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19 मई (आबूरोड) आध्यात्मिकता और भौतिकता के संगम से होगा विश्व परीवर्तन.
19 मई (आबूरोड) आध्यात्मिकता और भौतिकता के संगम से होगा विश्व परीवर्तन. केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र. संस्था के 80 वर्ष कार्यक्रम में वक्तव्य.Read more…
18 मई (गोरखपूर) मुख्यमंत्री महोदय का सम्मान.
18 मई (गोरखपूर) मुख्यमंत्री महोदय का सम्मान. मा. आदित्य योगी जी मुख्यमंत्री चुने जाने पर ब्रह्माकुमारीज् की ओरसे किया सम्मान.Read more…
17 मई (लखनौ) उपमुख्यमंत्री महोदय का सम्मान.
17 मई (लखनौ) उपमुख्यमंत्री महोदय का सम्मान. डॉ. दिनेश शर्माजी उपमुख्यमंत्री चुने जाने पर ब्रह्माकुमारीज् की ओरसे किया सम्मान.Read more…
अन्य ख़बरे
24-01-18
24-01-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम राजऋषि हो, तुम्हें बेहद का बाप सारी पुरानी दुनिया का सन्यास सिखलाते हैं जिससे तुम राजाई पद पा सको” प्रश्न:…Read more…
युवा शिविर का सफल आयोजन.
त्रिनिदाद) युवा शिविर का सफल आयोजन. टोका त्रिनिदाद मेंे हासन्ना बीच रिसोर्ट पर युवा शिविर का आयोजन किया गया. Read more…
सफल रही ईश्वरीय सेवा यात्रा.
(नैरोबी) सफल रही ईश्वरीय सेवा यात्रा. ब्र.कु. चंद्रिका बहन समवेत भाई बहनोंने नैरोबी निवासीयों को किया ईश्वरीय ज्ञान से भरपूरRead more…
आज का मुरली प्रवचन सुबह 7 से 8 बजे तक देखीए आज
बीकेवार्ता वेबपोर्टल : उदघाटन के ऐतिहासिक क्षण प्रकाशन शुभारम्भ दि 28 नवम्बर, 2009
बीकेवार्ता आर्टिकल बँक – ब्रहृमाकुमारीज वार्ता का अनोखा प्रयास आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर विभिन्न प्रकार के आर्टिकल्स् इस आर्टिकल बँक की विशेषताएँ – 1 लेख की भाषा निहाय कॅटेगरी बनी हुई है आपको इस कॅटेगरी को चुनना होगा, उसमे जो आर्टिकल होगे उस को सिलेक्ट कर आप डाऊनलोड कर सकतें है इस हेतु अधिक विस्तत सहायता हेतू यहाँ क्लिक करें – विस्तत सहायता / जानकारी आर्टिकल डाऊनलोड हेतू यहॉ क्लिक करें
आर्टिकल बँक के उद्देश्य : बहूतसे सेवाकेंद्र की तथा प्रेस के भाई बहनों की माँग रहती है की उन्हें नये विषय पर ब्राहृाकुमारीज् आर्टिकल्स की आवश्यकता रहती है. जैसे मन की शांती, जीवन में सुख शांती प्राप्त करने की बातें, तनाव मुक्त जीवन आदि विषयोंपर समाचार पत्रों के लिए तथा पढने के लिए तथा दुसरों को समझाने हेतू आर्टिकल्स चाहिए और वह भी हिंदी तथा अपनी प्रादेशिक/रिजनल भाषाओं में, बीकेवार्ता ने इस बात को देखते हूए बहनों तथा भाइयों की मांग को कुछ हद तक पूरी करने का प्रयास किया है, ज्ञानसागर परमात्मा से कुछ ज्ञान की अंजली को जनमाध्यमोंको देने हेतू ज्ञानांजली – बीकेवार्ता आर्टिकल बँक को शुरु किया है,
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विचारपुष्प – जो संकल्प करो उसे बीच-बीच में दृढ़ता का ठप्पा लगाओ तो विजयी बन जायेंगे ! ब्रह्माकुमारीज खबरे -अन्य वेबसाइट पर संस्कार धन – बोध कथा : मन का राजा राजा भोज वन में शिकार करने गए लेकिन घूमते हुए अपने सैनिकों से बिछुड़ गए और अकेले पड़ गए। वह एक वृक्ष के नीचे बैठकर सुस्ताने लगे। तभी उनके सामने से एक लकड़हारा सिर पर बोझा उठाए गुजरा। वह अपनी धुन में मस्त था। उसने राजा भोज को देखा पर प्रणाम करना तो दूर, तुरंत मुंह फेरकर जाने लगा। तीसरी मुद्रा मैं अपने मंत्री को देता हूं। भला पत्नी से अच्छा मंत्री कौन हो सकता है, जो राजा को उचित सलाह देता है ,सुख दुख का साथी होता है। चौथी मुद्रा मैं खजाने में देता हूं। पांचवीं मुद्रा का उपयोग स्वयं के खाने पीने पर खर्च करता हूं क्योंकि मैं अथक परिश्रम करता हूं। छठी मुद्रा मैं अतिथि सत्कार के लिए सुरक्षित रखता हूं क्योंकि अतिथि कभी भी किसी भी समय आ सकता है। उसका सत्कार करना हमारा परम धर्म है।’ राजा भोज सोचने लगे, ‘मेरे पास तो लाखों मुद्राएं है पर जीवन के आनंद से वंचित हूं।’ लकड़हारा जाने लगा तो बोला, ‘राजन् मैं पहचान गया था कि तुम राजा भोज हो पर मुझे तुमसे क्या सरोकार।’ भोज दंग रह गए।
