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Month: April 2014

महत्वपूर्ण खबरे

27 अप्रैल (बारमेर.राज) जिला कारागृह में व्याख्यान.

27 अप्रैल (बारमेर.राज) जिला कारागृह में व्याख्यान. शहर के उप कारागृह में नैतिक मूल्योंपर ब्र.कु. भगवानभाई, माऊंट आबू ने प्रवचन दिया.Read More

महत्वपूर्ण खबरे

26 अप्रैल (बलौत्रा.राज) उप कारागृह में व्याख्यान

26 अप्रैल (बलौत्रा.राज) उप कारागृह में व्याख्यान. शहर के उप कारागृह में नैतिक मूल्योंपर ब्र.कु. भगवानभाई, माऊंट आबू ने प्रवचन दिया.Read More

महत्वपूर्ण खबरे

25 अप्रैल (जालौर) जिला कारागृह में व्याख्यान

25 अप्रैल (जालौर) जिला कारागृह में व्याख्यान. शहर के केंद्रीय कारागृह में नैतिक मूल्योंपर ब्र.कु. भगवानभाई, माऊंट आबू ने प्रवचन दिया.Read More

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राजनितीज्ञ सेवा प्रभाग सेवाओं का समाचार

13 फरवरी  2014 (बंगलौर) गणतंत्र दिवसपर ई·ारीय सेवा. लालगड बोअनिकल गार्डन में आयोजित कार्यक्रमद्वारा ई·ारीय संदेश दिया गया.   19 जनवरी  2014 (मालाड:मुंबई) ड्रार्इंग कॉम्पीटीशन. पूर्व शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे जी के जनमदिवस पर बीएमसी स्कूल में आयोजित ड्रार्इंग कॉम्पिटीशन में का उदघाटन ब्र.कु. कुंती बहनजी के शुभकमरकमलोंद्वारा किया गया.   16 जनवरी  2014 (सांगली) केंद्रीय मंत्रीजी […]Read More

