Nasik नासिक
08 मार्च (नासिक) डो. भटकर सेवाकेंद्रपर. सीडॅक के प्रणेता तथा सुपर कम्प्युटर के जनक डो. विजय भटकर सेवाकेंद्र पर पहुंचे तथा राजयोग अनुभूती की.
16 नवम्बर 2013 (नासिक) सेंट्रल जेल में मूल्यशिक्षा पाठ¬क्रम. मूल्य और आध्यात्मिक शिक्षा के पाठ¬क्रम से कैदी भाईयों ने उनके जीवन का परीवर्तन सुनाया तथा डा. सचिनपरब, मुंबई ने मार्गदर्शन किया.
27 मई 2013 (नासिक) वसंत व्याख्यानमाला में डा. सचिन. 21 वे शतक में आनेवाली समस्यायें और उनका समाधान इस विषय पर डा. सचिन परब, मुंबईने व्याख्यान दिया.
29 अप्रैल 2013 (नासिक) सुरक्षित यात्रा सेमिनार, विशेष
महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल के अधिकारी,
कर्मचारी, डायव्हर, कंडंक्टर आदियों के लिए विशेष
कार्यक्रम लिया गया.
29 मार्च 2013 (नासिक) जेल में मूल्यशिक्षा अभ्यासक्रम की शुरूवात.
बंदिवान भाई बहनों के लिए मूल्य एवम् आध्यात्मिक पदविका शिक्षा
का प्रारंभ किया गया. उदघाटन कार्यक्रम में डॉ. सचिन परब मुंबई,
यशवंतराव चव्हाण विश्व विद्यालय के डॉ. शिंदे, श्री.बोरसे, ब्र.कु. विना
बहन, बोदावरी बहन, पुनमबहन, विकास भाई, कारागृह निरीक्षक भ्रता
वानखेडे और देशमुख आदियोंने मार्गदर्शन किया.
25 मार्च 2013 (नासिक) महाशिवरात्री हर्षोल्हास से मनाई गई. सेवाकेंद्र पर आयोजित कार्यक्रम में भ्राता अजय बोरस्ते, सतीश
शुक्ला, वासंती बहन, चन्दुलाल शहा, अर्जून श्हा इनके करकमलोंद्वारा उदघाटन हुआ.
02 मार्च 2013 (नासिक) वैल्यू एज्येकेशन फेकल्टी ट्रेनिंग. यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त वि·ाविद्यालय तथा ब्राहमाकुमारीज शिक्षा प्रभाग द्वारा आयोजित फेकल्टी ट्रेनिंग सफल संपन्न हूआ. बीके नरेंद्र, बीके सतिश डा. राजदेकर, डा. शिंदे, प्रो. बोरसे, बीके वासंती बहन आदियोंने किया मार्गदर्शन.
13 अक्तुबर 2012 – (नासिक) बीए इन वैल्यूज एण्ड स्प्रिच्युअॅलिटी प्रशिक्षण संपन्न. यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विद्यापीठ तथा ब्राहृाकुमारीज् के तांत्रिक सहयोग से बने अभ्यासक्रम कें सदर्भ में प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हूआ.
11 अक्तुबर 2012 – (नासिक) ब्रहृाकुमारीज् द्वारा श्रीगणेशजी उत्सव में झॉकी. स्थानिक सेवाकेंद्रद्वारा श्रीगणेशजी के स्थापना के उपलक्षमें चैतन्य झाँकि का आयोजन सफल रहा. हजारों भक्तगणों को मिला ईश् वरीय संदेश.
13 अप्रैल 2012 नासिक – शिवदर्शन एक्सप्रेस शुरु. नासिक सेवाकेंद्र की औरसे एक अनोखे सेवा साधन का उदघाटन किया गया यह एक रास्तेपर चलनेवाली गाडी है जिसको ट्रेन का रूप दिया गया है जिसमें राजयोग तथा ब्राहृाकुमारीज् ज्ञान के चित्र प्रोजेक्टर और अन्य सेवासाधन है. नासिक से आबू सफर कर यह गाडी आबू पहूंची.
136 नाशिक : येथे दादी जानकीजींचे भव्य स्वागत करण्यात आले. त्याप्रसंगी दादीजींचे दिव्य आशीर्वचन एैकण्यासाठी उपस्थित प्रचंड जनसमुदाय.