ब्रह्माकुमारीज् की प्रमुख खबरें –
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बोध कथा-विचार की पवित्रताएक राजा और नगर सेठ में गहरी मित्रता थी। वे रोज एक दूसरे से मिले बिना नहीं रह पाते थे। नगर सेठ चंदन की लकड़ी का व्यापार करता था। एक दिन उसके मुनीम ने बताया कि लकड़ी की बिक्री कम हो गई है। तत्काल सेठ के मन में यह विचार कौंधा कि अगर राजा की मृत्यु हो जाए, तो मंत्रिगण चंदन की लकडि़यां उसी से खरीदेंगे। उसे कुछ तो मुनाफा होगा। शाम को सेठ हमेशा की तरह राजा से मिलने गया। उसे देख राजा ने सोचा कि इस नगर सेठ ने उससे दोस्ती करके न जाने कितनी दौलत जमा कर ली है, ऐसा कोई नियम बनाना होगा जिससे इसका सारा धन राज खजाने में जमा हो जाए।
05-06-17 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें किसी भी देहधारी के नाम रूप में नहीं फँसना है, तुम अशरीरी बन बाप को याद करो तो आयु बढ़ेगी, निरोगी बनते जायेंगे” प्रश्न: सेन्सीबुल बच्चों की मुख्य निशानियां क्या होंगी? उत्तर: जो सेन्सीबुल होंगे वह पहले स्वयं में धारणा कर फिर दूसरों को करायेंगे। बादल भरकर जाए वर्षा करेंगे। पढ़ाई के समय उबासी नहीं लेंगे। ब्राह्मणियों पर रेस्पान्सिबिल्टी है – यहाँ उन्हें ही लेकर आना है जो रिफ़्रेश होकर जाए फिर वर्सा करें। 2- यहाँ वही आने चाहिए जो योग में अच्छी तरह रहकर वायुमण्डल को पावरफुल बनाने में मदद करें। विघ्न न डाले। यहाँ आस-पास बड़ी शान्ति रहनी चाहिए। कोई भी प्रकार का आवाज न हो। गीत:- ओम् शान्ति।
धारणा के लिए मुख्य सार: 1) किसी भी बात में संशय उठाकर पढ़ाई नहीं छोड़नी है। बाप और वर्से को याद करना है। 2) एक बाप से ही सुनना है, बाकी जो पढ़ा है वह सब भूल जाना है। हियर नो ईविल, सी नो ईविल, टॉक नो ईविल…। वरदान: क्या, क्यों, ऐसे और वैसे के सभी प्रश्नों से पार रहने वाले सदा प्रसन्नचित्त भव जो प्रसन्नचित आत्मायें हैं वे स्व के संबंध में वा सर्व के संबंध में, प्रकृति के संबंध में, किसी भी समय, किसी भी बात में संकल्प-मात्र भी क्वेश्चन नहीं उठायेंगी। यह ऐसा क्यों वा यह क्या हो रहा है, ऐसा भी होता है क्या? प्रसन्नचित आत्मा के संकल्प में हर कर्म को करते, देखते, सुनते, सोचते यही रहता है कि जो हो रहा है वह मेरे लिए अच्छा है और सदा अच्छा ही होना है। वे कभी क्या, क्यों, ऐसा- वैसा इन प्रश्नों की उलझन में नहीं जाते। स्लोगन: स्वयं को मेहमान समझकर हर कर्म करो तो महान और महिमा योग्य बन जायेंगे।
03-06-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 05-12-83 मधुबन संगमयुग – बाप बच्चों के मिलन का युग धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) सर्व की मनोकामनायें पूर्ण करने वाली कामधेनु (जगदम्बा) बनना है। दान देते रहना है। 2) स्तुति-निंदा में स्थिति समान रखनी है। यह सब होते पढ़ाई नहीं छोड़नी है। इसे खेल समझ पार करना है। वरदान:- शुद्ध मन और दिव्य बुद्धि के विमान द्वारा सेकण्ड में स्वीट होम की यात्रा करने वाले मा. सर्वशक्तिवान भव साइन्स वाले फास्ट गति के यंत्र निकालने का प्रयत्न करते हैं, उसके लिए कितना खर्चा करते हैं, कितना समय और एनर्जी लगाते हैं, लेकिन आपके पास इतनी तीव्रगति का यंत्र है जो बिना खर्च के सोचा और पहुंचा, आपको शुभ संकल्प का यंत्र मिला है, दिव्य बुद्धि मिली है। इस शुद्ध मन और दिव्य बुद्धि के विमान द्वारा जब चाहे तब चले जाओ और जब चाहे तब लौट आओ। मास्टर सर्वशक्तिवान को कोई रोक नहीं सकता। स्लोगन:- दिल सदा सच्ची हो तो दिलाराम बाप की आशीर्वाद मिलती रहेगी। |
