11-08-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 14-01-85 मधुबन शुभ चिन्तक बनने का आधार स्वचिन्तन और शुभ चिन्तन आज बापदादा चारों ओर के विशेष बच्चों को देख रहे हैं। कौन से विशेष बच्चे हैं जो सदा स्वचिन्तन, शुभ चिन्तन में रहने के कारण सर्व के शुभ चिन्तक हैं। जो सदा शुभ चिन्तन में रहता है वह […]Read More
10-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुमने सारे कल्प में आलराउन्ड पार्ट बजाया, अब पार्ट पूरा हुआ, घर चलना है” प्रश्नः- तुम बच्चे अपने भाग्य की महिमा किन शब्दों में करते हो? उत्तर:- हम हैं ब्राह्मण चोटी। हमें निराकार भगवान बैठ पढ़ाते हैं। दुनिया में मनुष्य, मनुष्य को पढ़ाते लेकिन हमें स्वयं […]Read More
09-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम हो चैतन्य लाइट हाउस, तुम्हें सबको बाप का परिचय देना है, घर का रास्ता बताना है” प्रश्नः- आगे चलकर कौन-सा डायरेक्शन और किस विधि से अनेक आत्माओं को मिलने वाला है? उत्तर:- आगे चलकर बहुतों को यह डायरेक्शन मिलेगा कि तुम ब्रह्माकुमार-कुमारियों के पास जाओ […]Read More
07-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – चैतन्य अवस्था में रह बाप को याद करना है, सुन्न अवस्था में चले जाना या नींद करना – यह कोई योग नहीं है” प्रश्नः- तुम्हें आंखे बन्द करके बैठने की मना क्यों की जाती है? उत्तर:- अगर तुम आंख बन्द करके बैठेंगे तो दुकान का सारा […]Read More
08-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – कामकाज करते हुए भी एक बाप की याद रहे, चलते-फिरते बाप और घर को याद करो, यही तुम्हारी बहादुरी है” प्रश्नः- बाप का रिगॉर्ड और डिस रिगॉर्ड कब और कैसे होता है? उत्तर:- जब तुम बच्चे बाप को अच्छी तरह याद करते हो तब रिगार्ड देते […]Read More
06-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान की धारणा करते रहो तो अन्त में तुम बाप समान बन जायेंगे, बाप की सारी ताकत तुम हज़म कर लेंगे” प्रश्नः- किन दो शब्दों की स्मृति से स्वदर्शन चक्रधारी बन सकते हो? उत्तर:- उत्थान और पतन, सतोप्रधान और तमोप्रधान, शिवालय और वेश्यालय। यह दो-दो बातें […]Read More
05-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – मैं विदेही बाप तुम देहधारियों को विदेही बनाने के लिए पढ़ाता हूँ, यह है नई बात जो बच्चे ही समझते हैं” प्रश्नः- बाबा को एक ही बात बार-बार समझाने की आवश्यकता क्यों पड़ती है? उत्तर:- क्योंकि बच्चे घड़ी-घड़ी भूल जाते हैं। कोई-कोई बच्चे कहते हैं – […]Read More
04-08-19 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”मातेश्वरी” रिवाइज: 09-01-85 मधुबन श्रेष्ठ भाग्यवान आत्माओं की रूहानी पर्सनैलिटी आज भाग्यविधाता बाप अपने श्रेष्ठ भाग्यवान बच्चों को देख रहे हैं। हर एक बच्चे के भाग्य की लकीर कितनी श्रेष्ठ और अविनाशी है। भाग्यवान तो सभी बच्चे हैं क्योंकि भाग्यविधाता के बने हैं इसलिए भाग्य तो जन्म-सिद्ध अधिकार है। जन्म-सिद्ध अधिकार […]Read More
03-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा अनादि नाता है भाई-भाई का, तुम साकार में भाई-बहिन हो इसलिए तुम्हारी कभी क्रिमिनल दृष्टि नहीं जा सकती” प्रश्नः- विजयी अष्ट रत्न कौन बनते हैं? उनकी वैल्यु क्या है? उत्तर:- जिनकी मन्सा में क्रिमिनल ख्यालात नहीं रहते, पूरी सिविल आई हो, वही अष्ट रत्न बनते […]Read More
02-08-2019 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – योग द्वारा तत्वों को पावन बनाने की सेवा करो क्योंकि जब तत्व पावन बनेंगे तब इस सृष्टि पर देवतायें पाँव रखेंगे” प्रश्नः- तुम्हारी नई राजधानी में किसी भी प्रकार की अशान्ति नहीं हो सकती है – क्यों? उत्तर:- 1. क्योंकि वह राजाई तुम्हें बाप द्वारा वर्से […]Read More