Bkvarta

Month: October 2018

00 Weekly Murli

12-10-2018

12-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – अभी घोर अन्धियारा, भयानक रात पूरी हो रही है, तुम्हें दिन में चलना है, यह ब्रह्मा के बेहद दिन और रात की ही कहानी है” प्रश्नः- सेकेण्ड में जीवनमुक्ति प्राप्त करने वा हीरे तुल्य जीवन बनाने का आधार क्या है? उत्तर:- सच्ची गीता। जो श्रीमद् भगवानुवाच […]Read More

00 Weekly Murli

11-10-2018

11-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – तुम बेहद के बाप को याद करो, इसमें ही ज्ञान, भक्ति और वैराग्य तीनों समाया हुआ है, यह है नई पढ़ाई” प्रश्नः- संगम पर ज्ञान और योग के साथ-साथ भक्ति भी चलती है – कैसे? उत्तर:- वास्तव में योग को भक्ति भी कह सकते हैं क्योंकि […]Read More

00 Weekly Murli

10-10-2018

10-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – नई दुनिया के लिए बाप तुम्हें सब नई बातें सुनाते, नई मत देते इसलिए उनकी गत-मत न्यारी गाई जाती है” प्रश्नः- रहमदिल बाप सभी बच्चों को किस बात में सावधान कर ऊंच तकदीर बना देते हैं? उत्तर:- बाबा कहते – बच्चे, ऊंच तकदीर बनानी है तो […]Read More

00 Weekly Murli

09-10-2018

09-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – अब मनुष्यों द्वारा मिले हुए मंत्र-जंत्र काम में नहीं आने हैं, इसलिए तुम सबसे अपना बुद्धियोग तोड़ एक बाप को याद करो” प्रश्नः- भक्ति की कौन-सी बात ज्ञान मार्ग में नहीं चल सकती है? उत्तर:- भक्ति में भगवान् से कृपा अथवा आशीर्वाद मांगते हैं, ज्ञान मार्ग […]Read More

00 Weekly Murli

08-10-2018

08-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – सदा खुशी में तब रह सकेंगे जब पूरा निश्चय होगा कि हम भगवानुवाच ही सुनते हैं, स्वयं भगवान हमें पढ़ा रहे हैं” प्रश्नः- ड्रामा अनुसार इस समय सभी प्लैन क्या बनाते हैं और तैयारी कौन सी करते हैं? उत्तर:- इस समय सभी प्लैन बनाते हैं इतने […]Read More

00 Weekly Murli

07-10-18

07-10-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 22-01-84 मधुबन नामीग्रामी सेवाधारी बनने की विधि आज बापदादा अपने एक टिक जगते हुए दीपकों की दीपमाला को देख रहे हैं। कैसे हर एक जगा हुआ दीपक अचल निर्विघ्न, अपनी ज्योति से विश्व को रोशनी दे रहे हैं। यह दीपकों की रोशनी आत्मा को जगाने की रोशनी है। विश्व […]Read More

00 Weekly Murli

06-10-2018

06-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – देह सहित सब कुछ भूल एक बाप को याद करो तब कहेंगे मातेले बच्चे, इस पुरानी दुनिया से अब तुम्हारी बुद्धि हट जानी चाहिए” प्रश्नः- बाप का ज्ञान किन बच्चों की बुद्धि में सहज ही बैठ जाता है? उत्तर:- जो गरीब बच्चे हैं, जिनका मोह नष्ट […]Read More

00 Weekly Murli

04-10-2018

04-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – देह के सम्बन्धों में बंधन है, इसलिए दु:ख है, देही के सम्बन्ध में रहो तो अथाह सुख मिल जायेगा, एक मात-पिता की याद रहेगी” प्रश्नः- किस नशे में रहो तो माया पर जीत पाने की हिम्मत आ जायेगी? उत्तर:- नशा रहे कि कल्प-कल्प हम बाप की […]Read More

00 Weekly Murli

05-10-2018

05-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – पढ़ाई कभी भी मिस नहीं करना, पढ़ाई का शौक तब रहेगा जब पढ़ाने वाले बाप में अटूट निश्चय होगा, निश्चय बुद्धि बच्चे ही सर्विस कर सकेंगे” प्रश्नः- बापदादा को बच्चों की कौन-सी बात सुनकर बहुत खुशी होती है? उत्तर:- जब बच्चे सर्विस समाचार का पत्र लिखते […]Read More

00 Weekly Murli

03-10-2018

03-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – तुम्हें बड़ा विचित्र उस्ताद मिला है, तुम उसकी श्रीमत पर चलो तो डबल सिरताज देवता बन जायेंगे” प्रश्नः- पढ़ाई में कभी भी थकावट न आये उसका सहज पुरुषार्थ क्या है? उत्तर:- पढ़ाई के बीच में जो कभी निंदा-स्तुति, मान-अपमान होता है, उसमें स्थिति समान रहे, उसे […]Read More