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राजयोग गीता प्रवचन

 


 

अहमदनगर  10 से 12 जनवरी, 2015

 


 

 


 

 राजयोगीनी उषादीदी के सानिध्य में गीता ज्ञान महायज्ञ से होगी अदभूत प्रकट उर्जा

 

अदभूत है उषादीदीका प्रेरणादाई व्यक्तित्व :

तनाव प्रबेधक तथा राजयोग की अनुभवी प्रशिक्षिका बी.के. उषादीदीजी जिन्हें सब सम्मान से दीदी कहते है, का जन्म सन 1961 में अफ्रीका महाद्वीप में जाम्बिया शहर में हुआ.  स्कूली शिक्षा तो उन्होंने बारहवीं तक ही पाई पर अनौपचारिक रूप से उन्होेंने भारतीय पुरातन साहित्य और आधुनिक प्रबंधन आदि अनेक विषयों का विस्तार से अध्ययन किया हैं.  अध्ययन के साथ-साथ सामाजिक गतिविध्यिों में भाग लेकर अध्यात्म को जीवन प्रबंधन तथा जीवनशैली से जोड़ा है. ऐसे ही सन् 1985 से संयुक्त राष्ट्र अन्तर्राष्ट्रीय युवा वर्ष के शुभअवसर पर उन्होंने भारत एकता यूथ मार्च में भाग लेकर आध्यात्मिकता की चैतन्य सत्ता का संदेश मुम्बई से देहली तक फैलाया.  वे आध्यात्मिक दृष्टिकोण को आधुनिक प्रबन्धन के दर्शन से जोड़ती है.  ई·ारीय ज्ञान और राजयोग को उन्होंने बडी गहराई से अपने जीवन मंे उतारा है. उनके जीवन और व्यवहार में आध्यात्मिकता समाई हुई है.  हिन्दी, अंग्रेजी व गुजराती भाषाओं पर अधिकार है और उस समर्थता के साथ वे प्रवचन करती है.  उन्होंने रामायण व श्रीमद्भगवदगीता पर शोध कर सरलतम, स्पष्ट और सर्वग्राह्र व्याख्या प्रस्तुत की है.

 

उनके द्वारा लिखी गई सेल्फ मैनेजिंग लीडरशिप नामक किताब अंग्रेजी व हिन्दी में प्रकाशित हो चुकी है,  उनके कार्यक्रमों का प्रसारण सोनी, जी, जागरण, संस्कार, आस्था व साधना चैनल पर होता रहा है.  वे मैनेजमेन्ट के कोर्स जैसे स्ट्रेस मैनेजमेन्ट, रिलेक्सेंशन टेक्निक, माइण्ड मैनेजमेन्ट, व्यवहार प्रबन्धन, क्रोध प्रबंधन, सकारात्मक सोच की कला, आदि विभिन्न कंपनी व संस्थाओं जैसे इफ्को, ऋभको, अमूल, बी एस एन एल, टिस्को, सेल, भेल, जनरल इलेक्ट्रॉनिक (हांगकांग) मे करा चूकी है.  उन्हे सनराईज पीस मिशन द्वारा पीस एवार्ड, पब्लिक रिलेशन कांउसिल आफ इण्डिया द्वारा हाल आफ फेम एवार्ड तथा हैदराबाद में मारवाड़ी समाज द्वारा महिला सशक्तिकरण एवाड्र प्राप्त हुआ है.

 

 

 मुख्य आकर्षण :

 

प्रात:कालीन सत्र : सकारात्मक जीवनशैली के विषय –

 

– आंतरिक शक्ति की जागृती से तनावमुक्त जीवन

– सर्व शक्तिमान परमात्मा की शक्ति से भय मुक्त जीवन

–  राजयोग की शक्ति से क्रोध मुक्त जीवन

–  समय की पुकार सकारात्मक जीवन

– कर्म के गुह्र ज्ञान से स्वस्थ जीवन

 

होंगे मनोरम सांस्कृतिक एवम् शिक्षाप्रद कार्यक्रम आयोजित :

 

सायंकालिन गीता ज्ञान रहस्य प्रवचन के पहले 5.30 बजे से 6.30 तक मनोरम सांस्कृतिक कार्यक्रमोंका आयोजन किया गया है जिसमें प्रतिभासंपन्न कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.

 

सायंकालिन सत्र : गीता ज्ञान रहस्य के विषय

–  अर्जुन का विषाद योग : वर्तमान संसार में भटका हुआ मानव मन

–  गीता में वर्णित सांख्य योग : आत्म ज्ञान और स्थित प्रज्ञ

–  भगवद् दर्शन का वास्तविक स्वरूप

 –  कर्मयोग : कर्म की श्रेष्ठता और सफलता का आधार

 –  परमगुह्र ज्ञान : एक सनातन सत्य

 

भव्य शिवलिंग हांेगा कार्यक्रम का विशेष आकर्षण :

 

कार्यक्रम के आयोजन स्थल नेहरू स्टेडियम में 20 फिट ऊंचाई वाला भव्य शिवलिंग मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा जिसमें राजयोग ध्यानाभ्यास के लिए विशेष प्रेरणादाई कक्ष होगा, इसके साथ ही ज्ञानविज्ञान का आकर्षण केंद्र पिरॅमिट भी होगें जो ध्यानाभ्यास की गहन अनुभूति  करवायेंगे. इसके साथ ही 12 ज्योर्तिलिंगम दर्शन का भी आयोजन संमेलन स्थल में श्रद्धालु करेंगे.  साथ ही आध्यात्मिक साहित्य के स्टॉल, सीडीज्, डिव्हीडीज् भी उपलब्ध होंगे.

 

कमलासन भी होगा आकर्षण केंद्र :

 

वि·ा में प्रथम बार आध्यात्मिक प्रस्तुती में नई सूचना प्रौद्यागिकी के संसाधन ऐनिमेटेड स्लाईड शो के आधार से गीता ज्ञान के आध्यात्मिक रहस्य तथा जीवन जीने की कला बहुत ही सरल तथा मधूर वाणी मेे प्रस्तुती करने इनकी विशेष शैली है, यह भी विशेष आकर्षण इस कार्यक्रम का है. उषादीदी भव्य कमलासन पर विराजमान होकर प्रवचन देगी.

 

नशामुक्ती प्रदर्शनी भी लगेगी :

 

कार्यक्रम में नशामुक्ती प्रदर्शनी के साथ नशामुक्ती के उपाय भी बताये जायेंगे तथा दवाईयाँ भी दी जायेगी.

 

 


 

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