Bkvarta

Month: September 2018

00 Weekly Murli

09-09-18

09-09-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 14-01-84 मधुबन डबल सेवाधारी स्वत: ही मायाजीत आज दिलाराम बाप अपने दिल तख्तनशीन बच्चों से वा अपने स्नेही, सहयोगी बच्चों से दिल की लेन-देन करने आये हैं। बाप की दिल में क्या रहता और बच्चों की दिल में क्या रहता है, आज सभी के दिल का हाल-चाल लेने आये […]Read More

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08-09-2018

08-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – ज्ञान सागर बाप से वर्सा लेना है तो 20 नाखूनों का जोर देकर भी पढ़ाई जरूर पढ़ो, पढ़ाई से ही राजाई वा जीवनमुक्ति पद प्राप्त होगा” प्रश्नः- ज्ञान मार्ग में सदा कायम कौन रह सकता है? ऊंच पद की प्राप्ति का आधार क्या है? उत्तर:- जिनका […]Read More

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07-09-2018

07-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – अभी तुम्हारी ज्योति जगी है, ज्योति जगना अर्थात् बृहस्पति की दशा बैठना, बृहस्पति की दशा बैठने से तुम विश्व के मालिक बन जाते हो” प्रश्नः- सतयुग में हर घर की विशेषता क्या होगी, कलियुग में हर घर क्या बन गये हैं? उत्तर:- सतयुग में हर घर […]Read More

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06-09-2018

06-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – देह सहित सबकी याद भूल, बाप जो है जैसा है उसे यथार्थ पहचान स्वयं को बिन्दी समझ बिन्दी रूप से बाप को याद करो” प्रश्नः- कौन सा ज्ञान इस समय बाप से ही तुम्हें मिलता है और कोई नहीं दे सकते? उत्तर:- तुम स्त्री-पुरुष साथ में […]Read More

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05-09-2018

05-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – सर्विस का शौक रखो, विशाल बुद्धि बन सर्विस की भिन्न-भिन्न युक्तियां निकालो, जो बातें बिगर अर्थ हैं, उन्हें करेक्ट करो” प्रश्नः- आत्मा जो अजामिल जैसी गंदी बन गई है उसको साफ करने का साधन क्या है? उत्तर:- उसे ज्ञान मान सरोवर में डुबो दो, अगर ज्ञान […]Read More

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04-09-2018

04-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – ज्ञान को अग्नि नहीं कहा जाता, योग अग्नि है, योग में रहने से ही तुम्हारे पाप भस्म होंगे, तुम स्वच्छ गोरा बन जायेंगे” प्रश्नः- किन बच्चों की बुद्धि रूपी तरकस में ज्ञान बाण सदा भरे रहते हैं? उत्तर:- जो रोज़ पढ़ाई अच्छी रीति पढ़ते और पढ़ाते […]Read More

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03-09-2018

03-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – कोई भी भूल हो तो बाप से छिपाओ मत, अगर छिपायेंगे तो छिपाते-छिपाते स्वयं भी छिप जायेंगे” प्रश्नः- बिगड़ी को बनाने वाला बाप तुम बच्चों की बिगड़ी किस आधार पर बनाते हैं? उत्तर:- पवित्रता के आधार पर। तुम बच्चे जानते हो जब बाप बिगड़ी को सुधारने […]Read More

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02-09-18

02-09-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 12-01-84 मधुबन सदा समर्थ सोचो तथा वर्णन करो। आज आवाज से परे रहने वाले बाप आवाज की दुनिया में आये हैं सभी बच्चों को आवाज से परे स्थिति में ले जाने के लिए क्योंकि आवाज से परे स्थिति में अति सुख और शान्ति की अनुभूति होती है। आवाज से […]Read More

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01-09-2018

01-09-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे-विचार सागर मंथन कर श्रीकृष्ण और परमात्मा शिव के महान् अन्तर को स्पष्ट करो” प्रश्नः- ब्रह्मा बाबा अपने आपसे क्या बातें करते हैं? उन्हें वन्डर क्या लगता है? उत्तर:- ब्रह्मा बाबा अपने आपसे बातें करते-पता नहीं क्या होता जो शिवबाबा घड़ी-घड़ी भूल जाता है। ऐसे तो नहीं, बाप […]Read More