22-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – बुद्धि को यहाँ-वहाँ भटकाने के बजाए घर में बाप को याद करो, दूर-दूर तक बुद्धि को ले जाओ – इसे ही याद की यात्रा कहा जाता है” प्रश्नः- जो बच्चे सच्ची दिल से बाप को याद करते हैं उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- 1. सच्ची दिल […]Read More
21-10-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 20-02-84 मधुबन एक सर्वश्रेष्ठ, महान और सुहावनी घड़ी आज भाग्य बनाने वाले बाप श्रेष्ठ भाग्यवान सर्व बच्चों को देख हर्षित हो रहे हैं। हर एक बच्चा कैसे कल्प पहले मुआफिक तकदीर जगाकर पहुँच गया है। तकदीर जगाकर आये हो। पहचानना अर्थात् तकदीर जगना। विशेष डबल विदेशी बच्चों का वरदान […]Read More
20-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – याद में रहने की ऐसी प्रैक्टिस करो जो अन्त में एक बाप के सिवाए दूसरा कोई भी याद न आये” प्रश्नः- किस एक श्रीमत को पालन करने से तुम बच्चे तकदीरवान बन सकते हो? उत्तर:- बाप की श्रीमत है – बच्चे, नींद को जीतने वाले […]Read More
19-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – बाप से सर्व सम्बन्ध रखो तो बन्धन ख़लास हो जायेंगे, माया बन्धन में बांधती और बाप बन्धनों से मुक्त कर देते हैं” प्रश्नः- निर्बन्धन किसे कहा जाता है? निर्बन्धन बनने का उपाय क्या है? उत्तर:- निर्बन्धन अर्थात् अशरीरी। देह सहित देह का कोई भी सम्बन्ध बुद्धि […]Read More
18-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – निश्चय करो कि हम आत्मा हैं, यह हमारा शरीर है, इसमें साक्षात्कार की कोई बात नहीं, आत्मा का साक्षात्कार भी हो तो समझ नहीं सकेंगे” प्रश्नः- बाप की किस श्रीमत पर चलने से गर्भजेल की सजाओं से छूट सकते हैं? उत्तर:- बाप की श्रीमत है – […]Read More
17-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – गृहस्थ व्यवहार में रहते सबसे तोड़ निभाना है, ऩफरत नहीं करनी है लेकिन कमल फूल के समान पवित्र जरूर बनना है” प्रश्नः- तुम्हारी विजय का डंका कब बजेगा? वाह-वाह कैसे निकलेगी? उत्तर:- अन्त समय जब तुम बच्चों पर माया की ग्रहचारी बैठना बन्द हो जायेगी, सदा […]Read More
16-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – अभी तुम बहुत बड़े स्टीमर में बैठे हो, तुम खारी चैनल को पार कर क्षीरसागर में जा रहे हो, तुम्हारा लंगर उठ चुका है” प्रश्नः- बच्चों को विशेष थकावट किस बात में आती है? थकावट आने का मुख्य कारण क्या है? उत्तर:- बच्चे चलते-चलते याद की […]Read More
15-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – बेहद सर्विस के लिए तुम्हारी बुद्धि चलनी चाहिए। ऐसी बड़ी घड़ी बनाओ जिसके कांटों में रेडियम हो जो दूर से ही चमकता रहे। प्रश्नः- सर्विस की वृद्धि के लिए कौन-सी युक्ति रचनी चाहिए? उत्तर:- जो-जो महारथी होशियार बच्चे हैं उनको अपने पास बुलाना चाहिए। महारथी बच्चे […]Read More
14-10-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 18-02-84 मधुबन ब्राह्मण जीवन – अमूल्य जीवन आज सदा स्नेह में समाये हुए स्नेही बच्चों से स्नेह के सागर मिलन मनाने आये हैं। जैसे स्नेह से बाप को याद करते हैं वैसे बाप भी स्नेही बच्चों को पदमगुणा रिटर्न देने के लिए, साकारी सृष्टि में मिलने के लिए आते […]Read More
13-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – तुम्हारी दिल में खुशी के नगाड़े बजने चाहिए क्योंकि बेहद का बाप तुम्हें बेहद का वर्सा देने आया है” प्रश्नः- माया ने मनुष्यों को किस भ्रम में भरमा दिया है जिस कारण वे स्वर्ग में चलने का पुरुषार्थ नहीं कर सकते? उत्तर:- माया का यह जो […]Read More