श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मना मां जगदंबे स्मृति दिवस झुमरीतिलैया (कोडरमा): झुमरीतिलैया के रेलवे कॉलोनी स्थित ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी संस्थान में रविवार को आदि देवी मातेश्वरी जगदंबे का 49वां स्मृति दिवस विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता सत्यनारायण प्रसाद, केंद्र संचालिका लक्ष्मी बहन ने जगदंबे के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने कहा कि मातेश्वरी जगदंबे की विशेषता और शिक्षाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1937 में परमात्मा शिव ने सृष्टि पर अपना दिव्य कर्तव्य व मानवीय तन प्रजापिता ब्रह्माकुमारी का आधार लिया जो बाद में ज्ञान की देवी मातेश्वरी जगदंबे कहलायी जिनको ब्रह्मा वत्स प्यार से मम्मा भी कहा करते थे। उन्होंने कहा कि जगदंबे बेहद योगिनी एवं तपस्विनी थी और दिव्य गुणों की खान थी। वह विश्व के लिए प्यार, दुलार, ममता की छांव थी। मौके पर अधिवक्ता सत्यनारायण प्रसाद ने कहा कि मातेश्वरी जगदंबे, सरस्वती पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मां जैसा दुनिया कोई शब्द नहीं हो सकता। अगर मां नहीं होती तो हम भी न होते। मां पूरे परिवार को अपने साथ चलाती है। इस अवसर पर बलदेव प्रसाद, अमरदीप, राम चौधरी, शंकर चौरसिया, शिव बजाज आदि उपस्थित थे। राजयोग शिविर का आयोजन 25 से झुमरीतिलैया: प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय रेलवे कॉलोनी में 25 से 30 जून तक निश्शुल्क तनावमुक्ति, राजयोग शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह जानकारी केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी बहन ने दी। दोहरी जिंदगी से सुख-शांति नहीं- प्राची बहन रायपुर । मनुष्य की दिनोदिन बढ़ रही इच्छाएं चिंता और तनाव पैदा कर रही हैं। यदि हम सफल जीवन जीना चाहते हैं तो जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदलना होगा। ये विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय चौबे कॉलोनी में रविवार से शुरू हुए ‘स्वस्थ विचार-खुशनुमा परिवार’ राजयोग शिविर में ब्रह्माकुमारी प्राची बहन ने व्यक्त किए। जीवन का उद्देश्य विषय पर उन्होंने कहा कि हरेक मनुष्य दोहरी जिंदगी जी रहा है, जो वह है वह दिखना नहीं चाहता और जो वह नहीं है वह दिखना चाहता है। यदि हमारे मन में व्यर्थ विचार आते हैं तो जीवन में शांति नहीं आ सकती है। इन विचारों का हमारे शरीर पर सूक्ष्म व गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे विचार ही हमारा व्यक्तित्व बनाते हैं। आप कैसे दिखते हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन आप कैसा सोचते हैं, यह अधिक महत्वपूर्ण है। धन से सुख नहीं खरीद सकते प्राची बहन ने कहा कि वर्तमान समय में धन कमाना ही मनुष्य के जीवन का एकमात्र लक्ष्य रह गया है। वह धन को ही सब कुछ समझकर इसकी ही साधना, आराधना में अपना पूरा जीवन लगा देता है। हमें इस तथ्य को समझना होगा कि धन ही सब कुछ नहीं है। धन से हम भौतिक साधन तो खरीद सकते हैं, लेकिन भौतिक साधन स्थायी खुशी नहीं दे सकते। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि अमेरिका, स्वीडन व जापान ऐसे देश हैं, जहां प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है, लेकिन सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं इन्हीं देशों में होती हैं और सबसे ज्यादा मनोरोगी भी यहीं हैं। इससे सिद्ध होता है धन से सुख नहीं मिल सकता। सुखी जीवन के लिए शारीरिक, भौतिक, सामाजिक व आध्यात्मिक सभी क्षेत्रों में सामंजस्य बनाकर चलना होगा, तभी हमारा जीवन पूर्ण रूप से सुखमय होगा।
नशे से होने वाले दुष्प्रभाव बताएबिलासपुर : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बंदला में वीरवार को प्रजापति ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी विश्वविद्यालय के सौजन्य से मेरा व्यसन मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में संस्थान से जेबी शर्मा ने नशे से होने वाले दुष्प्रभाव बताए। