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Month: March 2018

00 Weekly Murli

12-03-2018

12-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देही-अभिमानी हो रहना, यही बड़ी मंजिल है, देही-अभिमानी को ही ईश्वरीय सम्प्रदाय कहेंगे, उन्हें बाप और परमधाम के सिवाए कुछ भी सूझेगा नहीं” प्रश्न: किस एक बात की धारणा से भविष्य 21 जन्मों के लिए पूंजी जमा हो जाती है? उत्तर: श्रीमत पर अपने ऊपर तथा […]Read More

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11-03-18

11-03-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 09-05-83 मधुबन “ब्राह्मण जीवन का श्रृंगार – स्मृति, वृत्ति, और दृष्टि की स्वच्छता (पवित्रता)” आज बापदादा सभी ब्राह्मण बच्चों के श्रेष्ठ कर्म की रेखा देख रहे हैं। जिस कर्म की रेखा द्वारा ही वर्तमान और भविष्य तकदीर की लकीर खींची जा रही है। सभी ब्राह्मणों की कर्म रेखा वा […]Read More

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09-03-2018

09-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सच्चे बाप के साथ सच्चा होकर रहो तो कदम-कदम पर पदमों की कमाई जमा होती जायेगी” प्रश्न: कौन सी प्राप्ति भगवान के सिवाए दूसरा कोई करा नहीं सकता है? उत्तर: मनुष्यों को चाहना रहती है हमें शान्ति वा सुख मिले। शान्ति मिलती है मुक्तिधाम में और […]Read More

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07-03-2018

07-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे, अपना मिजाज़ बहुत मीठा बनाओ, भूले-चूके भी किसी को दु:ख मत दो, बुरे वचन कहना, क्रोध करना, डांटना…. यह सब दु:ख देना है” प्रश्न: माया बच्चों की परीक्षा किस रूप में लेती है? उस परीक्षा में अडोल रहने की विधि क्या है? उत्तर: मुख्य परीक्षा आती है […]Read More

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05-03-2018

05-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाबा आया है तुम बच्चों की महफिल में, अभी तुम ज्ञान अमृत की महफिल मना रहे हो, तुम्हारी मुसाफिरी अब पूरी हुई, वापस घर जाना है” प्रश्न: अनेक प्रकार के तूफानों में याद को सहज बनाने की विधि क्या है? उत्तर: शरीर निर्वाह करते 5-10 मिनट […]Read More

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06-03-2018

06-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप समान रहमदिल बन हर एक को जीयदान देना है, ऐसा प्रबन्ध करना है जो बहुत मनुष्यों का सौभाग्य बने” प्रश्न: इस समय दुनिया में हर एक मनुष्य गरीब है इसलिए उन्हें कौन सी सहुलियत तुम्हें देनी है? उत्तर: तुम्हारे पास जो भी अविनाशी ज्ञान रत्नों […]Read More

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04-03-18

04-03-18 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ”अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 14-04-83 मधुबन “सम्पन्न आत्मा सदा स्वयं और सेवा से सन्तुष्ट” आज दूर देशवासी बच्चों से मिलने के लिए बच्चों के साकारी लोक में साकार का आधार ले बच्चों को और इस साकारी पुरानी दुनिया को भी देख रहे हैं। पुरानी दुनिया अर्थात् हलचल की दुनिया। बापदादा हलचल के दुनिया […]Read More

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03-03-2018

03-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सर्विस में कभी सुस्त नहीं बनना है, विचार सागर मंथन कर बाबा जो सुनाते हैं, उसे एक्ट में लाना है” प्रश्न: बाप किन बच्चों पर सदा ही राज़ी रहते हैं? उत्तर: जो अपनी सर्विस आपेही करते हैं। बाप को फालो करते हैं, सपूत हैं। बाप के […]Read More

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02-03-2018

02-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – शिवबाबा अलौकिक मुसाफिर है जो तुम्हें खूबसूरत (सुन्दर) बनाता है, तुम इस मुसाफिर को याद करते-करते फर्स्टक्लास बन जाते हो” प्रश्न: हर एक गॉडली स्टूडेन्ट्स को संगमयुग पर कौन सा पुरुषार्थ करने की श्रेष्ठ मत मिलती है? उत्तर: गॉडली स्टूडेन्टस को श्रीमत मिलती है कि इस […]Read More

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01-03-2018

01-03-2018 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद में रहते-रहते यह कलियुगी रात पूरी हो जायेगी, तुम बाप के पास चले जायेंगे फिर आयेंगे दिन में, यह भी वन्डरफुल यात्रा है” प्रश्न: तुम बच्चों को स्वर्ग में जाने की इच्छा क्यों है? उत्तर: क्योंकि तुम जानते हो जब हम स्वर्ग में जायें तब […]Read More