07-03-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान की डिपार्टमेन्ट अलग है, योग की अलग है। योग से आत्मा सतोप्रधान बनती है, योग के लिए एकान्त की जरूरत है” प्रश्नः- स्थाई याद में रहने का आधार क्या है? उत्तर:- तुम्हारे पास जो कुछ भी है, उसे भूल जाओ। शरीर भी याद न रहे। […]Read More
06-03-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान सागर बाप तुम्हें रत्नों की थालियां भर-भर कर देते हैं, जितना चाहे अपनी झोली भरो, सब फिकरातों से फ़ारिग हो जाओ” प्रश्नः- ज्ञान मार्ग की कौन-सी बात भक्ति मार्ग में भी पसन्द करते हैं? उत्तर:- स्वच्छता। ज्ञान मार्ग में तुम बच्चे स्वच्छ बनते हो। बाप […]Read More
05-03-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें पढ़ाई कभी मिस नहीं करनी है, पढ़ाई से ही स्कॉलरशिप मिलती है इसलिए बाप द्वारा जो नॉलेज मिलती है उसे ग्रहण करो” प्रश्नः- लायक ब्राह्मण किसे कहेंगे? उसकी निशानी सुनाओ? उत्तर:- 1. लायक ब्राह्मण वह जिसके मुख पर बाबा का गीता ज्ञान कण्ठ हो, 2. […]Read More
04-03-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सारी दुनिया में तुहारे जैसा पद्मापद्म भाग्यशाली स्टूडेन्ट कोई नहीं, तुम्हें स्वयं ज्ञान सागर बाप टीचर बनकर पढ़ाते हैं” प्रश्नः- कौन-सा शौक सदा बना रहे तो मोह की रगें टूट जायेंगी? उत्तर:- सर्विस करने का शौक बना रहे तो मोह की रगें टूट जायेंगी। सदा बुद्धि […]Read More
03-03-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 28-02-84 मधुबन ‘बिन्दू और बूंद का रहस्य” आज भोलानाथ बाप अपने भोले बच्चों से, बच्चों का सो बाप का अवतरण दिवस अर्थात् अलौकिक रुहानी जयन्ती मनाने आये हैं। भोलानाथ बाप को सबसे प्रिय भोले बच्चे हैं। भोले अर्थात् जो सदा सरल स्वभाव, शुभ भाव और स्वच्छता सम्पन्न मन और […]Read More
02-03-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – डेड साइलेन्स में जाने का अभ्यास करो, बुद्धि बाप की तरफ रहे तो बाप भी तुम्हें अशरीरी बनने के लिए सकाश देंगे” प्रश्नः- तुम बच्चों को जब ज्ञान का तीसरा नेत्र मिलता है तो कौन-सा साक्षात्कार हो जाता है? उत्तर:- सतयुग आदि से लेकर कलियुग अन्त […]Read More
01-03-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप और बच्चों की एक्टिविटी में जो अन्तर है उसे पहचानो, बाप तुम बच्चों के साथ खेल सकता, खा नहीं सकता” प्रश्नः- सत का संग तारे, कुसंग बोरे – इसका भावार्थ क्या है? उत्तर:- तुम अभी सत का संग करते हो अर्थात् बाप से बुद्धियोग लगाते […]Read More
28-02-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अभी हंस बनने का पुरूषार्थ कर रहे हो, तुम्हें इन लक्ष्मी-नारायण जैसा हंस अर्थात् सम्पूर्ण निर्विकारी बनना है” प्रश्नः- इस ज्ञान मार्ग में तीव्र जाने की सहज विधि क्या है? उत्तर:- इस ज्ञान में तीव्र (तीखा) जाना है तो और सब विचार छोड़ बाप की […]Read More