20-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा यह नया झाड़ बहुत मीठा है, इस मीठे झाड़ को ही कीड़े लगते हैं, कीड़ों को समाप्त करने की दवाई है मनमनाभव” प्रश्नः- पास विद् ऑनर होने वाले स्टूडेन्ट की निशानी क्या होगी? उत्तर:- वह सिर्फ एक सब्जेक्ट में नहीं लेकिन सभी सब्जेक्ट पर पूरा-पूरा […]Read More
19-04-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 30-12-85 मधुबन विशाल बुद्धि की निशानी आज सर्व स्नेही, सहयोगी, सहजयोगी बच्चों से स्नेह के सागर, सर्व खजानों के विधाता, वरदाता बाप रूहानी मिलन मनाने आये हैं। यह रूहानी स्नेह का मिलन अर्थात् रूहों का मिलन विचित्र मिलन है। सारे कल्प में ऐसा रूहानी मेला हो नहीं सकता। इस संगमयुग को इस […]Read More
18-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – इस पुरानी पतित दुनिया से तुम्हारा बेहद का वैराग्य चाहिए क्योंकि तुम्हें पावन बनना है, तुम्हारी चढ़ती कला से सबका भला होता है” प्रश्नः- कहा जाता है, आत्मा अपना ही शत्रु, अपना ही मित्र है, सच्ची मित्रता क्या है? उत्तर:- एक बाप की श्रीमत पर सदा […]Read More
17-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप नॉलेजफुल है, उन्हें जानी जाननहार कहना, यह उल्टी महिमा है, बाप आते ही हैं तुम्हें पतित से पावन बनाने” प्रश्नः- बाप के साथ-साथ सबसे अधिक महिमा और किसकी है और कैसे? उत्तर:- 1. बाप के साथ भारत की महिमा भी बहुत है। भारत ही अविनाशी […]Read More
16-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप तुम्हें पुरूषोत्तम बनाने के लिए पढ़ा रहे हैं, तुम अभी कनिष्ट से उत्तम पुरूष बनते हो, सबसे उत्तम हैं देवतायें” प्रश्नः- यहाँ तुम बच्चे कौन-सी मेहनत करते हो जो सतयुग में नहीं होगी? उत्तर:- यहाँ देह सहित देह के सब सम्बन्धों को भूल आत्म-अभिमानी हो […]Read More
15-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह तुम्हारा बहुत अमूल्य जन्म है, इसी जन्म में तुम्हें मनुष्य से देवता बनने के लिए पावन बनने का पुरूषार्थ करना है” प्रश्नः- ईश्वरीय सन्तान कहलाने वाले बच्चों की मुख्य धारणा क्या होगी? उत्तर:- वह आपस में बहुत-बहुत क्षीरखण्ड होकर रहेंगे। कभी लूनपानी नहीं होंगे। जो […]Read More
14-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा प्यार विनाशी शरीरों से नहीं होना चाहिए, एक विदेही से प्यार करो, देह को देखते हुए नहीं देखो” प्रश्नः- बुद्धि को स्वच्छ बनाने का पुरूषार्थ क्या है? स्वच्छ बुद्धि की निशानी क्या होगी? उत्तर:- देही-अभिमानी बनने से ही बुद्धि स्वच्छ बनती है। ऐसे देही-अभिमानी बच्चे […]Read More
13-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम पुरुषोत्तम संगमयुगी ब्राह्मण अभी ईश्वर की गोद में आये हो, तुम्हें मनुष्य से देवता बनना है तो दैवीगुण भी चाहिए” प्रश्नः- ब्राह्मण बच्चों को किस बात में अपनी बहुत-बहुत सम्भाल करनी है और क्यों? उत्तर:- सारे दिन की दिनचर्या में कोई भी पाप कर्म न […]Read More
12-04-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 23-12-85 मधुबन कामजीत – सर्व हद की कामनाओं से परे बापदादा अपने छोटे से श्रेष्ठ सुखी संसार को देख रहे हैं। एक तरफ है बहुत बड़ा असार संसार। दूसरे तरफ है छोटा-सा सुखी संसार। इस सुखी संसार में सदा सुख-शान्ति सम्पन्न ब्राह्मण आत्मायें हैं क्योंकि पवित्रता, स्वच्छता के आधार पर यह सुख-शान्तिमय जीवन है। जहाँ पवित्रता […]Read More
11-04-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – वैजयन्ती माला में आने के लिए निरन्तर बाप को याद करो, अपना टाइम वेस्ट मत करो, पढ़ाई पर पूरा – पूरा ध्यान दो” प्रश्नः- बाप अपने बच्चों से कौन-सी एक रिक्वेस्ट करते हैं? उत्तर:- मीठे बच्चे, बाप रिक्वेस्ट करते हैं – अच्छी रीति पढ़ते रहो। बाप […]Read More