31-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह वन्डरफुल पाठशाला है जिसमें तुम पढ़ने वाली आत्मा भी देखने में नहीं आती तो पढ़ाने वाला भी दिखाई नहीं देता, यह है नई बात” प्रश्नः- इस पाठशाला में तुम्हें मुख्य शिक्षा कौन-सी मिलती है जो और कोई पाठशाला में नहीं दी जाती? उत्तर:- यहाँ बाप […]Read More
30-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम्हें रूहानी पण्डा बन सभी धर्म वालों को शान्तिधाम और सुखधाम का रास्ता बताना है, तुम हो सच्चे पण्डे” प्रश्नः- बाप की याद से किन बच्चों को पूरा बल प्राप्त होता है? उत्तर:- जो याद के साथ-साथ बाप से पूरा-पूरा आनेस्ट रहते हैं, कुछ भी छिपाते […]Read More
29-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – पहले-पहले सबको बाप का सही परिचय देकर गीता का भगवान सिद्ध करो फिर तुम्हारा नाम बाला होगा” प्रश्नः- तुम बच्चों ने चारों युगों में चक्र लगाया है, उसकी रस्म भक्ति में चल रही है, वह कौन-सी? उत्तर:- तुमने चारों युगों में चक्र लगाया वह फिर सब […]Read More
28-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – इस बेहद नाटक में तुम वन्डरफुल एक्टर हो, यह अनादि नाटक है, इसमें कुछ भी बदली नहीं हो सकता” प्रश्नः- बुद्धिवान, दूरादेशी बच्चे ही किस गुह्य राज़ को समझ सकते हैं? उत्तर:- मूलवतन से लेकर सारे ड्रामा के आदि-मध्य-अन्त का जो गुह्य राज़ है, वह दूरादेशी […]Read More
27-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – अपने ऊपर आपेही रहम करो, बाप जो श्रीमत देते हैं उस पर चलते रहो, बाप की श्रीमत है – बच्चे, टाइम वेस्ट न करो, सुल्टा कार्य करो” प्रश्नः- जो तकदीरवान बच्चे हैं, उनकी मुख्य धारणा कौन-सी होगी? उत्तर:- तकदीरवान बच्चे सवेरे-सवेरे उठकर बाप को बहुत प्यार […]Read More
26-07-20 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “अव्यक्त-बापदादा” रिवाइज: 27-02-86 मधुबन रूहानी सेना कल्प-कल्प की विजयी सभी रूहानी शक्ति सेना, पाण्डव सेना, रूहानी सेना सदा विजय के निश्चय और नशे में रहेते है न, और कोई भी सेना जब लड़ाई करती है तो विजय की गैरन्टी नहीं होती है। निश्चय नहीं होता कि विजय निश्चित ही है। लेकिन […]Read More
24-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम्हें ज्ञान रत्न देने, बाप तुम्हें जो भी सुनाते वा समझाते हैं यह ज्ञान है, ज्ञान रत्न ज्ञान सागर के सिवाए कोई दे नहीं सकता” प्रश्नः- आत्मा की वैल्यु कम होने का मुख्य कारण क्या है? उत्तर:- वैल्यु कम होती है खाद पड़ने […]Read More
25-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – देह-अभिमान छोड़ देही-अभिमानी बनो, देही-अभिमानियों को ही ईश्वरीय सम्प्रदाय कहा जाता है” प्रश्नः- तुम बच्चे अभी जो सतसंग करते हो यह दूसरे सतसंगों से निराला है, कैसे? उत्तर:- यही एक सतसंग है जिसमें तुम आत्मा और परमात्मा का ज्ञान सुनते हो। यहाँ पढ़ाई होती है। एम […]Read More
23-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – यह तुम्हारा जीवन बहुत-बहुत अमूल्य है, क्योंकि तुम श्रीमत पर विश्व की सेवा करते हो, इस हेल को हेविन बना देते हो” प्रश्नः- खुशी गायब होने का कारण तथा उसका निवारण क्या है? उत्तर:- खुशी गायब होती है – (1) देह-अभिमान में आने के कारण, (2) […]Read More
22-07-2020 प्रात:मुरली ओम् शान्ति “बापदादा” मधुबन “मीठे बच्चे – तुम बहुत रॉयल स्टूडेन्ट हो, तुम्हें बाप, टीचर और सतगुरू की याद में रहना है, अलौकिक खिदमत (सेवा) करनी है” प्रश्नः- जो अपने आपको बेहद का पार्टधारी समझकर चलते हैं, उनकी निशानी सुनाओ? उत्तर:- उनकी बुद्धि में कोई भी सूक्ष्म वा स्थूल देहधारी की याद नहीं […]Read More