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे से दूर रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नशा न केवल शारीरिक, मानसिक बल्कि पारिवारिक व सामाजिक रूप से प्रभावित करता है। इस दौरान बच्चों ने भाषण के माध्यम से भी नशे के खिलाफ जागरूक किया। इस दौरान कार्यकारी प्रधानाचार्य राकेश शर्मा, विक्रम चंद, नारायण देव, बाबू राम, कासी राम, पूनम कुमारी, शशि शर्मा, बाबू राम, प्ररेणा ठाकुर, भूषण सहित स्टाफ सदस्य मौजूद थे। ब्रह्माकुमारी का शांति महोत्सव इंदौर। प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को अमितेश नगर में शांति महोत्सव का आयोजन किया गया इस अवसर पर टी. वी. धारावाहिक रामायण में मन्दोदरी की भूमिका अदा करने वाली प्रभा मिश्रा बहन भी मौजूद थी। इसमें उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित किया है। गायक युगरतन भाई ने अपने सुन्दर गीतों की परस्तुति दी। –
नशा बीमारियां व मानसिक व्याधियों की जड़
एटा-कासगंज : तंबाकू के नशे की जड़ें आज सारे समाज पर विष बेल की भाति फैल चुकीं हैं। छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी इसे फैशन, गौरव का प्रतीक मानकर प्रयोग करते हैं। फिर बाद में पश्चाताप के सिवाय उनके हाथ कुछ भी नहीं लगता। यह विचार ब्रह्माकुमारी सरोज बहिन ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के सेवा केंद्र में तंबाकू मुक्ति दिवस के मौके पर आयोजित गोष्ठी में व्यक्त किए। इस बुराई से समाज को मुक्त करने के लिए कई उपाय एक साथ में अपनाए जाएं तभी इसकी जड़ें समाप्त होंगी। एक तो सकारात्मक स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा जागरुकता फैलानी चाहिए। राजयोग के अभ्यास से सुस्वास्थ्य, एकाग्रता एवं मानसिक शान्ति की प्राप्ति होती है। कार्यक्रम को प्रसिद्ध व्यवसाई संदीप माहेश्वरी, वीरेन्द्र किशोर भाई तथा रूबी बहन ने भी संबोधित किया। तंबाकू मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के अंतर्गत रेलवे स्टेशन पर जागरुकता प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ स्टेशन अधीक्षक देशराज तथा बहन रजनेश दीक्षित द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस मौके पर डा. सतीश शर्मा, रामबाबू प्रतिहार, शरद भाटिया, सत्यनारायण, ओमप्रकाश, रामप्रकाश यादव, माधुरी बहन, प्रीती बहन, ओमप्रकाश, राजकमल माहेश्वरी, महेश एडवोकेट, मीना शर्मा, कृष्णा भाई, राममूल भाई, स्वराज भाई, रवींद्र सिंह पुंढीर, रीना बहन, नीरज बहन आदि लोग उपस्थित थे। सहन शक्ति विघ्नों से बचने का कवच है : आत्मप्रकाश भाईहिसार : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के केंद्र द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ब्रह्माकुमारी मुख्यालय माउट आबू से आए वरिष्ठ राजयोग शिक्षक आत्म प्रकाश भाई ने विघ्नों में स्थिर रहने की युक्ति बताई। उन्होंने कहा कि विघ्नों में घबराना नहीं चाहिए। घबराने से मनुष्य अपनी शक्तियों का प्रयोग नहीं कर पाता है। विघ्नों में धैर्य एवं सहन शक्ति बनाए रखें। सहन शक्ति विघ्नों से बचने का कवच है। विघ्नों में अक्सर नकारात्मक संकल्प आते है जो मन एवं शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डालते है। इनसे बचने के लिए मन को शक्तिशाली एवं सकारात्मक संकल्पों की प्रोग्रामिंग दो। उन्होंने कुछ शक्तिशाली संकल्प/स्वमान बताए जिन्हे चिंतन करने से विघ्न दूर हो जाते है। आपसी संबंधों में टकराव से बचने के लिए हमें एक-दूसरे के गुण व विशेषताएं देखनी चाहिए। इससे आपसी स्नेह बढ़ेगा और संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। इस अवसर पर डॉ. आरपी गलहोत्रा, मुलकराज, एमएल बजाज, डा. राकेश मलिक, प्रो. वेद गुलयानी, प्रो. विरेद्र कौशिक, सोमप्रकाश, महेश, पवन, तनू, सुनीता आदि शामिल है।
