08-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सूर्यवंशी विजय माला का दाना बनने के लिए श्रीमत पर पूरा पावन बनो, पावन बनने वाले बच्चे धर्मराज़ की सजाओं से छूट जाते हैं” प्रश्न: देही-अभिमानी बनने की मेहनत में लगे हुए बच्चों को कौन सा नशा रहेगा? उत्तर: मैं बाबा का हूँ, मैं बाबा के […]Read More
07-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें क्षीरखण्ड होकर रहना है, मतभेद में नहीं आना है, कोई भी गन्दी आदत है तो उसे छोड़ देना है, किसी को भी दु:ख नहीं देना है” प्रश्न: जन्म-जन्मान्तर के लिए ऊंच पद पाने के लिए कौन सा रहम स्वयं पर जरूर करना है? उत्तर: स्वयं […]Read More
06-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें घर बैठे भगवान बाप मिला है तो तुम्हें अपार खुशी में रहना है, विकारों के वश खुशी को दबा नहीं देना है” प्रश्न: तुम बच्चों में लकी किसको कहेंगे और अनलकी किसको कहेंगे? उत्तर: लकी वह है जो बहुतों को आप समान बनाने की सेवा […]Read More
05-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – इस समय सभी के सुख सम्पत्ति का देवाला रावण पांच विकारों ने निकाला है, तुम अभी रावण रूपी दुश्मन पर जीत पाकर जगतजीत बनते हो” प्रश्न: ड्रामा के किस राज़ को जानने के कारण तुम बच्चों के ख्यालात बड़े ऊंचे रहते हैं? उत्तर: तुम जानते हो […]Read More
04-02-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 27-04-83 मधुबन “दृष्टि-वृत्ति परिवर्तन करने की युक्तियाँ” आज बापदादा सर्व पुरूषार्थियों का संगठन देख रहे हैं। इसी पुरूषार्थी शब्द में सारा ज्ञान समाया हुआ है। पुरूषार्थी अर्थात् पुरूष प्लस रथी। किसका रथी है? किसका पुरूष है? इस प्रकृति का मालिक अर्थात् रथ का रथी। एक ही शब्द के अर्थ […]Read More
03-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – तुम्हारे लिये योग की भट्ठी मोस्ट वैल्युबुल है, क्योंकि इस भट्ठी से ही तुम्हारे विकर्म भस्म होते हैं” प्रश्न: किन बच्चों की बुद्धि में बीज और झाड़ की नॉलेज स्पष्ट बैठ सकती है? उत्तर: जो विचार सागर मंथन करते हैं। विचार सागर मंथन के लिए अमृतवेले […]Read More
02-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – किसी भी चीज़ में आसक्ति नहीं रखनी है, देह सहित सबसे पूरा बेगर बनना है, शिवपुरी और विष्णुपुरी को याद करते रहना है।” प्रश्न: गरीब निवाज़ बाप गरीब बच्चों को भी किस बात में आप समान बना देते हैं? उत्तर: बाबा कहते जैसे मैं फ़राख दिल […]Read More