Bkvarta

Month: May 2019

00 Weekly Murli

10-05-2019

10-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें कर्मातीत बनकर जाना है, इसलिए अन्दर में कोई भी फ्लो नहीं रहना चाहिए, अपनी जांच कर कमियां निकालते जाओ” प्रश्नः- किस अवस्था को जमाने में मेहनत लगती है? उसका पुरूषार्थ क्या है? उत्तर:- इन आंखों से देखने वाली कोई भी चीज़ सामने न आये। देखते […]Read More

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09-05-2019

09-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – शिवबाबा वन्डरफुल बाप, टीचर और सतगुरू है, उसे अपना कोई बाप नहीं, वह कभी किसी से कुछ सीखता नहीं, उन्हें गुरू की दरकार नहीं, ऐसा वन्डर खाकर तुम्हें याद करना चाहिए” प्रश्नः- याद में कौन-सी नवीनता हो तो आत्मा सहज ही पावन बन सकती है? उत्तर:- […]Read More

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08-05-2019

08-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बाप से भक्ति का फल लेने आये हो, जिन्होंने जास्ती भक्ति की होगी वही ज्ञान में आगे जायेंगे” प्रश्नः- कलियुगी राजाई में किन दो चीज़ों की जरूरत रहती है जो सतयुगी राजाई में नहीं होगी? उत्तर:- कलियुगी राजाई में 1. वजीर और 2. गुरू की […]Read More

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07-05-2019

07-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद की यात्रा में रहो तो तुम्हारे पाप कट जायेंगे, क्योंकि याद है तलवार की धार, इसमें अपने आपको ठगना नहीं” प्रश्नः- बच्चों को कैरेक्टर सुधारने के लिए बाप कौन-सा रास्ता बताते हैं? उत्तर:- बच्चे, अपना सच्चा-सच्चा चार्ट रखो। चार्ट रखने से ही कैरेक्टर सुधरेंगे। देखना […]Read More

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06-05-2019

06-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए ऐसा ट्रस्टी बनो जो किसी भी चीज़ में आसक्ति न रहे, हमारा कुछ भी नहीं, ऐसा बेगर बन जाओ” प्रश्नः- तुम बच्चों के पुरूषार्थ की मंज़िल कौन-सी है? उत्तर:- आप मरे मर गई दुनिया – यही है तुम्हारी मंज़िल। शरीर से […]Read More

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05-05-19

05-05-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 26-11-84 मधुबन सच्चे सहयोगी ही सच्चे योगी आज बच्चों के मिलन स्नेह को देख रहे हैं। एक बल एक भरोसा, इसी छत्रछाया के नीचे मिलन के उमंग उत्साह से ज़रा भी हलचल, लगन को हिला न सकी। रूकावट, थकावट बदलकर स्नेह का सहज रास्ता अनुभव कर पहुँच गये हैं। […]Read More

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04-05-2019

04-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपने को सुधारने के लिए अटेन्शन दो, दैवीगुण धारण करो, बाप कभी किसी पर नाराज़ नहीं होते, शिक्षा देते हैं, इसमें डरने की बात नहीं” प्रश्नः- बच्चों को कौन-सी एक स्मृति रहे तो टाइम वेस्ट न करें? उत्तर:- यह संगम का समय है, बहुत ऊंची लॉटरी […]Read More

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03-05-2019

03-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद का आधार है प्यार, प्यार में कमी है तो याद एकरस नहीं रह सकती और याद एकरस नहीं है तो प्यार नहीं मिल सकता” प्रश्नः- आत्मा की सबसे प्यारी चीज़ कौन सी है? उसकी निशानी क्या है? उत्तर:- यह शरीर आत्मा के लिए सबसे प्यारी […]Read More

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02-05-2019

02-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – आत्म-अभिमानी बनो, मैं आत्मा हूँ शरीर नहीं, यह है पहला पाठ, यही पाठ सबको अच्छी तरह पढ़ाओ” प्रश्नः- ज्ञान सुनाने का तरीका क्या है? किस विधि से ज्ञान सुनाना है? उत्तर:- ज्ञान की बातें बड़ी खुशी-खुशी से सुनाओ, लाचारी से नहीं। तुम आपस में बैठकर ज्ञान […]Read More

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01-05-2019

01-05-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम यहाँ मनुष्य से देवता बनने की ट्यूशन लेने आये हो, कौड़ी से हीरा बन रहे हो” प्रश्नः- तुम बच्चों को इस पढ़ाई में कोई भी खर्चा नहीं लगता है – क्यों? उत्तर:- क्योंकि तुम्हारा बाप ही टीचर है। बाप बच्चों से खर्चा (फी) कैसे लेगा। […]Read More