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19-04-2021

19-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – जब भी समय मिले तो एकान्त में बैठ सच्चे माशूक को याद करो क्योंकि याद से ही स्वर्ग की बादशाही मिलेगी” प्रश्नः- बाप मिला है तो कौन सा अलबेलापन समाप्त हो जाना चाहिए? उत्तर:- कई बच्चे अलबेले हो कहते हैं हम तो बाबा के हैं ही। […]Read More

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18-04-21

18-04-21 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 14-12-87 मधुबन संगमयुगी ब्राह्मण जीवन की तीन विशेषताएं आज बापदादा अपने सर्व सदा साथ रहने वाले, सदा सहयोगी बन, सेवा के साथी बन सेवा करने वाले और साथ चलने वाले श्रेष्ठ बच्चों को देख हर्षित हो रहे हैं। साथ रहने वाले अर्थात् सहज स्वत: योगी आत्मायें। सदा सेवा में […]Read More

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17-04-2021

17-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ‘मीठे बच्चे – बाप के पास जो वक्खर (सामान) है, उसका पूरा ही अन्त तुम्हें मिला है, तुम उसे धारण करो और कराओ” प्रश्नः- त्रिकालदर्शी बाप ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त को जानते हुए भी कल की बात आज नहीं बताते हैं – क्यों? उत्तर:- बाबा कहते – बच्चे अगर मैं […]Read More

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16-04-2021

16-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अल्फ और बे को याद करो तो रमणीक बन जायेंगे, बाप भी रमणीक है तो उनके बच्चे भी रमणीक होने चाहिए” प्रश्नः- देवताओं के चित्रों की कशिश सभी को क्यों होती है? उनमें कौन सा विशेष गुण है? उत्तर:- देवतायें बहुत रमणीक और पवित्र हैं। रमणीकता […]Read More

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15-04-2021

15-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप समान रहमदिल बन अनेकों को रास्ता बताओ, जो बच्चे दिन रात सर्विस में लगे रहते हैं – वही बहादुर हैं” प्रश्नः- ऊंची तकदीर का मुख्य आधार किस बात पर है? उत्तर:- याद की यात्रा पर। जितना जो याद करता है उतनी ऊंची तकदीर बनाता है। […]Read More

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14-04-2021

14-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अन्तर्मुखी बन ज्ञान रूप अवस्था में रहकर इन महावाक्यों को धारण करो तब अपना व अन्य आत्माओं का कल्याण कर सकेंगे, अपने मन वा दिल रूपी मन्दिर को ईश्वरीय गुणों रूपी मूर्तियों से सजाओ और पवित्र संकल्पों की खुशबू फैलाओ” प्रश्नः- सर्वोत्तम सच्ची सर्विस कौन सी […]Read More

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13-04-2021

13-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप जो है, जैसा है, तुम बच्चों में भी नम्बरवार पहचानते हैं, अगर सब पहचान लें तो बहुत भीड़ मच जाये” प्रश्नः- चारों ओर प्रत्यक्षता का आवाज कब फैलेगा? उत्तर:- जब मनुष्यों को पता पड़ेगा कि स्वयं भगवान इस पुरानी दुनिया का विनाश कराके नई दुनिया […]Read More

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10-04-2021

10-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – पतित जगत से नाता तोड़ एक बाप से बुद्धियोग लगाओ तो माया से हार नहीं हो सकती” प्रश्नः- समर्थ बाप साथ होते हुए भी यज्ञ में अनेक विघ्न क्यों पड़ते हैं? कारण क्या है? उत्तर:- यह विघ्न तो ड्रामा अनुसार पड़ने ही हैं क्योंकि जब यज्ञ […]Read More

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09-04-2021

09-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप समान लवली बनने के लिए अपने को आत्मा बिन्दु समझ बिन्दु बाप को याद करो” प्रश्नः- याद में रहने की गुप्त हड्डी मेहनत हर एक बच्चे को करनी है – क्यों? उत्तर:- क्योंकि याद के बिगर आत्मा, पाप आत्मा से पुण्य आत्मा नहीं बन सकती। […]Read More

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05-04-2021

05-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – भोलानाथ मोस्ट बिलवेड बाप तुम्हारे सम्मुख बैठे हैं, तुम प्यार से याद करो तो लगन बढ़ती जायेगी, विघ्न खत्म हो जायेंगे” प्रश्नः- ब्राह्मण बच्चों को कौन सी बात सदा याद रहे तो कभी भी विकर्म न हो? उत्तर:- जो कर्म हम करेंगे, हमें देख और भी […]Read More