21-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम सिद्ध करके बताओ कि बेहद का बाप हमारा बाप भी है, शिक्षक भी है और सतगुरू भी है, वह सर्वव्यापी नहीं हो सकता” प्रश्नः- इस समय दुनिया में अति दु:ख क्यों है, दु:ख का कारण सुनाओ? उत्तर:- सारी दुनिया पर इस समय राहू की दशा […]Read More
20-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं कांटों को फूल बनाने, सबसे बड़ा कांटा है देह-अभिमान, इससे ही सब विकार आते हैं, इसलिए देही-अभिमानी बनो” प्रश्नः- भक्तों ने बाप के किस कर्त्तव्य को न समझने के कारण सर्वव्यापी कह दिया है? उत्तर:- बाप बहुरूपी है, जहाँ आवश्यकता होती सेकण्ड में […]Read More
19-05-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 28-11-84 मधुबन संकल्प को सफल बनाने का सहज साधन आज विश्व रचता, विश्व कल्याणकारी बाप विश्व की परिक्रमा करने के लिए, विशेष सर्व बच्चों की रेख-देख करने के लिए चारों ओर गये। ज्ञानी तू आत्मा बच्चों को भी देखा। स्नेही सहयोगी बच्चों को भी देखा। भक्त बच्चों को भी […]Read More
18-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप है सर्व सम्बन्धों के प्यार की पीन, एक मीठे माशुक को याद करो तो बुद्धि सब तरफ से हट जायेगी” प्रश्नः- कर्मातीत बनने का सहज पुरूषार्थ वा युक्ति कौन-सी है? उत्तर:- भाई-भाई की दृष्टि को पक्का करने का पुरुषार्थ करो। बुद्धि से एक बाप के […]Read More
17-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद से याद मिलती है, जो बच्चे प्यार से बाप को याद करते हैं उनकी कशिश बाप को भी होती है” प्रश्नः- तुम्हारे परिपक्व अवस्था की निशानी क्या है? उस अवस्था को पाने का पुरूषार्थ सुनाओ? उत्तर:- जब तुम बच्चों की परिपक्व अवस्था होगी तो सब […]Read More
16-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें पहला-पहला निश्चय चाहिए कि हमको पढ़ाने वाला स्वयं शान्ति का सागर, सुख का सागर बाप है। कोई मनुष्य किसी को सुख-शान्ति नहीं दे सकता” प्रश्नः- सबसे ऊंची मंज़िल कौन-सी है? उस मंज़िल को पाने का पुरूषार्थ क्या है? उत्तर:- एक बाप की याद पक्की हो […]Read More
14-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम्हें सिविल चक्षु देने, तुम्हें ज्ञान का तीसरा नेत्र मिला है, इसलिए यह आंखे कभी भी क्रिमिनल नहीं होनी चाहिए” प्रश्नः- तुम बेहद के सन्यासियों को बाप ने कौन-सी एक श्रीमत दी है? उत्तर:- बाप की श्रीमत है तुम्हें नर्क और नर्कवासियों से […]Read More
13-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देही-अभिमानी बाप तुम्हें देही-अभिमानी भव का पाठ पढ़ाते हैं, तुम्हारा पुरूषार्थ है देह-अभिमान को छोड़ना” प्रश्नः- देह-अभिमानी बनने से कौन-सी पहली बीमारी उत्पन्न होती है? उत्तर:- नाम-रूप की। यह बीमारी ही विकारी बना देती है इसलिए बाप कहते हैं आत्म-अभिमानी रहने की प्रैक्टिस करो। इस शरीर […]Read More
12-05-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 05-12-84 मधुबन सम्पूर्ण काम जीत अर्थात् हद की कामनाओं से परे आज बापदादा अपनी सर्वश्रेष्ठ भुजाओं को देख रहे हैं। सभी भुजायें स्नेह और शक्ति द्वारा विश्व को परिवर्तन करने के कार्य में लगी हुई हैं। एक की सब भुजायें हैं। इसलिए सबके अन्दर एक ही लगन है, कि […]Read More
11-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें कभी भी विघ्न रूप नहीं बनना है, अन्दर में कोई कमी हो तो उसे निकाल दो, यही समय है सच्चा हीरा बनने का” प्रश्नः- किस बात की डिफेक्ट आते ही आत्मा की वैल्यु कम होने लगती है? उत्तर:- पहला डिफेक्ट आता है अपवित्रता का। जब […]Read More