04-04-21 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 6-12-87 मधुबन सिद्धि का आधार – ‘श्रेष्ठ वृत्ति’ आज बापदादा अपने चारों ओर के होलीहंसों की सभा को देख रहे हैं। हर एक होलीहंस अपनी श्रेष्ठ स्थिति के आसन पर विराजमान है। सभी आसनधारी होलीहंसों की सभा सारे कल्प में अलौकिक और न्यारी है। हर एक होलीहंस अपनी विशेषताओं […]Read More
03-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बाप की याद में एक्यूरेट रहो तो तुम्हारा चेहरा सदा चमकता हुआ खुशनुम: रहेगा” प्रश्नः- याद में बैठने की विधि कौन सी है तथा उससे लाभ क्या-क्या होता है? उत्तर:- जब याद में बैठते हो तो बुद्धि से सब धन्धेधोरी आदि की पंचायत को भूल […]Read More
02-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – ज्ञान सागर बाप आये हैं – तुम बच्चों के सम्मुख ज्ञान डांस करने, तुम होशियार सर्विसएबुल बनो तो ज्ञान की डांस भी अच्छी हो” प्रश्नः- संगमयुग पर तुम बच्चे अपने में कौन-सी हॉबी (आदत) डालते हो? उत्तर:- याद में रहने की। यही है रूहानी हॉबी। इस […]Read More
01-04-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम ईश्वरीय सैलवेशन आर्मी हो, तुम्हें सबको सद्गति देनी है, सबकी प्रीत एक बाप से जुटानी है” प्रश्नः- मनुष्य अपना अक्ल किस बात में लगाते हैं और तुम्हें अपना अक्ल कहाँ लगाना है? उत्तर:- मनुष्य तो अपना अक्ल आकाश और सृष्टि का अन्त पाने में लगा […]Read More
31-03-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – एक बाप ही नम्बरवन एक्टर है जो पतितों को पावन बनाने की एक्ट करते हैं, बाप जैसी एक्ट कोई कर नहीं सकता” प्रश्नः- संन्यासियों का योग जिस्मानी योग है, रूहानी योग बाप ही सिखलाते हैं, कैसे? उत्तर:- संन्यासी ब्रह्म तत्व से योग रखना सिखलाते हैं। अब […]Read More
30-03-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें श्रीमत पर तत्वों सहित सारी दुनिया को पावन बनाने की सेवा करनी है, सबको सुख और शान्ति का रास्ता बताना है” प्रश्नः- तुम बच्चे अपनी देह को भी भूलने का पुरूषार्थ करते हो इसलिए तुम्हें किस चीज़ की दरकार नहीं हैं? उत्तर:- चित्रों की। जब […]Read More
29-03-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम रूप बसन्त हो, तुम्हारे मुख से सदैव ज्ञान रत्न ही निकलने चाहिए, जब भी नया कोई आये तो उसे बाप की पहचान दो” प्रश्नः- अपनी अवस्था को एकरस बनाने का साधन कौन सा है? उत्तर:- संग की सम्भाल करो तो अवस्था एकरस बनती जायेगी। हमेशा […]Read More
28-03-21 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 27-11-87 मधुबन बेहद के वैरागी ही सच्चे राजऋषि आज बापदादा सर्व राजऋषियों की दरबार को देख रहे हैं। सारे कल्प में राजाओं की दरबार अनेक बार लगती है लेकिन यह राजऋषियों की दरबार इस संगमयुग पर ही लगती है। राजा भी हो और ऋषि भी हो। यह विशेषता इस […]Read More
27-03-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – याद की यात्रा में रेस करो तो पुण्य आत्मा बन जायेंगे, स्वर्ग की बादशाही मिल जायेगी” प्रश्नः- ब्राह्मण जीवन में अगर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव नहीं होता है तो क्या समझना चाहिए? उत्तर:- जरूर सूक्ष्म में भी कोई न कोई पाप होते हैं। देह-अभिमान में रहने […]Read More
26-03-2021 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – सबसे बड़ी बीमारी देह-अभिमान की है, इससे ही डाउन फाल हुआ है, इसलिए अब देही-अभिमानी बनो” प्रश्नः- तुम बच्चों की कर्मातीत अवस्था कब होगी? उत्तर:- जब योगबल से कर्मभोग पर विजय प्राप्त करेंगे। पूरा-पूरा देही-अभिमानी बनेंगे। यह देह-अभिमान का ही रोग सबसे बड़ा है, इससे दुनिया […]Read More