15-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन मीठे बच्चे – “नाज़ुकपना भी देह-अभिमान है, रूसना, रोना यह सब आसुरी संस्कार तुम बच्चों में नहीं होने चाहिए, दु:ख-सुख, मान-अपमान सब सहन करना है” प्रश्नः- सर्विस में ढीलापन आने का मुख्य कारण क्या है? उत्तर:- जब देह-अभिमान के कारण एक दो की खामियां देखने लगते हैं तब सर्विस […]Read More
14-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – संगमयुग पर ही तुम्हें आत्म-अभिमानी बनने की मेहनत करनी पड़ती सतयुग अथवा कलियुग में यह मेहनत होती नहीं” प्रश्न: श्रीकृष्ण का नाम उनके माँ बाप से भी अधिक बाला है, क्यों? उत्तर: क्योंकि श्रीकृष्ण से पहले जिनका भी जन्म होता है वो जन्म योगबल से नहीं […]Read More
13-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा”‘ मधुबन “मीठे बच्चे – बाबा आये हैं तुम्हें घर की राह बताने, तुम आत्म-अभिमानी होकर रहो तो यह राह सहज देखने में आयेगी” प्रश्न: संगम पर कौन-सी ऐसी नॉलेज मिली है जिससे सतयुगी देवतायें मोहजीत कहलाये? उत्तर: संगम पर तुम्हें बाप ने अमरकथा सुनाकर अमर आत्मा की नॉलेज दी। ज्ञान […]Read More
11-10-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 31-03-86 मधुबन सर्वशक्ति-सम्पन्न बनने तथा वरदान पाने का वर्ष आज सर्व खजानों के मालिक, अपने मास्टर बच्चों को देख रहे हैं। बालक सो मालिक, कहाँ तक बने हैं, यह देख रहे हैं। इस समय जो श्रेष्ठ आत्मायें सर्व शक्तियों के सर्व खजानों के मालिक बनते हैं वह मालिकपन के […]Read More
10-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम जब किसी को भी समझाते हो या भाषण करते हो तो बाबा-बाबा कहकर समझाओ, बाप की महिमा करो तब तीर लगेगा” प्रश्नः- बाबा भारतवासी बच्चों से विशेष कौन से प्रश्न पूछते हैं? उत्तर:- तुम भारतवासी बच्चे जो इतने साहूकार थे, सर्वगुण सम्पन्न 16 कला सम्पूर्ण […]Read More
09-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सवेरे-सवेरे उठ बाबा से मीठी-मीठी बातें करो, विचार सागर मंथन करने के लिए सवेरे का टाइम बहुत अच्छा है” प्रश्नः- भक्त भी भगवान को सर्वशक्तिमान् कहते हैं और तुम बच्चे भी, लेकिन दोनों में अन्तर क्या है? उत्तर:- वह कहते भगवान तो जो चाहे वह कर […]Read More
07-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – आत्म-अभिमानी होकर बैठो, अन्दर घोटते रहो – मैं आत्मा हूँ…. देही-अभिमानी बनो, सच्चा चार्ट रखो तो समझदार बनते जायेंगे, बहुत फायदा होगा” प्रश्नः- बेहद के नाटक को समझने वाले बच्चे किस एक लॉ (नियम) को अच्छी रीति समझते हैं? उत्तर:- यह अविनाशी नाटक हैं, इसमें हर […]Read More
06-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – जैसे बाप भविष्य 21 जन्मों के लिए सुख देते हैं वैसे आप बच्चे भी बाप के मदद-गार बनो, प्रीत-बुद्धि बनो, दु:ख देने का कभी ख्याल भी न आये” प्रश्नः- तुम रूप-बसन्त बच्चों का कर्तव्य क्या है? तुम्हें बाप की कौन-सी शिक्षायें मिली हुई हैं? उत्तर:- तुम […]Read More
04-10-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 29-03-86 मधुबन डबल विदेशी बच्चों से बापदादा की रूह-रिहान आज बापदादा चारों ओर के डबल विदेशी बच्चों को वतन में इमर्ज कर सभी बच्चों की विशेषताओं को देख रहे थे क्योंकि सभी बच्चे विशेष आत्मायें हैं तब ही बाप के बने हैं अर्थात् श्रेष्ठ भाग्यवान बने हैं। विशेष सभी […]Read More
05-10-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – एकान्त में बैठ अब ऐसा अभ्यास करो जो अनुभव हो मैं शरीर से भिन्न आत्मा हूँ, इसको ही जीते जी मरना कहा जाता है” प्रश्नः- एकान्त का अर्थ क्या है? एकान्त में बैठ तुमको कौन-सा अनुभव करना है? उत्तर:- एकान्त का अर्थ है एक की याद […]Read More