शिव जयंती का शुभारंभ नसीराबाद – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी सदस्यों ने रविवार को झूलेलाल मंदिर के पास शिव जयंती का शुभारंभ झंडारोहण कर किया। पार्षद चारू बाबानी ने बताया कि जिला रसद अधिकारी सुरेश सिंधी ने झंडारोहण कर शुभारंभ किया और ईश्वरीय ब्रह्माकुमारी संस्था के सेवा कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी आशा बहन, ब्रह्माकुमारी अंकिता बहन और ब्रह्माकुमारी नीलम बहन ने निराकार परमात्मा शिव और उनके द्वारा रचित तीन लोकों मनुष्य लोक, सूक्ष्म देव लोक और ब्रह्मलोक की जानकारी देकर मायावी संसार के बारे में समझाया। नीलम बहन ने प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा नई सृष्टि की स्थापना विष्णु द्वारा नई सृष्टि की पालना और शंकर द्वारा पुरानी सृष्टि के विनाश पर प्रकाश डाला और शिव शंकर में अंतर के गूढ़ रहस्य की जानकारी दी। अंत में आशा बहन ने नगर में प्रवचन की धर्मसभाओं की जानकारी दी।
एक कल्प होता है. यह पांच हजार वर्ष का : ब्रह्माकुमारी प्रेमलता DEHRADUN : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सुभाषनगर सेवाकेंद्र में संडे को प्रवचन का आयोजन किया गया. राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी प्रेमलता ने कहा कि सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलयुग का एक कल्प होता है. यह पांच हजार वर्ष का एक स्वचालित कल्प है. सतयुग, त्रेतायुग को ब्रह्मा का दिन माना जाता है. द्वापरयुग व कलयुग को ब्रह्मा की रात्रि माना जाता है. ब्रह्मा के दिन के आरंभ में आत्माएं अपने मूल घर परमधाम से व्यक्त प्रकृति का आधार लेते हुए इस संसार में आती हैं. जब ब्रह्मा की रात्रि का अंत होता है तो सभी आत्माएं इस श्रृष्टि से परमधाम चली जाती हैं. यही दुनिया का चक्र है.
भाईचारे का संदेश दिया
कासगंज: होली पर्व के उपलक्ष्य में ब्रह्माकुमारी संस्थान पर कार्यक्रम में एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर आपसी भाईचारे का संदेश दिया गया। वहीं विद्यालयों में भी विद्यार्थियों ने होली पर्व को धूमधाम से मनाया।
ब्रह्माकुमारी संस्थान पर आयोजित कार्यक्रम में सरोज बहन ने कहा कि सद विचारों के साथ ज्ञान योग को धारण कर इस होली पर्व को मनाने से आपसी द्वेष मिट जाते हैं। रूबी बहन, नीरज बहन व रूपा बहन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन रीना बहन ने किया। इस मौके पर भगवान शरण अग्रवाल, राजकमल माहेश्वरी, राजेन्द्र, रवीन्द्र पुण्ढीर, रामप्रकाश यादव, रामबाबू प्रतिहार, डा. सतीश शर्मा, अनिल तोशनीवाल, गौरीशकर शर्मा, शरद भाटिया, राममूल भाई, जयप्रकाश, विजय, श्याम, बीना गुप्ता, कान्ती देवी, प्रेमवती बहन, मंजू बहिन आदि उपस्थित रहे।
वहीं नगर के जेपी पब्लिक ऐकेडमी एवं लोटस एकेडमी में भी विद्यार्थियों ने एक दूसरे को रंग लगा आपसी भाईचारे का संदेश दिया।
आध्यात्मिक होली मिलन कार्यक्रम का आयोजन पूर्वी दिल्ली : ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय पांडव नगर सेवा केंद्र द्वारा होली मंगल मिलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें एक बनो, नेक बनो का संदेश लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की गई। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश वी ईश्वरैया कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
इस अवसर पर बच्चों ने देवगीत, संगीत एवं नृत्य प्रस्तुति से जनसमूह को आत्मविभोर कर दिया। न्यायाधीश वी ईश्वरैया ने कहा कि होली का त्योहार केवल हिंदुओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह जाति, धर्म व भाषा सभी को राष्ट्रीय एकता एवं भाईचारा के सूत्र में बाधने का एक आध्यात्मिक उत्सव है। इस दौरान सहायक आयुक्त वीर सिंह त्यागी ने कहा कि समाज में बढ़ती हिंसा, अपराध, भ्रष्टाचार और व्यभिचार का मूल कारण लोगों की अत्यधिक भौतिक तथा भोगवादी मानसिकता है, जिसे केवल आध्यात्मिक एवं नैतिक शिक्षा, प्रशिक्षण एवं मेडिटेशन के माध्यम से दूर किया जा सकता है। कार्यक्रम की मुख्य आयोजिका राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी मंजुल ने उपस्थित लोगों को सामूहिक ध्यान करवाया। इस अवसर पर स्थानीय थाना प्रभारी ओमप्रकाश, मुकेश आहुजा, कवयित्री डॉ. ऋतु मंजरी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।
