06-02-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अब अशरीरी होकर घर जाना है इसलिए जब किसी से बात करते हो तो आत्मा भाई-भाई समझ बात करो, देही-अभिमानी रहने की मेहनत करो” प्रश्नः- भविष्य राज तिलक प्राप्त करने का आधार क्या है? उत्तर:- पढ़ाई। हरेक को पढ़कर राज तिलक लेना है। बाप की है […]Read More
05-02-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं काँटों को फूल बनाने, बाप का प्यार काँटों से भी है, तो फूलों से भी है। काँटों को ही फूल बनाने की मेहनत करते हैं” प्रश्नः- जिन बच्चों में ज्ञान की धारणा होगी उनकी निशानी सुनाओ? उत्तर:- वह कमाल करके दिखायेंगे। वह अपना […]Read More
04-02-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अन्तर्मुखी हो अपने कल्याण का ख्याल करो, घूमने-फिरने जाते हो तो एकान्त में विचार सागर मंथन करो, अपने से पूछो – हम सदा हर्षित रहते हैं” प्रश्नः- रहमदिल बाप के बच्चों को अपने पर कौन-सा रहम करना चाहिए? उत्तर:- जैसे बाप को रहम पड़ता है कि […]Read More
03-02-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 17-04-84 मधुबन पद्मापद्म भाग्यशाली की निशानी आज भाग्य विधाता बाप सभी भाग्यवान बच्चों को देख रहे हैं। हर एक ब्राह्मण आत्मा भाग्यवान आत्मा है। ब्राह्मण बनना अर्थात् भाग्यवान बनना। भगवान का बनना अर्थात् भाग्यवान बनना। भाग्यवान तो सभी हैं लेकिन बाप के बनने के बाद बाप द्वारा जो भिन्न-भिन्न […]Read More
02-02-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – विदेही बन बाप को याद करो, स्वधर्म में टिको तो त़ाकत मिलेगी, खुशी और तन्दुरूस्ती रहेगी, बैटरी फुल होती जायेगी” प्रश्नः- ड्रामा की किस नूँध को जानने के कारण तुम बच्चे सदा अचल रहते हो? उत्तर:- तुम जानते हो यह बाम्ब्स आदि जो बने हैं, यह […]Read More
01-02-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारे मोह की रगें अब टूट जानी चाहिए क्योंकि यह सारी दुनिया विनाश होनी है, इस पुरानी दुनिया की किसी भी चीज़ में रूचि न हो” प्रश्नः- जिन बच्चों को रूहानी मस्ती चढ़ी रहती है, उनका टाइटिल क्या होगा? मस्ती किन बच्चों को चढ़ती है? उत्तर:- […]Read More