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Month: April 2018

00 Weekly Murli

30-04-2018

30-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – इस कलियुगी दुनिया का सुख काग विष्टा के समान है, यह दुनिया अब गई कि गई इसलिए इससे लगाव नहीं रखना है, आसक्ति निकाल देनी है” प्रश्नः- किन बच्चों की दिल इस पुरानी दुनिया से नहीं लग सकती है? उत्तर:- जो आज्ञाकारी, वफादार, निश्चयबुद्धि बच्चे हैं […]Read More

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29-04-18

29-04-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 15-05-83 मधुबन “उड़ती कला में जाने की विधि और पुण्य आत्माओं की निशानियां” आज बागवान बाप अपने रूहानी बगीचे में खुशबूदार फूलों को और कल की विशेष कल्याण अर्थ निमित्त बनी हुई हिम्मत-हुल्लास वाली कलियों को भी देख रहे हैं। कल के तकदीर की तस्वीर नन्हें मुन्ने बच्चों को […]Read More

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28-04-2018

28-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – लक्ष्य सोप से आत्मा रूपी वस्त्र को साफ करो, अन्दर में कोई भी मैल नहीं रहनी चाहिए” प्रश्नः- पुरुषार्थी बच्चे कर्मों की किस गुह्य गति को जानते हुए पुरुषार्थ में सदा तत्पर रहते हैं? उत्तर:- आत्मा पर अनेक जन्मों के पाप कर्मो का बोझ है, अनेक […]Read More

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27-04-2018

27-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम घर बैठे वन्डरफुल रूहानी यात्रा पर हो, तुम्हारी है बुद्धि की यात्रा, कर्म करते इस यात्रा में कदम आगे बढ़ाते चलो तो पावन बन जायेंगे” प्रश्नः- इस ज्ञान मार्ग में पेचदार तथा महीन बातें कौन सी हैं जो तुम बच्चे अभी ही सुनते हो? उत्तर:- […]Read More

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26-04-2018

26-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हारा कर्तव्य है अविनाशी ज्ञान रत्नों की कमाई करना और कराना, दान पूछकर नहीं किया जाता, करके दिखाना है” प्रश्नः- बाप की दिल में कौन सी शुभ आश सदा रहती है? किस बात में बाप आप समान बनाने चाहते हैं? उत्तर:- बाप की दिल में सदा […]Read More

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25-04-2018

25-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – योग से ही ताकत आयेगी, अनेक जन्मों की पुरानी आदतें मिटेंगी, सर्वगुण धारण होंगे इसलिए जितना हो सके बाप को याद करो” प्रश्नः- तुम बच्चे अभी कौन सी रेस कर रहे हो? उस रेस में थकावट कब आती है? उत्तर:- तुम बच्चे अभी विजय माला का […]Read More

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24-04-2018

24-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – श्रीमत ही श्रेष्ठ बनायेगी, परमत वा मनमत श्रापित कर देगी, इसलिए श्रीमत को कभी भी भूलो मत” प्रश्नः- सतोप्रधान पुरुषार्थी कौन और तमोप्रधान पुरुषार्थी कौन? दोनों का अन्तर क्या होगा? उत्तर:- सतोप्रधान पुरुषार्थी बाप से पूरा वर्सा लेने का पुरुषार्थ वा प्रतिज्ञा करते हैं, वह याद […]Read More

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23-04-2018

23-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपना स्वभाव बहुत ही मीठा और शान्त बनाओ, बोल चाल ऐसा हो जो सब कहें यह तो जैसे देवता है” प्रश्नः- तुम बच्चों को कौन सा सर्टीफिकेट संगम पर बाप से लेना है? उत्तर:- अपने दैवी मैनर्स का सर्टीफिकेट। बाप जो श्रृंगार कर रहे हैं, बच्चों […]Read More

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22-04-18

22-04-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 23-05-83 मधुबन “छोड़ो तो छूटो!” आज बापदादा अपने आदि स्थापना के कार्य में निमित्त बने हुए सहयोगी बच्चों को देख रहे हैं। सभी सहयोगी बच्चों के भाग्य को देख हर्षित हो रहे हैं। स्थापना के नक्शे को देख रहे थे। आदि काल इस श्रेष्ठ ब्राह्मणों के संसार की हिस्ट्री […]Read More

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21-04-2018

21-04-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – हरेक के सिर पर अनेक जन्मों के विकर्मों का बोझ है, हिसाब-किताब की भोगना है, जिसे योगबल से ही चुक्तू करना है” प्रश्नः- बाप समान किस बात में साक्षी बनना है? उत्तर:- जैसे बाप को किसी भी बात का अ़फसोस नहीं होता। भल कोई बच्चा बीमार […]Read More