माता बच्चों की निर्माता भी होती है : चक्रधारी माता बच्चों की निर्माता भी होती है : चक्रधारी मुजफ्फरनगर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के महिला प्रभाग ने अखिल भारतीय अभियान ‘नारी सुरक्षा हमारी सुरक्षा’ के तहत नगर में स्थानीय सेवा केंद्र दिव्य धाम केशवपुरी से पदयात्रा निकाली। राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने कहा माता बच्चों की माता ही नहीं, बल्कि निर्माता भी है। शिव चौक के निकट तुलसी पार्क में मुख्य अतिथि सिटि मजिस्ट्रेट विंध्यावासिनी राय ने ईश्वरीय ध्वज दिखाकर पदयात्रा का शुभारंभ किया। तुलसी पार्क से प्रारम्भ होकर पद यात्रा झांसी रानी चौक, प्रकाश चौक व महावीर चौक से होते हुए अर्पण बैंक्वेट हाल पहुंची। यहां हुए कार्यक्रम में रूस से पधारी ब्रह्माकुमारी महिला प्रभाग की अध्यक्षा राजयोगिनी चक्रधारी दीदी ने कहा कि माता बच्चों की केवल माता ही नहीं बल्कि निर्माता भी होती है। उन्होंने कहा कि यदि नारी अपमानित होती है। हम सबमें से किसी की मां, बहन, पत्नी, बेटी, चाची, बुआ ही अपमानित होती है। हमारा उनसे कोई न कोई संबंध जरूर होता है। नगर पालिका चेयरमैन पंकज अग्रवाल ने नारी सुरक्षा को अति महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि जिन देशों में नारी का शोषण होता है, वह देश तरक्की नहीं कर पाते। उन्होंने नारी सुरक्षा के लिए नगर की 50 प्रतिशत युवतियों को अगले वर्ष तक मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिलाने की घोषणा की। महिला अस्पताल की सीएमएस डा. मृदुला अग्रवाल, बीके गणेश, बीके अंजली, बीके लवली ने अपने विचार रखे। बीके जयंती, बीके पूनम, सरला, केतन कर्णवाल का योगदान रहा। पुण्यतिथि पर हुई सामूहिक प्रार्थना सभा
पुण्यतिथि पर हुई सामूहिक प्रार्थना सभा
मीरजापुर : शुक्लहां स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नवीन सेवा केंद्र में शनिवार को संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा की 45वीं पुण्यतिथि विश्व शांति दिवस के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाई गई। सेवा केंद्र में इस अवसर पर सुबह सामूहिक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसमें बाबा के महान त्याग और तपस्या को याद किया गया। सभी ने विश्वशांति, मानवीय एकता, देश की खुशहाली, सुख एवं समृद्धि के लिए सामूहिक रूप से राजयोग का अभ्यास किया गया। संस्थान की सेवा केंद्र प्रभारी बीके बिंदु बहन ने कहा कि आज मानवता पर बहुत बड़ा संकट आया है। हमें दु:खी व अशांत आत्माओं को अपनी शुभभावना, शुभकामना के प्रकम्पनों से शांति, सुख और आनंद की अनुभूति करानी है। बीके प्रदीप भाई ने कविता के माध्यम से बाबा को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सुदर्शन भाई, मालबर भाई, रामजी भाई, राधा बहन ने भी बाबा के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। किरन, नीता व रूपाली बहनों ने सभी को सामूहिक योग अभ्यास कराया। विशेष भोग भी लगाया गया। बाबा का स्मृति दिवस विश्व के 140 देशों में ब्रह्माकुमारी के लगभग नौ हजार सेवा केंद्रों पर विश्व शांति दिवस के रूप में मनाया जाता है। ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में निश्शुल्क राज योग शिविरत्रिवेणीगंज(सुपौल), बड़ी दुर्गा मंदिर के प्रागंण में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वाधान में निश्शुल्क राज योग शिविर आयोजित की गई। जिसका उद्धाटन थानाध्यक्ष अमित कुमार ने किया। मौके पर ब्रह्माकुमारी सुपौल की संचालिका बीके शालिनी ने कहा कि कार्यक्रम 31 जनवरी तक आयोजित किए जाएंगे। जिसमें प्रथम दो दिनों तक राज योग शिविर के आध्यात्मिक प्रदर्शनी लगाये जाएंगे। शिविर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज योग आध्यात्मिक प्रदर्शनी लोगों के तनाव, व्यसन एवं अनेक प्रकार के मानसिक विकारों को दूर करने का काम करती है। और जीवन में सुख शांति लाने में सहायक है। कहा कि आज के भाग दौड़ भरी जिदंगी में मानव का मानसिक संतुलन बिगड़ता जा रहा है। पारिवारिक संबंध भी टूट रहा है। इस