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Month: April 2018

00 Weekly Murli

20-04-2018

20-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप तुम्हें यह पढ़ाई जो पढ़ा रहे हैं, यही उनकी कृपा है, तुम तकदीर जगाकर आये हो भविष्य नई दुनिया में देवी-देवता बनने” प्रश्नः- बच्चों ने बाप के सम्मुख कौन-सी प्रतिज्ञा की है? उत्तर:- तुमने प्रतिज्ञा की है – बाबा आप आये हो भारत को स्वर्ग […]Read More

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19-04-2018

19-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देह सहित देह के सब सम्बन्धों के ट्रस्टी बनो, सबकी सम्भाल करते हुए किसी में भी ममत्व नहीं रखो” प्रश्नः- इस ड्रामा में माया कौन सी भूलें जब करा देती है तब बाप अभुल बनाने आते हैं? उत्तर:- पहली भूल यह की जो ब्रह्म तत्व को […]Read More

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18-04-2018

18-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम्हें ज्ञान का तीसरा नेत्र देने, जिससे तुम सृष्टि के आदि, मध्य, अन्त को जान बुद्धिवान बने हो” प्रश्नः- आत्मा और शरीर दोनों को पवित्र बनाने तथा राजाई पद का अधिकार लेने की सहज विधि क्या है? उत्तर:- तुम्हारे पास देह सहित जो […]Read More

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17-04-2018

17-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ऐसी कोई ग़फलत मत करो जिससे माया को थप्पड़ लगाने का चान्स मिले, अगर श्रीमत पर नहीं चलेंगे तो माया थप्पड़ मार मुँह फेर देगी।” प्रश्नः- सूर्यवंशी राजधानी में एयरकंडीशन टिकेट लेने का आधार क्या है, वह किन्हें प्राप्त होती है? उत्तर:- सूर्यवंशी राजधानी में एयरकन्डीशन […]Read More

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16-04-2018

  16-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – औरों को समझाने की सर्विस करते रहो, ज्ञान धन का दान करो तो अपार खुशी रहेगी, सर्व की आशीर्वाद मिलेगी, बाप की याद भूलेगी नहीं।” प्रश्नः- बाप तुम बच्चों को रूहानी ड्रिल क्यों सिखलाते हैं? उत्तर:- पहलवान बनाने के लिए। जितना तुम बाप की याद […]Read More

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15-04-18

15-04-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 19-05-83 मधुबन “साक्षी दृष्टा कैसे बनें?” आज बापदादा इस पुरानी दुनिया और पुराने राज्य की दुनिया, जड़जड़ीभूत हुई दुनिया का समाचार सुन रहे थे। बापदादा देख रहे थे कि मेरे बच्चों को पुरानी दुनिया में कितना सहन करना पड़ता है। आत्मा के लिए मौजों का समय है लेकिन शरीर […]Read More

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14-04-2018

14-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपनी दिल से पूछो हम ज्ञान की खुशबू फैलाने वाले खुशबूदार फूल बने हैं, सदा अच्छी खुशबू फैलाते रहो” प्रश्नः- किन बच्चों की अवस्था बहुत मस्त रहती है? गैलप करने का आधार क्या है? उत्तर:- जो अच्छे-अच्छे फूल हैं, जिनकी बुद्धि में ज्ञान का मंथन चलता […]Read More

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13-04-2018

13-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें डबल अहिंसक बनना है, मन्सा-वाचा-कर्मणा तुम कभी किसी को दु:ख नहीं दे सकते हो।” प्रश्नः- कल्प-कल्प जिन बच्चों ने बाप से पूरा वर्सा लिया है, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- वे पतितों का संग छोड़ बाप से वर्सा लेने के लिए श्रीमत पर चलने लग […]Read More

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11-04-2018

11-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अब स्वीट होम चलना है इसलिए पुरानी दुनिया के कर्मों की लेन-देन वा हिसाब-किताब चुक्तू करो, योगबल से विकर्माजीत बनो।” प्रश्नः- तुम बच्चे लाइट हाउस बनकर बाप से योग क्यों लगाते हो? उत्तर:- क्योंकि तुम्हें सबको इस नर्क रूपी खारी चैनल से पार ले जाना है। […]Read More

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10-04-18

10-04-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन  “मीठे बच्चे-आधाकल्प माया ने तुम्हें बहुत हैरान किया है, अब तुम बाप की शरण में आये हो, तुम्हें बाप से सच्ची प्रीत रख माया-जीत, जगत-जीत बनना है।” प्रश्नः- संगमयुग पर भगवान को भी कौन सी मेहनत करनी पड़ती है? उत्तर:- आत्मा रूपी मैले कपड़ों को साफ करने की। तुम […]Read More