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Month: October 2012

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

राजयोग का आधार तथा विधि

राजयोग का आधार तथा विधि सम्पूर्ण स्थिति को प्राप्त करने के लिए और शीघ्र ही अध्यात्मिक में उन्नति प्राप्त करने के लिए मनुष्य को राजयोग के निरंतर अभ्यास की आवश्यकता है,अर्थात चलते फिरते और कार्य-व्यवहार करते हुए भी परमात्मा की स्मृति में स्थित होने को जरुरत है Iयद्यपि निरंतर योग के बहुत लाभ है I और निरंतर योग द्वारा […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

जीवन कमल पुष्प समान कैसे बनायें ?

जीवन कमल पुष्प समान कैसे बनायें ?स्नेह और सौहाद्र के प्रभाव के कारण आज मनुष्य को घर में घर-जैसा अनुभव नहीं होता I एक मामूली कारण से घर का पूरा वातावरण बिगड़ जाता है I अब मनुष्य की वफ़ादारी और विश्वास्पात्रता भी टिकाऊ और दृढ़ नहीं रहे I नैतिक मूल्य अपने स्तर से काफी गिर गए है I कार्यालय हो या व्यवसाय,घर हो या […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

गीता-ज्ञान हिंसक युद्ध करने के लिए नहीं दिया गया था

गीता-ज्ञान हिंसक युद्ध करने के लिए नहीं दिया गया था आज परमात्मा के दिव्य जन्म और “रथ” के स्वरुप को न जानने के कारण लोगो कि यह मान्यता दृढ़   है कि  गीता-ज्ञान श्रीक्रष्ण ने अर्जुन के रथ एम् सवार होकर लड़ाई के मैदान में दिया आप ही सोचिये कि जबकि अहिंसा को धर्म का परम लक्षण माना […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

सर्वशास्त्र शिरोमणि श्रीमद भगवद गीता का ज्ञान-दाता कौन है ?

सर्वशास्त्र शिरोमणि श्रीमद भगवद गीता का  ज्ञान-दाता कौन है ? यह कितने आश्चर्य  की बात है कि आज मनुष्यमात्र को यह भी नही मालूम की परमप्रिय परमात्मा शिव, जिन्हें ” ज्ञान का सागर” तथा ” कल्यानकारी  ” माना जाता है, ने मनुष्यमात्र  के कल्याण के लिए जो ज्ञान दिया,उसका शास्त्र कौनसा है ? भारत में यद्यपि गीता ज्ञान को भगवान द्वारा दिया हुआ ज्ञान […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

निकट भविष्य में श्रीकृष्ण आ रहे है

निकट भविष्य में  श्रीकृष्ण  आ  रहे  है प्रतिदिन  समाचार -पत्रों में अकाल, बाड़, भ्रष्टाचार व् लड़ाई- झगडे का समाचार पदने को मिलता है I प्रकृति के पांच तत्व भी मनुष्य को दुःख दे रहे है और सारा ही वातावरण दूषित हो गया है I अत्याचार, विषय-विकार तथा अधर्म का ही बोलबाला है I और यह विश्व ही “काँटों का जंगल” बन गया है I एक समय था जबकि […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है

मनुष्य जीवन का लक्ष्य  क्या है  ?मनुष्य का वर्तमान जीवन बड़ा अनमोल है क्योंकि अब संगमयुग में ही वह सर्वोत्तम पुरुषार्थ करके जन्म-जन्मान्तर के लिए सर्वोत्तम प्रारब्ध बना सकता है और अतुल हीरो-तुल्य कमाई कर सकता है I वह इसी जन्म में सृष्टि का मालिक अथवा जगतजीत बनने का पुरुषार्थ कर सकता है I परन्तु आज मनुष्य को जीवन का […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

क्या रावण के दस सिर थे,

क्या रावण के दस सिर  थे, रावण किसका प्रतीक है  ?भारत के लोग प्रतिवर्ष रावण का बुत जलाते है I उनका काफी विश्वास है की एक दस सिर वाला रावण श्रीलंका का रजा था, वह एक बहुत बड़ा राक्षस था और उसने श्री सीता का अपहरण  किया  था I वे यह  भी  मानते  है की रावण बहुत बड़ा विद्वान  था इसलिए  वे  उसके  हाथ  में  वेद,  शास्त्र  इत्यादि   दिखाते  है I साथ  ही  वे  उसके  शीश पर    गधे का सिर भी दिखाते है I जिसका अर्थ वे […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

कलियुग अभी बच्चा नहीं है बल्कि बुढ़ा हो गया है

कलियुग अभी बच्चा नहीं है बल्कि बुढ़ा हो गया है इसका विनाश निकट है और शीघ्र ही सतयुग आने वाला है |आज बहुत से लोग कहते है , ” कलियुग अभी बच्चा है अभी तो इसके लाखो वर्ष और रहते है शस्त्रों के अनुसार अभी तो सृष्टि के महाविनाश में बहुत काल रहता है | “परन्तु अब परमपिता […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

सृष्टि रूपी नाटक

सृष्टि रूपी नाटक के चार पट सामने दिए गए चित्र में दिखाया गया है कि स्वस्तिक सृष्टि- चक्र को चार बराबर भागो में बांटता है — सतयुग,त्रेतायुग , द्वापर और कलियुग I सृष्टि नाटक में हर एक आत्मा का एक निश्चित समय पर परमधाम से इस सृष्टि रूपी नाटक के मंच पर आती है I सबसे पहले सतयुग और त्रेतायुग के सुन्दर दृश्य सामने […]Read More

ब्रहमाकुमारीज राजयोग

मनुष्यात्मा 84 लाख योनियाँ धारण नहीं करती

परमप्रिय परमपिता परमात्मा शिव ने वर्तमान समय जैसे हमें ईश्वरीय ज्ञान के अन्य अनेक मधुर रहस्य समझाये है, वैसे ही यह भी एक नई बात समझाई है कि वास्तव में मनुष्यात्माएं पाशविक योनियों में जन्म नहीं लेती | यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है | परन्तु फिर भी कई लोग ऐसे लोग […]Read More