प्रकार अनेक प्रकार की विकृतियों को भगाने में यह राज योग हमें बहुत मदद करता है। बोले कि प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संसार में अपने 140, देशों में 10 हजार सेवा केन्द्रों के माध्यम से मानव सेवा में सतत रूप से जुड़े हैं। उन्होंने शिविर में भाग लेकर राज योग से लाभान्वित होने का लोगों से आह्वान किया। मौके पर सुनीति बहन, विवेकानंद भाई, सत्य नारायण भाई, चुन्नी लाल भरतिया, श्याम अग्रवाल, जवाहर गुप्ता, मनीष सिंह, रामावतार अग्रवाल, नवीन कुमार अग्रवाल आदि उपस्थित थे। ‘गुगल ब्वाय’ का सांपला पहुंचने पर स्वागतसांपला. गुगल ब्वाय एवं जीनियस नाम से विख्यात छोटे कौटिल्य का सांपला पहुंचने पर शुक्रवार को स्वागत किया गया। ब्रह्माकुमारी आश्रम में स्वागत समारोह हुआ, जिसमें ब्रह्माकुमारी वंदना के नेतृत्व में क्षेत्र के प्रबुद्घ लोगो ने कौटिल्य शर्मा व उसके परिवार का अभिनंदन किया। कौटिल्य ने उपस्थित विद्वानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का तत्काल सही उत्तर देकर हर किसी को अपनी प्रतिभा का कायल बना दिया। आश्रम में ब्रह्माकुमारी ललित की देखरेख में हुए समारोह में लेखक एवं इतिहासकार मधुकांत, समाज सेवी सुरेंद्र गुप्ता, मूलचंद शर्मा, डा. सुरेश राठी, शैलजा शर्मा, किशन मलिक और रामकुमार गहलोत ने प्रश्न पूछे। कौटिल्य के पिता ने कहा कि प्रतिभावान बच्चों की प्रतिभा को उजागर करने की जरूरत है। दीपावली महोत्सव धूमधाम से मनाया खुराना काम्प्लेक्स में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में आयोजित दीपावली महोत्सव कार्यक्रम में क्षेत्र से आए भाई बहनों ने सामूहिक रुप से दीप प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सेवा केन्द्र इन्चार्ज बीके सन्तोष ने दीपावली पर्व के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि मनुष्य हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चले। मुख्य अतिथि नगर पंचायत चेयरमेन पूनम प्रदीप चौधरी ने कहा कि त्योहार व पर्व किसी भी जाति धर्म का हो उसे मिलजुल कर मनाने का आनन्द और ही है। मा. बाबूराम शर्मा, मा.सूरजमल, सेठपाल, बीके पूनम, जितेन्द्र, सुरेश, जनेश्वर, मोनू, सचिन, आदि काफी ब्रहम कुमार व ब्रह्माकुमारी रहे।
विश्व शांति को युवा साइकल यात्रा निकालीनिज , जलेसर (एटा): नगर में बुधवार को ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा युवा विश्व के आधार स्तंभ के दृष्टिगत शातिदूत साइकल यात्रा निकाली गई। बुधवार को निकाली गई साइकल यात्रा नगर भर में घूमी। यात्रा ने लोगों को शांति का संदेश देते हुये युवाओं को जागरूक किया। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी सरोज बहन ने बताया कि युवाओं पर आज सभी की नजरें हैं, युवा विश्वका आधार स्तम्भ है। जैसे चार टागों के बगैर कुर्सी रुक नहीं सकती। वैसे ही युवा के बगैर समाज चारित्रिक, नैतिक सुदृढ़ नहीं बन सकता। इसका मुख्य उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना है। साइकल यात्रा को पूर्व पालिकाध्यक्ष के.जी.वाष्र्णेय ने ध्वज दिखाकर फीरोजाबाद के लिए रवाना किया। देश में ऐसी 94 साइकल यात्रा के जत्थे युवाओं में विश्व शाति और व्यसन मुक्ति का अलख जगा रहे हैं। सुभाष भाई ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर ओमप्रकाश, बबलेश, सुदेश, हरी सिंह, रामवीर सिंह, रामरक्षपाल सिंह, श्रीपाल सिंह, पुरूषोत्तम, रामपाल शर्मा, गौरव वर्मा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। नैतिक मूल्यों को भूलने से हुआ समाज का पतन- भगवान भाई, केआईटी में छात्रों को दिए मानव मूल्यों पर टिप्सरायगढ़ । बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है। नैतिक शिक्षा से ही सर्वांगीण विकास संभव है। उक्त उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकमारी ईश्वरीय विश्य विद्यालय माउंट आबू राजस्थान से पधारे राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहे। वे आज शनिवार