लाईव्ह अपडेट : शुभवार्ता >> बीकेवार्ता पाठक संख्या एक करोड के नजदिक - दिनदूगीनी रात चौगुनी बढरही पाठकसंख्या बीकेवार्ता की ---- पाठको को लगातार नई जानकारी देनें मेे अग्रेसर रही बीकेवार्ता , इसी नवीनता के लिए पाठको का आध्यात्तिक प्यार बढा ---- सभी का दिलसे धन्यवाद --- देखीयें हमारी नई सेवायें >>> ब्रहमाकुमारीज द्वारा आंतरराष्टीय सेवायें | ब्रहमाकुमारीज वर्गीकत सेवायें |आगामी कार्यक्रम | विश्व और भारत महत्वपूर्ण दिवस | विचारपुष्प |
दुनियाभर में विश्व स्वपरायणता (आटिज्म) जागरूकता दिवस 2 अप्रैल जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2007 में दो अप्रैल के दिन को विश्व आटिज्म जागरूकता दिवस घोषित किया था. इस दिन उन बच्चों और बड़ों के जीवन में सुधार के कदम उठाए जाते हैं, जो आटिज्म ग्रस्त होते हैं और उन्हें सार्थक जीवन बिताने में सहायता दी जाती है.
नीला रंग आटिज्म का प्रतीक माना गया है. इस अवसर पर आटिज्म ग्रस्त एक व्यक्ति कृष्ण नारायणन द्वारा लिखित एक पुस्तक और 'अलग ही आशा' शीर्षक एक गीत जारी की गई.
भारत के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अनुसार प्रति 110 में से एक बच्चा आटिज्म ग्रस्त होता है और हर 70 बालकों में से एक बालक इस बीमारी से प्रभावित होता है.
इस बीमारी की चपेट में आने के बालिकाओं के मुकाबले बालकों की ज्यादा संभावना है. इस बीमारी को पहचानने का कोई निश्चित तरीका ज्ञात नहीं है, लेकिन जल्दी निदान हो जाने की स्थिति में सुधार लाने के लिए कुछ किया जा सकता है. दुनियाभर में यह बीमारी पाई जाती है और इसका असर बच्चों, परिवारों, समुदाय और समाज पर पड़ता है.