परिसर परिचय

परिसर परिचय

अरावली पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा नैसर्गिक सौंदर्य का प्रतिमान, सैलानियों को अपनी और आकर्षित करनें में पूर्ण सक्षम, सभीको आत्मविभोर कर देने वाला नगर माउण्ड आबू, आबू रोड रेलवे स्टेशन से पंद्रह–बीस किलोमीटर से अधिक दूर नहीं है। पर्वतमालापर सर्पाकार बनी डामर की सड़क पर सवारियां ले जातीजीपें माउण्ड आबू पहुंचती हैं। सिरोही होकर बस मार्ग सेभी माउण्ड आबू जाया जा सकता है। माउण्ड आबू में रोडसे ही नीचे की ओर आंखें पसारकर देखने हैं तो मैदानीइलाका दिखाई देता हैं। जिसमें दूर तक खेत ही खेतदिखाई देते है। यहां की जलवायु पर्यटकों को आकर्षण केऐसे मोहपाश में बांधती है कि पर्यटक खिंचे चले आते हैं।माउण्ट आबू के अवलोकन भ्रमण के लिए किसी जमाने मेंयह स्थल गुजरात में शुमार किया जाता था पर वर्तमान मेंराजस्थान की शोभा बढ़ा रहा है। होटल, भोजनालय और गेस्ट हाऊस सभी स्थित हैं यहां पर। घूमने–फिरने के लिए भरपूर संख्या मेंउपलब्ध टैक्सी, कारें और जीपें। यहां का पोलो ग्राउंड और ब्रम्हाकुमारी विश्ववि़लय दूर–दूर तक प्रसिद्ध है। नक्की झील- पोलोग्राउंड सेचार फर्लांग दूरी पर स्थित है नक्की झील। पानी से लबालब नक्की झील की सतह पर जब चंद्रमा या सूरज की किरणें पड़ती हैं तो जलका कण–कण दमकता है। झील में तैरता हुआ हाऊस बोट और डोगियां पर्यटकों को दिन भर घुमाने के लिए तैयार रहती है। झील केएक ओर हरा–भरा उ़ान अवस्थित है। जिसमें लॉन के बीचों बीच दो आकर्षक फव्वारे सतत् चलते रहते हैं। नक्की झील की सीमा दोकिलोमीटर के घेर में फैली हुई हैं। हनीमून पाइंट- नक्कीझील से साढे तीन किलोमीटर दूर है हनीमून पाइंट।   पास में ही गणेश जी का प्राचीन मंदिर स्थित है। चारों ओर पहाडिय़ों से घिरे इस स्थानपर कोहरे जैसी धुंध छाई रहती है। देवलवाड़ा के जैन मंदिर:- यह मंदिर दिगम्बर जैस संप्रदाय का संगमरमर से बना आभायुक्तमंदिर है जिसके तोरण द्वार, गुंबद शिखर और आले तथा जालियों पर खुदाई काकाम देखकर खजुराहो के जैन मंदिरों की याद आती है।इसमें आदिनाथ भगवान की 2500 वर्ष पुरानी कसौटी पर पत्थर से निर्मित श्याम वर्ग मूर्ति है। कहते हैं कि इस मूर्ति को भामाशाह नेअम्बाजी की तपस्या कर भू–गर्भ मे प्राप्त किया था। नेमी नाथ जी का मंदिर- यह मंदिर वास्तुपाल–तेजपाल द्वारा ई. सन् 1231 मेंबारह करोड़ त्रेपन लाख रुपए की लागत से मनाया था। पूरा मंदिर संगमरमर का बना है। बेहतरीन पच्चीकारी का अनोखा संगम है।इस मंदिर में भगवान नेमीनाथ जी की अष्टाधातु की मूर्ति विराजमान है। मंदिर का निर्माण हुए 807 वर्ष व्यतीत हो चुके हैं। इस मंदिरके द्वार के दोनों ओर देवरानी–जिठानी के मंदिर बने हुए हैं। ये देवरानी–जिठानी वास्तुपाल–तेजपाल की धर्मपत्नियां थीं। अवलबगढ़-जनश्रुति है कि अचलगढ़ में एक ऐसा कुंड बना था जिस पर ऋषि मुनि यज्ञ किया करते थे। कभी–कभार तीन राक्षस उनके यज्ञ मेंविध्न पैदा किया करते थे। राजा भृर्तहरि को जब यह मालूम हुआ तो उन्होंने उन तीनों राक्षसों को जो भैंसा के रूप में प्रकट होकर आतेथे, मार दिया। प्रतीक के रूप में यहां राजा भृर्तहरि और तीनों राक्षसों की भैंसा के रूप में मूर्तियां बनी हुई हैं। सामने यज्ञ कुंड बना है।अर्बुद्ध देवी का मंदिर– यह मंदिर ऊपरी पहाड़ी पर बना है। सड़क के तल से 225 सीढिय़ां चढ़कर मंदिर में प्रवेश किया जाता है।मंदिर का द्वार काफी नीचा है इस वजह से श्रद्धालु भक्तजन झुककर मां को प्रणाम करते हैं। मंदिर का भीतरी भाग संगमरमर से निर्मितहै। माउण्ड आबू ने हमें इतना प्रभावित किया है कि इसकी स्मृतियों को इस जीवन में भुला पाना हमारे लिए संभव नहीं हैं। यह एकऐसा मनोरम स्थान है जो यहां आने की मन में बार–बार लालसा जगाता है। Read More

अन्य ख़बरे

डॉ जानकीजी को भारत गौरव अवार्ड.

(लंदन) डॉ जानकीजी को भारत गौरव अवार्ड. ब्रहमाकुमारीज मुख्य प्रशासिका राजयोगीनी दादी डॉ जानकीजी को लंदन में हाऊस ऑफ कामन्स में भारत गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया. दादीजी की तबियत ठिक न होने कारण उनकी औरसे युरोपीयन संचालिका ब्र.कु. जयंती बहनने यह सम्मान स्विकारा.Read More