20-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा टाइम बहुत वैल्युबुल है, इसलिए फालतू बातों में अपना टाइम वेस्ट मत करो” प्रश्नः- मनुष्य से देवता बनने के लिए बाप की कौन-सी श्रीमत मिली हुई है? उत्तर:- बच्चे, तुम जबकि मनुष्य से देवता बनते हो तो कोई आसुरी स्वभाव नहीं होना चाहिए, 2. कोई […]Read More
19-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अभी तुम्हें निंदा-स्तुति, मान-अपमान, दु:ख-सुख सब कुछ सहन करना है तुम्हारे सुख के दिन अभी समीप आ रहे हैं” प्रश्नः- बाप अपने ब्राह्मण बच्चों को कौन-सी एक वारनिंग देते हैं? उत्तर:- बच्चे कभी भी बाप से रूठना नहीं। अगर बाप से रूठेंगे तो सद्गति से भी […]Read More
18-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप तुम्हें नई दुनिया के लिए राजयोग सिखला रहे हैं, इसलिए इस पुरानी दुनिया का विनाश भी जरूर होना है” प्रश्नः- मनुष्यों में कौन-सी एक अच्छी आदत पड़ी हुई है लेकिन उससे भी प्राप्ति नहीं होती? उत्तर:- मनुष्यों में भगवान को याद करने की जैसे आदत […]Read More
17-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद में रहो तो दूर होते भी साथ में हो, याद से साथ का भी अनुभव होता है और विकर्म भी विनाश होते हैं” प्रश्नः- दूरदेशी बाप बच्चों को दूरांदेशी बनाने के लिए कौन-सा ज्ञान देते हैं? उत्तर:- आत्मा कैसे चक्र में भिन्न-भिन्न वर्णों में आती […]Read More
16-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा पहला-पहला शब्क (पाठ) है – मैं आत्मा हूँ, शरीर नहीं, आत्म-अभिमानी होकर रहो तो बाप की याद रहेगी” प्रश्नः- तुम बच्चों के पास कौन सा गुप्त खजाना है, जो मनुष्यों के पास नहीं है? उत्तर:- तुम्हें भगवान बाप पढ़ाते हैं, उस पढ़ाई की खुशी का […]Read More
15-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें स्मृति आई कि हमने 84 जन्मों का चक्र पूरा किया, अब जाते हैं अपने घर शान्तिधाम, घर जाने में बाकी थोड़ा समय है” प्रश्नः- जिन बच्चों को घर चलने की स्मृति रहती है, उनकी निशानी क्या होगी? उत्तर:- वह इस पुरानी दुनिया को देखते हुए […]Read More
14-06-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 22-01-86 मधुबन बापदादा की आशा – सम्पूर्ण और सम्पन्न बनो आज विशेष दूरदेशवासी दूरदेश निवासी बच्चों से मिलने के लिए आये हैं। इतने दूर से मिलने के लिए आये हैं। इतने दूर से किस लगन से आते हैं? बापदादा बच्चों की लगन को जानते हैं। एक तरफ दिल के […]Read More
13-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप का प्यार लेना हो तो आत्म-अभिमानी होकर बैठो, बाप से हम स्वर्ग का वर्सा ले रहे हैं, इस खुशी में रहो” प्रश्नः- संगमयुग पर तुम ब्राह्मण से फ़रिश्ता बनने के लिये कौन-सी गुप्त मेहनत करते हो? उत्तर:- तुम ब्राह्मणों को पवित्र बनने की ही गुप्त […]Read More
12-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अभी तुम ईश्वरीय औलाद बने हो, तुम्हारे में कोई आसुरी गुण नहीं होने चाहिए, अपनी उन्नति करनी है, ग़फलत नहीं करनी है” प्रश्नः- आप संगमयुगी ब्राह्मण बच्चों को कौन-सा निश्चय और नशा है? उत्तर:- हम बच्चों को निश्चय और नशा है कि अभी हम ईश्वरीय सम्प्रदाय […]Read More
11-06-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह रूद्र ज्ञान यज्ञ स्वयं रूद्र भगवान ने रचा है, इसमें तुम अपना सब कुछ स्वाहा करो क्योंकि अब घर चलना है” प्रश्नः- संगमयुग पर कौन-सा वण्डरफुल खेल चलता है? उत्तर:- भगवान के रचे हुए यज्ञ में ही असुरों के विघ्न पड़ते हैं। यह भी संगम […]Read More