Bkvarta

Month: July 2018

00 Weekly Murli

21-07-2018

21-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – आप मुये मर गई दुनिया, बाप का बनना अर्थात् देह-अभिमान टूटना, एक बाप के सिवाए और कुछ भी याद न आये” प्रश्न: अन्त का समय समीप देखते हुए कौन-सा स्लोगन सदा याद रखना है? उत्तर: ”किनकी दबी रहेगी धूल में, किनकी राजा खाए……..” – यह स्लोगन […]Read More

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20-07-2018

20-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – बाप को अपनी अवस्था का समाचार खुले दिल से दो, खुली व सच्ची दिल में ही बाप की याद टिक सकती है” प्रश्न: इस समय छोटे-बड़े सबकी वानप्रस्थ अवस्था होते भी तुम कौन-से बोल मुख से नहीं कह सकते हो? उत्तर: बाबा, अभी जल्दी करो, अभी […]Read More

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19-07-2018

19-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – तुम्हारा यह जन्म बहुत ही अमूल्य है, क्योंकि बाप स्वयं इस समय तुम्हारी सेवा करते हैं, लक्ष्य सोप से तुम्हारे वस्त्र साफ करते हैं” प्रश्न: जो अल्लाह को सृष्टि का रचयिता कहते हैं उनसे कौन-सा प्रश्न पूछना चाहिए?उनसे पूछो – जब अल्लाह ने सृष्टि रची तो […]Read More

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18-07-2018

18-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बाप को याद करो, यही याद विश्व के लिए योगदान है, इसी से विश्व पावन बनेगा, बेड़ा पार हो जायेगा” प्रश्नः- किन बच्चों की सम्भाल अन्त समय में स्वयं बापदादा करते हैं? उत्तर:- जो बच्चे बहुत समय से कांटों को फूल बनाने की सर्विस में […]Read More

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17-07-2018

17-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – पावन बनने के लिए अपने स्वधर्म में रहो और अशरीरी बन एक बाप को याद करो” प्रश्नः- किस विधि से नये स्टूडेन्ट्स पर ज्ञान का रंग लग सकता है? उत्तर:- उन्हें पहले-पहले सात रोज़ की भट्ठी में बिठाओ। कायदा है – जब कोई भी आता है […]Read More

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16-07-2018

16-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – कोई भी विकर्म करके छिपाना नहीं, छिपकर सभा में बैठने वाले पर बहुत दण्ड पड़ता है इसलिए सावधान, विकार की कड़ी भूल कभी भी नहीं हो” प्रश्नः- किस लक्ष्य को सामने रखते हुए पुरुषार्थ में सदा आगे बढ़ते रहना है? उत्तर:- लक्ष्य है – हमें सपूत […]Read More

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15-07-18

15-07-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 21-12-83 मधुबन तुरत दान महापुण्य का रहस्य आज विधाता, वरदाता बाप अपने चारों ओर के अति स्नेही सेवाधारी बच्चों को देख रहे थे। चारों ओर के समर्थ बच्चे अपने स्नेह की विशेषता द्वारा दूर होते भी समीप हैं। स्नेह के सम्बन्ध द्वारा, बुद्धि की स्पष्टता और स्वच्छता द्वारा समीप […]Read More

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13-07-2018

  13-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – सिर्फ दो अक्षर याद करो – हम हैं सतगुरू पोत्रे जो ब्रह्मा बाप द्वारा दादे का वर्सा लेते हैं” प्रश्नः- चढ़े तो चाखे वैकुण्ठ रस…यह गायन तुम बच्चों से लगता, दूसरों से नहीं – क्यों? उत्तर:- क्योंकि तुम्हारे सामने जबरदस्त मंजिल है। तुम बाप के […]Read More

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12-07-2018

12-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – ज्ञान रत्नों की लेन-देन कर तुम्हें ज्ञान से एक-दो की पालना करनी है, आपस में बहुत-बहुत प्यार से रहना है” प्रश्नः- बीमारी अथवा कर्मभोग होते भी अपार खुशी किस आधार पर रह सकती है? उत्तर:- विचार सागर मंथन करने की आदत डालो। कोई भी कर्मभोग अथवा […]Read More

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11-07-2018

11-07-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – सारी सृष्टि का पालनकर्ता एक बाप है, वह कभी किसी की पालना नहीं लेते, सदा निराकार हैं – यह बात सिद्ध कर सबको समझाओ” प्रश्नः- गॉडली स्टूडेन्ट की पहली मुख्य निशानी क्या होगी? उत्तर:- गॉडली स्टूडेन्ट कभी भी मुरली सुनने बिगर नहीं रह सकते। वह ऐसे […]Read More