को किरोड़ीमल इंजीनियरिंग कॉलेज ऑफ टेक्नालॉजी में नैतिक शिक्षा का महत्व विषय पर छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए बोल रहे थे। भगवान भाई ने कहा कि शैक्षणिक जगत में विद्यार्थियों के लिए नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की प्रेरणा देना आज की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों की कमी यही व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सर्व समस्याओं का मूल कारण है। विद्यार्थियों का मूल्यांकन आचरण, अनुसरण, लेखन, व्यवहारिक ज्ञान एवं अन्य बातों के लिए प्रेरणा देने की आवश्यकता है। ज्ञान की व्याख्या करते हुए उन्होंने बताया कि जो शिक्षा विद्यार्थियों को अंधकार से प्रकाश की ओर, असत्य से सत्य की ओर, बन्धनों से मुक्ति की ओर ले जाए वही शिक्षा है। उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त समाज के लिए संस्कारित शिक्षा जरुरी है। गुणगान बच्चे देश की संपत्ति भगवान भाई ने कहा कि आज के बच्चे कल का भावी समाज हैं। अगर कल के भावी समाज को इन्हीं बच्चों को नैतिक सद्गुणों की शिक्षा की आधार से चरित्रवान बनाए। तब समाज बेहतर बन सकता है। गुणवान व चरित्रवान बच्चे देश की सच्ची सम्पत्ति हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे गुणवान और चरित्रवान बच्चे देश और समाज के लिए कुछ रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को याद दिलाते हुए कहा कि प्राचीन संस्कृति आध्यात्मिकता की रही जिस कारण प्राचीन मानव भी वंदनीय और पूजनीय रहा। उन्होंने बताया कि नैतिक शिक्षा से ही मानव के व्यवहार में निखार लाता है। कुसंग, सिनेमा, व्यसन, फैशन से युवा भटके ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान समय कुसंग, सिनेमा, व्यसन और फैशन से युवा पीढ़ी भटक रही है। आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा के द्वारा युवा पीढ़ी को नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने बताया कि सिनेमा इन्टरनेट व टीवी. के माध्यम से युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का आघात हो रहा है। इस आघात से युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि युवा पीढ़ी को कुछ रचनात्मक कार्य सिखायें तब उनकी शक्ति सही उपयोग में ला सकेंगे। वरिष्ठ राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कहा कि हमारे मूल्य हमारी विरासत है। मूल्य की संस्कृति के कारण आज भारत की पूरे विश्व में पहचान है। इसलिए नैतिक मूल्य, मानवीय मूल्यों की पुर्नस्थापना के लिए सभी को सामूहिक रूप में प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य की सोच ही उसके कर्मों का आधार बनता है। इसलिए कर्म विश्व के लिए हितकारी हो। सकारात्मक चिन्तन का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मक चिन्तन से समाज में मूल्यों की खुशबू फैलती है। सकारात्मक चिन्तन से जीवन की हर समस्याओं का समाधान होता है। उन्होंने शिक्षा का मूल उद्देश्य बताते हुए कहा कि चरित्रवान, गुणवान बनना ही शिक्षा का उद्देश्य है। उन्होंने आध्यात्मिकता को मूल्यों का स्रोत बताते हुए कहा कि शांति, एकाग्रता, ईमानदारी, धैर्यता, सहनशीलता आदि सद्गुण मानव जाती का श्रृंगार है। स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेन्द्र की बी.के. ममता बहन ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि कुसंग, सिनेमा, व्यसन और फैशन से वर्तमान युवा पीढ़ी भटक रही है। चरित्रवान बनने के लिए युवा को इससे दूर रहना है। अपराध राजयोग का महत्व बताते हुए कहा कि राजयोग से एकाग्रता आयेगी। इस अवसर पर नमिता वर्मा व्याख्याता उक्षमा सूर्यवंशी व्याख्याता केआईटी के.के. गुप्ता रजिस्टार कु. ममता बहन, कु. मधु भाई, कु. भगत भाई, मनोज भाई सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। With coperation by Jagran, Daily Bhaskar and other news papers |
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