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Month: May 2020

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18-05-2020

18-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम फिर से अपने ठिकाने पर पहुँच गये हो, तुमने बाप द्वारा रचता और रचना को जान लिया है तो खुशी में रोमांच खड़े हो जाने चाहिए” प्रश्नः- इस समय बाप तुम बच्चों का श्रृंगार क्यों कर रहे हैं? उत्तर:- क्योंकि अभी हमें सज-धज कर विष्णुपुरी […]Read More

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17-05-20

17-05-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 13-01-86 मधुबन ब्राह्मण जीवन – सदा बेहद की खुशियों का जीवन आज बापदादा अपने होली और हैपी हंसो की सभा देख रहे हैं। सभी होली के साथ हैपी भी सदा रहते हैं? होली अर्थात् पवित्रता की प्रत्यक्ष निशानी- हैपी अर्थात् खुशी सदा प्रत्यक्ष रूप में दिखाई देगी। अगर खुशी […]Read More

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16-05-2020

16-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अभी ड्रामा का चक्र पूरा होता है, तुम्हें क्षीरखण्ड बनकर नई दुनिया में आना है, वहाँ सब क्षीरखण्ड हैं, यहाँ लूनपानी हैं” प्रश्नः- तुम त्रिनेत्री बच्चे किस नॉलेज को जान कर त्रिकालदर्शी बन गये हो? उत्तर:- तुम्हें अभी सारे वर्ल्ड की हिस्ट्री-जॉग्राफी की नॉलेज मिली है, […]Read More

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14-05-2020

14-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें संग बहुत अच्छा करना है, बुरे संग का रंग लगा तो गिर पड़ेंगे, कुसंग बुद्धि को तुच्छ बना देता है” प्रश्नः- अभी तुम बच्चों को कौन सी उछल आनी चाहिए? उत्तर:- तुम्हें उछल आनी चाहिए कि गांव-गांव में जाकर सर्विस करें। तुम्हारे पास जो कुछ […]Read More

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13-05-2020

13-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अमृतवेले अपने दूसरे सब संकल्पों को लॉकप (बंद) कर एक बाप को प्यार से याद करो, बाप से मीठी-मीठी रूहरिहान करो” प्रश्नः- तुम बच्चों की हर बात में अर्थ है, अर्थ सहित शब्द कौन बोल सकता है? उत्तर:- जो देही-अभिमानी है, वही हर बोल अर्थ सहित […]Read More

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12-05-2020

12-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें खिवैया मिला है इस पार से उस पार ले जाने के लिए, तुम्हारे पैर अब इस पुरानी दुनिया पर नहीं हैं, तुम्हारा लंगर उठ चुका है” प्रश्नः- जादूगर बाप की वन्डरफुल जादूगरी कौन-सी है जो दूसरा कोई नहीं कर सकता? उत्तर:- कौड़ी तुल्य आत्मा को […]Read More

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11-05-2020

11-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम इन आंखों से जो कुछ देखते हो यह सब पुरानी दुनिया की सामग्री है, यह समाप्त होनी है, इसलिए इस दु:खधाम को बुद्धि से भूल जाओ” प्रश्नः- मनुष्यों ने बाप पर कौन-सा दोष लगाया है लेकिन वह दोष किसी का भी नहीं है? उत्तर:- इतना […]Read More

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10-05-20

10-05-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 08-01-86 मधुबन धरती के ‘होली’ सितारे आज ज्ञान सूर्य बाप अपने अनेक प्रकार के विशेषताओं से सम्पन्न विशेष सितारों को देख रहे हैं। हर एक सितारे की विशेषता विश्व को परिवर्तन करने की रोशनी देने वाला है। आजकल सितारों की खोज विश्व में विशेष करते हैं क्योंकि सितारों का […]Read More

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09-05-2020

09-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम आत्माओं का प्यार एक बाप से है, बाप ने तुम्हें आत्मा से प्यार करना सिखलाया है, शरीर से नहीं” प्रश्नः- किस पुरूषार्थ में ही माया विघ्न डालती है? मायाजीत बनने की युक्ति क्या है? उत्तर:- तुम पुरूषार्थ करते हो कि हम बाप को याद करके […]Read More

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08-05-2020

08-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाबा आया है तुम बच्चों को अविनाशी कमाई कराने, अभी तुम ज्ञान रत्नों की जितनी कमाई करने चाहो कर सकते हो” प्रश्नः- आसुरी संस्कारों को बदलकर दैवी संस्कार बनाने के लिए कौन-सा विशेष पुरूषार्थ चाहिए? उत्तर:- संस्कारों को बदलने के लिए जितना हो सके देही-अभिमानी रहने […]Read More