07-12-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बहुत समय के बाद फिर से बाप से मिले हो इसलिए तुम बहुत-बहुत सिकीलधे हो” प्रश्नः- अपनी स्थिति को एकरस बनाने का साधन क्या है? उत्तर:- सदा याद रखो जो सेकेण्ड पास हुआ, ड्रामा। कल्प पहले भी ऐसे ही हुआ था। अभी तो निंदा-स्तुति, मान-अपमान […]Read More
06-12-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 20-02-87 मधुबन याद, पवित्रता और सच्चे सेवाधारी की तीन रेखाएं आज सर्व स्नेही, विश्व-सेवाधारी बाप अपने सदा सेवाधारी बच्चों से मिलने आये हैं। सेवाधारी बापदादा को समान सेवाधारी बच्चे सदा प्रिय हैं। आज विशेष, सर्व सेवाधारी बच्चों के मस्तक पर चमकती हुई विशेष तीन लकीरें देख रहे हैं। हर […]Read More
05-12-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अब घर जाना है इसलिए देही-अभिमानी बनो, एक बाप को याद करो तो अन्त मति सो गति हो जायेगी” प्रश्नः- वण्डरफुल बाप ने तुम्हें कौन सा एक वण्डरफुल राज़ सुनाया है? उत्तर:- बाबा कहते – बच्चे, यह अनादि अविनाशी ड्रामा बना हुआ है, इसमें हर एक […]Read More