11-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 26-02-84 मधुबन बापदादा की अद्भुत चित्रशाला बापदादा आज अपनी चित्रशाला को देख रहे हैं। बापदादा के पास कौन सी चित्रशाला है, यह जानते हो? आज वतन में हर बच्चे के चरित्र का चित्र देख रहे थे। हर एक का आदि से अब तक का चरित्र का चित्र कैसा रहा! […]Read More
10-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारी सच्ची बात का तीर तब लगेगा जब दिल में सच्चाई सफाई होगी, तुम्हें सत्य बाप का संग मिला है इसलिए सच्चे बनो” प्रश्नः-तुम सब स्टूडेन्ट हो, तुम्हें किस बात का ख्याल रखना जरूरी है? उत्तर:-कभी भी कोई ग़लती हो तो सच बोलना है, सच बोलने […]Read More
09-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति मधुबन “मीठे बच्चे – सेकेण्ड में मुक्ति और जीवनमुक्ति प्राप्त करने के लिए मनमनाभव, मध्याजी भव। बाप को यथार्थ पहचान कर याद करो और सबको बाप का परिचय दो” प्रश्नः-किस नशे के आधार पर ही तुम बाप का शो कर सकते हो? उत्तर:-नशा हो कि हम अभी भगवान् के बच्चे बने […]Read More
08-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 24-02-84 मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारी सच्ची-सच्ची दीपावली तो नई दुनिया में होगी, इसलिए इस पुरानी दुनिया के झूठे उत्सव आदि देखने की दिल तुम्हें नहीं हो सकती” प्रश्नः- तुम होलीहंस हो, तुम्हारा कर्तव्य क्या है? उत्तर:- हमारा मुख्य कर्तव्य है एक बाप की याद में रहना और सबका […]Read More
07-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 24-02-84 मधुबन “मीठे बच्चे – जितना तुम बाप को याद करेंगे उतना तुम्हारी बुद्धि का ताला खुलेगा, जिन्हें घड़ी-घड़ी बाप की याद भूल जाती है, वह हैं अनलकी बच्चे” प्रश्नः- खाता जमा करने का आधार क्या है? सबसे बड़ी कमाई किसमें है? उत्तर:- खाता जमा होता है दान करने […]Read More
06-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 24-02-84 मधुबन “मीठे बच्चे – बाप के गले का हार बनने के लिए ज्ञान-योग की रेस करो, तुम्हारा फ़र्ज है सारी दुनिया को बाप का परिचय देना” प्रश्नः- किस मस्ती में सदा रहो तो बीमारी भी ठीक होती जायेगी? उत्तर:- ज्ञान और योग की मस्ती में रहो, इस पुराने […]Read More
05-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति मधुबन “मीठे बच्चे – एवरहेल्दी-एवरवेल्दी बनने के लिए तुम अभी डायरेक्ट अपना तन-मन-धन इन्श्योर करो, इस समय ही यह बेहद का इन्श्योरेन्स होता है” प्रश्नः- आपस में एक-दूसरे को कौन-सी स्मृति दिलाते उन्नति को पाना है? उत्तर:- एक-दूसरे को स्मृति दिलाओ कि अब नाटक पूरा हुआ, वापस घर चलना है। अनेक […]Read More
04-11-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 24-02-84 मधुबन ब्राह्मण जन्म – अवतरित जन्म बापदादा आवाज में आते सभी को आवाज से परे की स्थिति में ले जाने के लिए, व्यक्त देश में व्यक्त शरीर में प्रवेश होते हैं अव्यक्त बनाने के लिए। सदा अपने को अव्यक्त स्थिति वाले सूक्ष्म फरिश्ता समझ व्यक्त देह में अवतरित […]Read More
03-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सर्व पर ब्लैसिंग करने वाला ब्लिसफुल एक बाप है, बाप को ही दु:ख हर्ता, सुख कर्ता कहा जाता है, उनके सिवाए कोई भी दु:ख नहीं हर सकता” प्रश्नः- भक्ति मार्ग और ज्ञान मार्ग दोनों में एडाप्ट होने की रस्म है लेकिन अन्तर क्या है? उत्तर:- भक्ति […]Read More
02-11-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – मनुष्य को देवता बनाने की सर्विस में विघ्न जरूर पड़ेंगे। तुम्हें तकलीफ सहन करके भी इस सर्विस पर तत्पर रहना है, रहमदिल बनना है” प्रश्नः- जिसे अन्तिम जन्म की स्मृति रहती है उसकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- उनकी बुद्धि में रहेगा कि अब इस दुनिया में […]Read More