ता अनुभव कर पहुँच गये हैं। […]Read More
04-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपने को सुधारने के लिए अटेन्शन दो, दैवीगुण धारण करो, बाप कभी किसी पर नाराज़ नहीं होते, शिक्षा देते हैं, इसमें डरने की बात नहीं” प्रश्नः- बच्चों को कौन-सी एक स्मृति रहे तो टाइम वेस्ट न करें? उत्तर:- यह संगम का समय है, बहुत ऊंची लॉटरी […]Read More
03-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद का आधार है प्यार, प्यार में कमी है तो याद एकरस नहीं रह सकती और याद एकरस नहीं है तो प्यार नहीं मिल सकता” प्रश्नः- आत्मा की सबसे प्यारी चीज़ कौन सी है? उसकी निशानी क्या है? उत्तर:- यह शरीर आत्मा के लिए सबसे प्यारी […]Read More
02-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – आत्म-अभिमानी बनो, मैं आत्मा हूँ शरीर नहीं, यह है पहला पाठ, यही पाठ सबको अच्छी तरह पढ़ाओ” प्रश्नः- ज्ञान सुनाने का तरीका क्या है? किस विधि से ज्ञान सुनाना है? उत्तर:- ज्ञान की बातें बड़ी खुशी-खुशी से सुनाओ, लाचारी से नहीं। तुम आपस में बैठकर ज्ञान […]Read More
01-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम यहाँ मनुष्य से देवता बनने की ट्यूशन लेने आये हो, कौड़ी से हीरा बन रहे हो” प्रश्नः- तुम बच्चों को इस पढ़ाई में कोई भी खर्चा नहीं लगता है – क्यों? उत्तर:- क्योंकि तुम्हारा बाप ही टीचर है। बाप बच्चों से खर्चा (फी) कैसे लेगा। […]Read More
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