14 Sept हिन्दी दिवस Hindi Day
14 सितंबरकोदेशभरमेंहिंदीदिवसमनायागया
14 सितंबर: हिन्दी दिवस
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एकमत से हिंदी को राज भाषा घोषित किया था. इस ऐतिहासिक अवसर की स्मृति में हर वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.
हिंदी देश की सबसे ज्यादा बोली और समझी जानेवाली भाषा है. हिंदी हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ने वाली संपर्क भाषा है. मारिशस, फीजी, सूरीनाम सहित कई विदेशों में हिंदी बोली और समझी जा रही है. इसी कारण वर्ष 2012 में हिंदी पखवाड़े में ही दक्षिण अफ्रीका में विश्व हिंदी सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया. दुनियाभर में 60 करोड़ से अधिक लोग हिंदी बोलते हैं.
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विश्व हिन्दी दिवस
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लेख♯ (प्रतीक्षित)
विश्व हिन्दी दिवस पर प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंहका पत्र
विश्वहिन्दीदिवस प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है। प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 कोपहलीबारविश्वहिन्दीदिवसमनायाथा। इसका उद्देश्य विश्व में हिन्दी के प्रचार – प्रसार के लिये जागरूकता पैदा करना तथा हिन्दी को अन्तराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है। विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं। सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिन्दी में व्याख्यान आयोजित किये जाते हैं। नार्वे में पहला विश्व हिन्दी दिवस भारतीय दूतावास ने तथा दूसरा और तीसरा विश्व हिन्दी दिवस भारतीय नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में बहुत धूमधाम से मनाया गया था। इन्दिरा गाँधी भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र के सभागार में, रविवार 10 जनवरी 2010 को, विश्व हिन्दी सचिवालय, शिक्षा, संस्कृति एवं मानव संसाधन मन्त्रालय, भारतीय उच्चायोग, इन्दिरा गाँधी भारतीय सांस्कृतिक केन्द्र तथा हिन्दी संगठन के मिले-जुले सहयोग से विश्व हिन्दी दिवस 2010 मनाया गया जिसमें मुख्य अतिथि हंगरी के भारोपीय शिक्षा विभाग से आई हुई डॉ. मारिया नेज्यैशी थी, इस उपल्क्ष्य पर विश्व हिन्दी सचिवालय की एक रचना ( एक विश्व हिन्दी पत्रिका ) का भी लोकार्पण गणराज्य के राष्ट्रपति माननीय सर अनिरुद्ध जगन्नाथ जी के कर-कमलों द्वारा हुआ। इस अवसर पर भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर पर कविता-प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया, सम्मान उन सभी नवोदित कवियों का वास्तव में रहा जिनको अपनी कलात्मकता प्रेषित करने का एक मंच प्राप्त हुआ।[1]