18-02-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 02-05-83 मधुबन ”माया को दोषी बनाने के बजाए मास्टर रचता, शक्तिशाली बनो” आज बापदादा सारे संगठन में विशेष उन आत्माओं को देख रहे हैं जो ज्ञान और योग के स्वरूप बन मास्टर रचयिता की स्टेज पर सदा स्थित रहते हैं। ज्ञानी और योगी तो सभी अपने को कहलाते हैं […]Read More
17-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – तुम्हारी नज़र किसी भी देहधारी की तरफ नहीं जानी चाहिए, क्योंकि तुम्हें पढ़ाने वाला स्वयं निराकार ज्ञान सागर बाप है” प्रश्न: ऊंच पद के लिए कौन सी एक मेहनत तुम बच्चे गृहस्थ व्यवहार में रहते भी कर सकते हो? उत्तर: गृहस्थ व्यवहार में रहते सिर्फ ज्ञान […]Read More
16-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – बाप के ज्ञान की कमाल है जो तुम इस ज्ञान और योगबल से बिल्कुल पवित्र बन जाते हो, बाप आये हैं तुम्हें ज्ञान से ज्ञान परी बनाने” प्रश्न: बाप की कमाल पर बच्चे बाप को इनएडवान्स कौन सा इनाम देते हैं? उत्तर: बाप पर बलि चढ़ना […]Read More
15-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – बाप आया है बेहद सृष्टि की सेवा पर, नर्क को स्वर्ग बनाना – यह सेवा कल्प-कल्प बाप ही करते हैं” प्रश्न: संगम की कौन सी रसम सारे कल्प से न्यारी है? उत्तर: सारे कल्प में बच्चे बाप को नमस्ते करते हैं, मैं तुम सिकीलधे बच्चों की […]Read More
14-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – श्री श्री की श्रेष्ठ मत पर चलने से ही तुम नर से श्री नारायण बनेंगे, निश्चय में ही विजय है” प्रश्न: ईश्वर की डायरेक्ट रचना में कौन सी विशेषता अवश्य होनी चाहिए? उत्तर: सदा हर्षित रहने की। ईश्वर की रचना के मुख से सदैव ज्ञान रत्न […]Read More
13-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन ”मीठे बच्चे – अभी यह तुम्हारा अन्तिम जन्म है, खेल पूरा होता है इसलिए पावन बन घर जाना है, फिर सतयुग से हिस्ट्री रिपीट होगी” प्रश्न: घरबार सम्भालते हुए कौन सी कमाल तुम बच्चे ही कर सकते हो? उत्तर: घरबार सम्भालते, पुरानी दुनिया में रहते सभी से ममत्व मिटा […]Read More
11-02-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 30-04-83 मधुबन “परम पूज्य बनने का आधार” सभी मधुबन महान तीर्थ पर मेला मनाने के लिए चारों ओर से पहुँच गये हैं। इसी महान तीर्थ के मेले की यादगार अभी भी तीर्थ स्थानों पर मेले लगते रहते हैं। इसी समय का हर श्रेष्ठ कर्म का यादगार चरित्रों के रूप […]Read More
10-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें ज्ञान की सैक्रीन मिली है, सैक्रीन की वह बूंद है मनमनाभव, यही खुराक सबको खिलाते रहो” प्रश्न: सच्ची-सच्ची खुशखैराफत कौन सी है? तुम्हें सबकी कौन सी रूहानी खातिरी करनी है? उत्तर: हर एक को बाप का परिचय देना, यही है सच्ची-सच्ची खुश खैराफत। तुम श्रीमत […]Read More
09-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन मीठे बच्चे – “सवेरे-सवेरे उठ बाप से गुडमार्निंग करो, ज्ञान के चिंतन में रहो तो खुशी का पारा चढ़ा रहेगा” प्रश्न: एक्यूरेट याद क्या है? उसकी निशानियां क्या होंगी? उत्तर: बड़े धैर्य, गम्भीरता और समझ से बाप को याद करना ही एक्यूरेट याद है। जो एक्यूरेट याद में रहते […]Read More
08-02-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सूर्यवंशी विजय माला का दाना बनने के लिए श्रीमत पर पूरा पावन बनो, पावन बनने वाले बच्चे धर्मराज़ की सजाओं से छूट जाते हैं” प्रश्न: देही-अभिमानी बनने की मेहनत में लगे हुए बच्चों को कौन सा नशा रहेगा? उत्तर: मैं बाबा का हूँ, मैं बाबा के […]Read More