31 अक्तुबर (सातारा:कपूरकॉलनी) मूल्य और आध्यात्मिक शिक्षा अभ्यासकेंद्र का उद्घाटन. लोकमान्य विद्या मंदिर के मुख्याध्यापक श्री. काले, डॉ. सुहास यादव, नागठाणे, सामजिक कार्यकर्ता श्री. इंद्रजीत देवरे और ब्रहमाकुमारी कांचन ने इस अभ्यासकेंद्र का उदघाटन किया.Read More
30 अक्तुबर (मॉरिशीयस) डॉ. निर्मलाबहन की मॉरिशयस सेवायात्रा. इस सेवा यात्रा में कई जगह पर प्रवचन / व्याख्याना दिए.Read More
ब्रह्माकुमारीज वेबसाइट के लिंक्स अंतरराष्ट्रीय http://www.bkwsu.org बीके समाचार http://www.bkinfo.in बीके Varta (हिन्दी समाचार) http://bkvarta.com ऑस्ट्रेलिया http://www.brahmakumaris.com.au – ऑस्ट्रेलिया रिट्रीट के मन शांति http://www.brahmakumaris.com.au/Read More
तपस्वी मूर्त & दादीजी एक अद्वितीय अध्यात्मिक शिक्षिका – प्रकाशमणि दादीजी तपस्वी मूर्त – प्रकाशमणि दादीजी ऐसे तो दादीजी का नेचर सहज तपस्या का ही था . उनका मन सहज ही उपराम अवस्था में रहती थी ..जैसे आप सभी को पता है बरसात की दिनों में मधुबन में भट्टिया चलती है उसमें हर साल अस्पताल […]Read More
सर्व आत्माओं का पिता परमात्मा एक है और निराकार है प्राय: लोग यह नारा तो लगते है कि “हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई सभी आपस में भाई-भाई है”, परन्तु वे सभी आपस में भाई-भाई कैसे है और यदि वे भाई-भाई है तो उन सभी का एक पिता कौन है- इसे वे नहीं जानते | देह की […]Read More
गीता ज्ञान कब क्यों और किसके द्वारा दिया गया ?Read More
राजयोग की यात्रा – स्वर्ग की और दौड़ राजयोग के निरंतर अभ्यास से मनुष्य को अनेक प्रकार की शक्तियाँ प्राप्त होती है | इन शक्तियों के द्वारा ही मनुष्य सांसारिक रुकावटों को पार कर्ता हुआआध्यात्मित्क मार्ग की और अग्रसर होता है | आज मनुष्य अनेक प्रकार के रोग, शोक, चिन्ता और परेशानियों से ग्रसित है […]Read More
राजयोग से प्राप्ति–अष्ट शक्तियां राज्योग के अभ्यास से, अर्थात मन का नाता परमपिता परमात्मा के साथ जोड़ने से, अविनाशी सुख-शांति कि प्राप्ति तो होती ही है, साथ ही कई प्रकार की अध्यात्मिक शक्तियां भी आ जाती है इनमे से आठ मुख्य और बहुत ही महत्वपूर्ण हैIइनमे से एक है ” सिकोड़ने और फैलानी की शक्ति” जैसे कछुआ अपने अंगो […]Read More
राजयोग के स्तम्भ अथवा नियम वास्तव में ‘योग’ का अर्थ – ज्ञान के सागर, शान्ति के सागर, आनन्द के सागर, प्रेम के सागर, सर्व शक्तिवान, पतितपावन परमात्मा शिव के साथ आत्मा का सम्बन्ध जोड़ना है ताकि आत्मा को भी शान्ति, आनन्द, प्रेम, पवित्रता, शक्ति और दिव्यगुणों की विरासत प्राप्त हो |योग के अभ्यास के लिए […]Read More