19-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-तुम सच्चे-सच्चे रूहानी ब्राह्मण नई दुनिया की स्थापना के निमित्त हो, तुम्हें अपना अश्व (शरीर) इस यज्ञ में स्वाहा करना है” प्रश्न: अवस्था को स्थाई (एकरस) अचल बनाने का साधन क्या है? उत्तर: अवस्था स्थाई तब बनेगी जब निरन्तर योग में रहेंगे। योग टूटता तब है जब किसी […]Read More
18-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-तुमने ईश्वर की गोद ली है मनुष्य से देवता बनने के लिए, उनकी श्रीमत ही तुम्हें मनुष्य से देवता बना देती है“ प्रश्न: आप मुये मर गई दुनिया-इसका अर्थ क्या है? उत्तर: आप बच्चे जब बाप के पास जीते जी मरते हो तो सारी दुनिया ही खत्म हो […]Read More
17-06-18 प्रात: मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज 12-12-83 मधुबन एकाग्रता से सर्व शक्तियों की प्राप्ति आज सभी मिलन मनाने के एक ही शुद्ध संकल्प में स्थित हो ना! एक ही समय, एक ही संकल्प- यह एकाग्रता की शक्ति अति श्रेष्ठ है। यह संगठन की एक संकल्प के एकाग्रता की शक्ति जो चाहे वह कर सकती […]Read More
16-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – जैसे बाप सबको सुख देते हैं, ऐसे तुम बच्चे भी फूल बन सबको सुख दो, किसी को काँटा नहीं लगाओ, सदा हर्षित रहो” प्रश्न: बाप जब बच्चों से मिलते हैं तो कौन-सी बात और किन मीठे शब्दों में पूछते हैं? उत्तर- मीठे-मीठे लाडले सिकीलधे बच्चे-खुश मौज […]Read More
14-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-सर्विस की नई-नई युक्तियाँ निकालते रहो। भारत को दैवी स्वराज्य बनाने में बाप का पूरा-पूरा मददगार बनो” प्रश्न: बाप बच्चों को कौन-सी स्मृति दिलाकर एक आश रखते हैं? उत्तर- बाबा स्मृति दिलाते-बच्चे, तुम कल्प-कल्प मायाजीत जगतजीत बने हो। तुमने मात-पिता के तख्त पर जीत पाई है इसलिए अभी […]Read More
15-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-मन्मनाभव रूपी इन्जेक्शन सर्व दु:खों की बीमारी से मुक्त करने वाला है, देही- अभिमानी बनो तो पवित्रता-सुख-शान्ति का वर्सा मिल जायेगा” प्रश्न: बाप की किस महिमा का प्रैक्टिकल टेस्ट तुम बच्चों ने किया है? उत्तर- बाप की महिमा में गाते हैं-कितना मीठा, कितना प्यारा शिव भाेला भगवान… इसका […]Read More
13-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-तुम सबका प्राण आधार आया है तुम्हें जमघटों के दु:खों की पीड़ा से छुड़ाने, वह तुम्हें स्वर्ग का वर्सा देता, वह सर्वव्यापी नहीं है” प्रश्न: इस राजयोग में कौन-सा योग सदा कम्बाइण्ड है? उत्तर- इस राजयोग में प्रजायोग सदा ही कम्बाइण्ड है क्योंकि राजा-रानी के साथ-साथ प्रजा भी […]Read More
12-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-तुम ज्ञान सागर बाप के पास आते हो – सम्मुख मिलन मनाने, बादल भरने, तुम यहाँ कोई तीर्थ करने वा पहाड़ी की हवा खाने नहीं आते हो।” प्रश्न: गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए किस विधि से चलते रहो तो एवरहेल्दी बन जायेंगे? उत्तर- एवरहेल्दी बनने के लिए सदैव […]Read More
11-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे-देह सहित जो कुछ भी तुम्हारा है उससे ममत्व मिटाओ, ट्रस्टी होकर रहो इसको ही जीते जी मरना कहा जाता है” प्रश्न: संगमयुगी ब्राह्मणों का टाइटिल कौन-सा है, बाप द्वारा उन्हें कौन-सी बेस्ट प्राइज मिलती है? उत्तर- तुम संगमयुगी ब्राह्मण हो राजऋषि, राजयोगी। तुम ब्रह्मा मुख वंशावली ब्राह्मण […]Read More
10-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 25-05-83 मधुबन ब्रह्मा बाप की बच्चों से एक आशा आज बापदादा सर्व बच्चों की सेवा का, याद का और बाप समान बनने का चार्ट देख रहे थे। बापदादा द्वारा जो भी सर्व खजाने मिले, बाप को निराकार और आकार रूप से साकार में बुलाया और बाप-दादा भी बच्चो के […]Read More