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Month: March 2020

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21-03-2020

21-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम बच्चों को सुख – चैन की दुनिया में ले चलने, चैन है ही शान्ति – धाम और सुखधाम में” प्रश्नः- इस युद्ध के मैदान में माया सबसे पहला वार किस बात पर करती है? उत्तर:- निश्चय पर। चलते-चलते निश्चय तोड़ देती है […]Read More

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20-03-2020

20-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – खुशी जैसी खुराक नहीं, तुम खुशी में चलते फिरते पैदल करते बाप को याद करो तो पावन बन जायेंगे” प्रश्नः- कोई भी कर्म विकर्म न बने उसकी युक्ति क्या है? उत्तर:- विकर्मों से बचने का साधन है श्रीमत। बाप की जो पहली श्रीमत है कि अपने […]Read More

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19-03-2020

19-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – जिन्होंने शुरू से भक्ति की है, 84 जन्म लिए हैं, वह तुम्हारे ज्ञान को बड़ी रूचि से सुनेंगे, इशारे से समझ जायेंगे” प्रश्नः- देवी-देवता घराने के नजदीक वाली आत्मा है या दूर वाली, उसकी परख क्या होगी? उत्तर:- जो तुम्हारे देवता घराने की आत्मायें होंगी, उन्हें […]Read More

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18-03-2020

18-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – इस बेहद नाटक को सदा स्मृति में रखो तो अपार खुशी रहेगी, इस नाटक में जो अच्छे पुरूषार्थी और अनन्य हैं, उनकी पूजा भी अधिक होती है” प्रश्नः- कौन-सी स्मृति दुनिया के सब दु:खों से मुक्त कर देती है, हर्षित रहने की युक्ति क्या है? उत्तर:- […]Read More

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17-03-2020

17-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – प्रीत और विपरीत यह प्रवृत्ति मार्ग के अक्षर हैं, अभी तुम्हारी प्रीत एक बाप से हुई है, तुम बच्चे निरन्तर बाप की याद में रहते हो” प्रश्नः- याद की यात्रा को दूसरा कौन-सा नाम देंगे? उत्तर:- याद की यात्रा प्रीत की यात्रा है। विपरीत बुद्धि वाले […]Read More

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16-03-2020

16-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें ज्ञान से अच्छी जागृति आई है, तुम अपने 84 जन्मों को, निराकार और साकार बाप को जानते हो, तुम्हारा भटकना बंद हुआ” प्रश्नः- ईश्वर की गत मत न्यारी क्यों गाई हुई है? उत्तर:- 1. क्योंकि वह ऐसी मत देते हैं जिससे तुम ब्राह्मण सबसे न्यारे […]Read More

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15-03-20

15-03-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 11-12-85 मधुबन सच्चे सेवाधारी की निशानी आज स्नेह के सागर बापदादा सभी स्नेही बच्चों को देख रहे हैं। हर एक बच्चे में तीन विशेषतायें देख रहे हैं कि हर एक बच्चा तीनों विशेषताओं में कहाँ तक सम्पन्न बने हैं। वह तीन विशेषतायें हैं – स्नेह, सहयोग अर्थात् सहज योग और शक्ति स्वरूप […]Read More

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14-03-2020

14-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बहुत लकी हो क्योंकि तुम्हें बाप की याद के सिवाए और कोई फिकरात नहीं, इस बाप को तो फिर भी बहुत ख्यालात चलते हैं” प्रश्नः- बाप के पास जो सपूत बच्चे हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- वे सभी का बुद्धियोग एक बाप से जुड़ाते […]Read More

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13-03-2020

13-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – खिवैया आया है तुम्हारी नईया पार लगाने, तुम बाप से सच्चे होकर रहो तो नईया हिलेगी – डुलेगी लेकिन डूब नहीं सकती” प्रश्नः- बाप की याद बच्चों को यथार्थ न रहने का मुख्य कारण क्या है? उत्तर:- साकार में आते-आते भूल गये हैं कि हम आत्मा […]Read More

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11-03-2020

11-03-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बाप के बच्चे मालिक हो, तुमने कोई बाप के पास शरण नहीं ली है, बच्चा कभी बाप की शरण में नहीं जाता” प्रश्नः- श्न:- किस बात का सदा सिमरण होता रहे तो माया तंग नहीं करेगी? उत्तर:- हम बाप के पास आये हैं, वह हमारा […]Read More