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Month: August 2018

00 Weekly Murli

31-08-2018

31-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपनी स्थिति साक्षी तथा हर्षित रखने के लिए स्मृति में रहे कि हर आत्मा का अपना-अपना पार्ट है, बनी बनाई बन रही” प्रश्नः- तुम बच्चे किस एक पुरुषार्थ द्वारा अपनी अवस्था जमा सकते हो? उत्तर:- माया के तूफानों को डोन्टकेयर करो और बाप जो श्रीमत देते […]Read More

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30-08-2018

30-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – कर्म, अकर्म, विकर्म की गति को ध्यान में रखते हुए इन कर्मेन्द्रियों से कोई भी पाप कर्म नहीं करना, दे दान तो छूटे ग्रहण” प्रश्नः- किस बात में ब्रह्मा बाप को फालो करने वाले बच्चे भविष्य में तख्तनशीन बनते हैं? उत्तर:- जैसे ब्रह्मा बाप देह सहित […]Read More

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29-08-2018

29-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – 21 जन्मों के लिए पुण्य का खाता जमा करना है, योगबल से पापों के खाते को भस्म करना है इसलिए अन्तर्मुखी बनो” प्रश्नः- किस श्रीमत का पालन करने से वाणी से परे जाने का पुरुषार्थ सहज हो जायेगा? उत्तर:- श्रीमत कहती है – बच्चे, अन्तर्मुखी हो […]Read More

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28-08-2018

28-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अभी तुम कौड़ी से हीरे जैसा बने हो, ईश्वर की गोद पाना ही हीरे जैसा बनना है, श्रीमत तुम्हें हीरे जैसा बना देती है” प्रश्नः- सतयुग में किसी को तो ताउसी-तख्त (बादशाही) और किसी को दास-दासी या प्रजा पद मिलता है, इसका कारण क्या है? उत्तर:- […]Read More

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27-08-2018

27-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – श्रीमत पर ज्ञान का चन्दन घिसना वा पवित्र बनना ही स्वराज्य लेना है, तुम पवित्रता की प्रतिज्ञा करो तो सूर्यवंशी घराने का तिलक मिलेगा” प्रश्न: तुम बच्चों को राखी कौन बांधता है, तिलक कौन देता है और मुख मीठा कराने की रस्म क्यों है? उत्तर: तुम्हें […]Read More

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26-08-18

26-08-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 31-12-83 मधुबन “श्रीमत रूपी हाथ सदा हाथ में है तो सारा युग हाथ में हाथ देकर चलते रहेंगे” आज सागर के कण्ठे पर अर्थात् मधुबन के कण्ठे पर मधुर मिलन मनाने के लिए माशुक अपने रूहानी आशिकों से मिलने आये हैं। कितना दूर-दूर से मिलन मनाने के लिए आये […]Read More

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25-08-2018

25-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – पवित्र रहने की कसम लेना ही सच्चा रक्षाबंधन है, बाप कल्प में एक ही बार यह राखी तुम बच्चों को बांधते हैं” प्रश्नः- पवित्रता की प्रतिज्ञा करने वालों को भी योग में रहने का इशारा क्यों मिलता है? उत्तर:- क्योंकि योग की शक्ति से ही वायुमण्डल […]Read More

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24-08-2018

24-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – संगमयुग ब्राह्मणों के लिए कल्याणकारी है इसलिए सदा फखुर में रहना है, किसी बात का फिक्र नहीं करना है” प्रश्नः- जिनकी अवस्था अच्छी है, उनकी निशानियां क्या होंगी? उत्तर:- उन्हें किसी भी बात में रोना नहीं आयेगा। मुरझायेंगे नहीं, गम वा अफसोस नहीं होगा। हर सीन […]Read More

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23-08-2018

23-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद की लम्बी सीढ़ी पर तब चढ़ सकेंगे जब कि बाप से सच्ची प्रीत होगी, याद की दौड़ी से ही विजय माला में आयेंगे” प्रश्नः- एक बाप से सच्ची प्रीत है तो उसकी निशानी क्या दिखाई देगी? उत्तर:- अगर सच्ची प्रीत एक बाप से है तो […]Read More

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22-08-2018

22-08-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम अभी टिवाटे पर खड़े हो, एक तरफ है दु:खधाम, दूसरे तरफ है शान्तिधाम और तीसरे तरफ है सुखधाम, अब जज करो हमें किधर जाना है?” प्रश्नः- किस निश्चय के आधार पर तुम बच्चे सदा हर्षित रह सकते हो? उत्तर:- सबसे पहला निश्चय चाहिए कि हम […]Read More