07-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – श्रीमत ही तुमको श्रेष्ठ बनाने वाली है, इसलिए श्रीमत को भूलो मत, अपनी मत को छोड़ एक बाप की मत पर चलो” प्रश्नः- पुण्य आत्मा बनने की युक्ति क्या है? उत्तर:- पुण्य आत्मा बनना है तो सच्ची दिल से, प्यार से एक बाप को याद करो। […]Read More
06-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपने आपको देखो मैं फूल बना हूँ, देह-अहंकार में आकर कांटा तो नहीं बनता हूँ? बाप आया है तुम्हें कांटे से फूल बनाने” प्रश्नः- किस निश्चय के आधार पर बाप से अटूट प्यार रह सकता है? उत्तर:- पहले अपने को आत्मा निश्चय करो तो बाप से […]Read More
05-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा लव एक बाप से है क्योंकि तुम्हें बेहद का वर्सा मिलता है, तुम प्यार से कहते हो – मेरा बाबा” प्रश्नः- किसी भी देहधारी मनुष्य के बोल की भेंट बाप से नहीं की जा सकती है – क्यों? उत्तर:- क्योंकि बाप का एक-एक बोल महावाक्य […]Read More
04-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपना स्वभाव बाप समान इज़ी बनाओ, तुम्हारे में कोई घमण्ड नहीं होना चाहिए, ज्ञान-युक्त बुद्धि हो, अभिमान न हो” प्रश्नः- सर्विस करते हुए भी कई बच्चे बेबी से भी बेबी हैं – कैसे? उत्तर:- कई बच्चे सर्विस करते रहते हैं, दूसरों को ज्ञान सुनाते रहते हैं […]Read More
03-05-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 06-01-86 मधुबन संगमयुग-जमा करने का युग आज सर्व बच्चों के तीनों काल को जानने वाले त्रिकालदर्शी बापदादा सभी बच्चों के जमा का खाता देख रहे हैं। यह तो सभी जानते ही हो कि सारे कल्प में श्रेष्ठ खाता जमा करने का समय सिर्फ यही संगमयुग है। छोटा-सा युग, छोटी-सी […]Read More
02-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अभी तुम संगम पर हो, तुम्हें पुरानी दुनिया से तैलुक (नाता) तोड़ देना है क्योंकि यह पुरानी दुनिया अब खत्म होनी है” प्रश्नः- संगम की कौन-सी विशेषता सारे कल्प से न्यारी है? उत्तर:- संगम की ही विशेषता है – पढ़ते यहाँ हो, प्रालब्ध भविष्य में पाते […]Read More
01-05-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अनेक देहधारियों से प्रीत निकाल एक विदेही बाप को याद करो तो तुम्हारे सब अंग शीतल हो जायेंगे” प्रश्नः- जो दैवीकुल की आत्मायें हैं, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- दैवी कुल वाली आत्माओं को इस पुरानी दुनिया से सहज ही वैराग्य होगा। 2- उनकी बुद्धि बेहद […]Read More