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Month: October 2018

00 Weekly Murli

31-10-2018

31-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे-बच्चे – तुम आत्माओं को अपना-अपना रथ है, मैं हूँ निराकार, मुझे भी कल्प में एक ही बार रथ चाहिए, मैं ब्रह्मा का अनुभवी वृद्ध रथ उधार लेता हूँ” प्रश्नः- किस निश्चय के आधार पर शरीर का भान भूलना अति सहज है? उत्तर:- तुम बच्चों ने निश्चय से कहा […]Read More

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30-10-2018

30-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – ज्ञान का सुख 21 पीढ़ी चलता है, वह है स्वर्ग का सदा सुख, भक्ति में तीव्र भक्ति से अल्पकाल क्षण भंगुर सुख मिलता है” प्रश्नः- किस श्रीमत पर चलकर तुम बच्चे सद्गति को प्राप्त कर सकते हो? उत्तर:- बाप की तुम्हें श्रीमत है – इस पुरानी […]Read More

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15-11-08

15-11-08   ओम शान्ति    अव्यक्त बापदादा    मधुबन ‘‘सच्ची साफ दिल से परमात्म स्नेही बन हर प्राप्ति के अनुभव की अथॉरिटी बनो’’ आज बापदादा अपने चारों ओर के अपनी सच्ची दिल साफ दिल के स्नेह से भोलानाथ बापदादा को अपना बनाने वाले बच्चे स्नेही बच्चे देख रहे हैं। ऐसे दिल के स्नेही बच्चों को देख बापदादा भी गीत गाते वाह! […]Read More

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29-10-2018

29-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – आज्ञाकारी बनो, बाप की पहली आज्ञा है – अपने को आत्मा समझ बाप को याद करो” प्रश्नः- आत्मा रूपी बर्तन अशुद्ध क्यों हुआ है? उसको शुद्ध बनाने का साधन क्या है? उत्तर:- वाह्यात बातों को सुनते और सुनाते आत्मा रूपी बर्तन अशुद्ध बन गया है। इसको […]Read More

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28-10-18

28-10-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 22-02-84 मधुबन संगम पर चार कम्बाइन्ड रूपों का अनुभव आज बापदादा सभी बच्चों के कम्बाइन्ड रूप को देख रहे हैं। सभी बच्चे भी अपने कम्बाइन्ड रूप को अच्छी रीति जानते हो? एक – श्रेष्ठ आत्मायें, इस अन्तिम पुराने लेकिन अति अमूल्य बनाने वाले शरीर के साथ कम्बाइन्ड हो। सभी […]Read More

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27-10-2018

27-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – धीरज रखो अब तुम्हारे दु:ख के दिन पूरे हुए, सुख के दिन आ रहे हैं, निश्चय बुद्धि बच्चों की अवस्था धैर्यवत रहती है” प्रश्नः- किसी भी हालत में मुरझाइस न आये इसकी सहज विधि क्या है? उत्तर:- ब्रह्मा बाप का सैम्पुल सदा सामने रखो। इतने ढेर […]Read More

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26-10-2018

26-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – श्रीमत पर चलो तो तुम्हारे सब भण्डारे भरपूर हो जायेंगे, तुम्हारी तकदीर ऊंची बन जायेगी” प्रश्नः- इस कलियुग में किस चीज़ का देवाला निकल चुका है? देवाला निकलने से इसकी गति क्या हुई है? उत्तर:- कलियुग में पवित्रता, सुख और शान्ति का देवाला निकल चुका है […]Read More

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25-10-2018

25-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – यह पढ़ाई बहुत सस्ती और सहज है, पद का आधार गरीबी वा साहूकारी पर नहीं, पढ़ाई पर है, इसलिए पढ़ाई पर पूरा ध्यान दो” प्रश्नः- ज्ञानी तू आत्मा का पहला लक्षण कौन सा है? उत्तर:- वह सभी के साथ अति मीठा व्यवहार करेंगे। किसी से दोस्ती, […]Read More

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24-10-2018

24-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – प्रभात के समय मन-बुद्धि से मुझ बाप को याद करो, साथ-साथ भारत को दैवी राजस्थान बनाने की सेवा करो” प्रश्नः- सूर्यवंशी राजधानी की प्राइज़ किस आधार पर मिलती है? उत्तर:- सूर्यवंशी राजधानी की प्राइज़ लेना है तो बाप का पूरा मददगार बनो, श्रीमत पर चलते रहो। […]Read More

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23-10-2018

23-10-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – जितना याद में रहेंगे, पवित्र बनेंगे उतना पारलौकिक मात-पिता की दुआयें मिलेंगी, दुआयें मिलने से तुम सदा सुखी बन जायेंगे।” प्रश्नः- बाप सभी बच्चों को कौन-सी राय देकर कुकर्मों से बचाते हैं? उत्तर:- बाबा राय देते – बच्चे, तुम्हारे पास जो भी धन-दौलत आदि है, वह […]Read More