12-01-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 11-04-85 मधुबन “उदारता ही आधार स्वरूप संगठन की विशेषता है” आज विशेष विश्व परिवर्तन के आधार स्वरूप, विश्व के बेहद सेवा के आधार स्वरूप, श्रेष्ठ स्मृति, बेहद की वृत्ति, मधुर अमूल्य बोल बोलने के आधार द्वारा औरों को भी ऐसे उमंग-उत्साह दिलाने के आधार स्वरूप निमित्त और निर्माण स्वरूप […]Read More
11-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम एक बाप के डायरेक्शन पर चलते चलो तो बाप तुम्हारा रेस्पॉन्सिबुल है, बाप का डायरेक्शन है चलते-फिरते मुझे याद करो” प्रश्न: जो अच्छे गुणवान बच्चे हैं उनकी मुख्य निशानियां क्या होंगी? उत्तर: वह कांटों को फूल बनाने की अच्छी सेवा करेंगे। किसी को भी कांटा […]Read More
10-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – मुख्य दो बातें सबको समझानी हैं – एक तो बाप को याद करो, दूसरा 84 के चक्र को जानो फिर सब प्रश्न समाप्त हो जायेंगे” प्रश्न: बाप की महिमा में कौन-से शब्द आते हैं जो श्रीकृष्ण की महिमा में नहीं? उत्तर: वृक्षपति एक बाप है, श्रीकृष्ण […]Read More
09-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह अनादि बना-बनाया ड्रामा है, यह बहुत अच्छा बना हुआ है, इसके पास्ट, प्रेजन्ट और फ्युचर को तुम बच्चे अच्छी तरह जानते हो” प्रश्न: किस कशिश के आधार पर सभी आत्मायें तुम्हारे पास खींचती हुई आयेंगी? उत्तर: पवित्रता और योग की कशिश के आधार पर। इसी […]Read More
08-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सवेरे-सवेरे उठ बाप से मीठी रूहरिहान करो, बाप ने जो शिक्षायें दी हैं उन्हें उगारते रहो” प्रश्न: सारा दिन खुशी-खुशी में बीते, उसके लिए कौन-सी युक्ति रचनी चाहिए? उत्तर: रोज़ अमृतवेले उठकर ज्ञान की बातों में रमण करो। अपने आपसे बातें करो। सारे ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त […]Read More
07-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान की धारणा के साथ-साथ सतयुगी राजाई के लिए याद और पवित्रता का बल भी जमा करो” प्रश्न: अभी तुम बच्चों के पुरूषार्थ का क्या लक्ष्य होना चाहिए? उत्तर: सदा खुशी में रहना, बहुत-बहुत मीठा बनना, सबको प्रेम से चलाना…. यही तुम्हारे पुरूषार्थ का लक्ष्य हो। […]Read More
06-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम भारत के मोस्ट वैल्युबुल सर्वेन्ट हो, तुम्हें अपने तन-मन-धन से श्रीमत पर इसे रामराज्य बनाना है” प्रश्न: सच्ची अलौकिक सेवा कौन-सी है, जो अभी तुम बच्चे करते हो? उत्तर: तुम बच्चे गुप्त रीति से श्रीमत पर पावन भूमि सुखधाम की स्थापना कर रहे हो – […]Read More
05-01-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 30-03-85 मधुबन तीन-तीन बातों का पाठ आज बापदादा अपने सदा के साथी बच्चों से मिलने आये हैं। बच्चे ही बाप के सदा साथी हैं, सहयोगी हैं, क्योंकि अति स्नेही हैं। जहाँ स्नेह होता है उसके ही सदा सहयोगी साथी बनते हैं। तो स्नेही बच्चे होने कारण बाप बच्चों के […]Read More
04-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद का चार्ट रखो, जितना-जितना याद में रहने की आदत पड़ती जायेगी उतना पाप कटते जायेंगे, कर्मातीत अवस्था समीप आती जायेगी” प्रश्न: चार्ट ठीक है वा नहीं, इसकी परख किन 4 बातों से की जाती है? उत्तर: 1-आसामी, 2-चलन, 3-सर्विस और 4-खुशी। बापदादा इन चार बातों […]Read More
02-01-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारी नज़र शरीरों पर नहीं जानी चाहिए, अपने को आत्मा समझो, शरीरों को मत देखो” प्रश्न: हर एक ब्राह्मण बच्चे को विशेष किन दो बातों पर ध्यान देना है? उत्तर: 1- पढ़ाई पर, 2- दैवी गुणों पर। कई बच्चों में क्रोध का अंश भी नहीं है, […]Read More