06-09-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 16-03-86 मधुबन रुहानी ड्रिल बापदादा सभी बच्चों की स्वीट साइलेन्स की स्थिति को देख रहे हैं। एक सेकेण्ड में साइलेन्स की स्थिति में स्थित हो जाना यह प्रैक्टिस कहाँ तक की है? इस स्थिति में जब चाहें तब स्थित हो सकते हैं वा समय लगता है? क्योंकि अनादि स्वरूप […]Read More
05-09-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – इस बेहद के नाटक में तुम आत्माओं को अपना-अपना पार्ट मिला हुआ है, अभी तुम्हें यह शरीर रूपी कपड़े उतार घर जाना है, फिर नये राज्य में आना है” प्रश्नः- बाप कोई भी कार्य प्रेरणा से नहीं करते, उनका अवतरण होता है, यह किस बात से […]Read More
04-09-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – जब तुम फूल बनेंगे, तब यह भारत काँटों के जंगल से सम्पूर्ण फूलों का बगीचा बनेगा, बाबा आया है तुम्हें फूल बनाने” प्रश्नः- मन्दिर लायक बनने के लिए किन बातों पर विशेष ध्यान देना है? उत्तर:- मन्दिर लायक बनना है तो चलन पर विशेष ध्यान दो […]Read More
01-09-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम्हें कर्म-अकर्म-विकर्म की गुह्य गति सुनाने, जब आत्मा और शरीर दोनों पवित्र हैं तो कर्म अकर्म होते हैं, पतित होने से विकर्म होते हैं। प्रश्नः- आत्मा पर कट (जंक) चढ़ने का कारण क्या है? कट चढ़ी हुई है तो उसकी निशानी क्या होगी? […]Read More